फ्रेंड आज हम बात करेंगे What Is Conductor, What Is Semi-Conductor, Conductor, Semi-Conductor, What Is Difference Between Conductor And Semi-Conductor, कंडक्टर और सेमीकंडक्टर में क्या अंतर है
कंडक्टर और सेमीकंडक्टर में क्या अंतर है
कंडक्टर को चालक भी कहा जाता है चालक व पदार्थ है जिससे इलेक्ट्रिक करंट आसानी से गुजर सकें वह चालक कहलाता है जिन चालकों पर विद्युत प्रतिरोधक पदार्थ एक या एक से अधिक परत चढ़ी होती है उन्हें इंसुलेटेड कंडक्टर कहते हैं
अब हम जान लेते हैं अर्धचालक के बारे में जिसे सेमीकंडक्टर कहा जाता है
सेमीकंडक्टर वह पदार्थ है जो ना ही तो अच्छे चालक होते हैं और ना ही अच्छे कुचालक होते हैं वह सेमीकंडक्टर के लाते हैं कहलाते हैं यह कम ताप पर चालक के भांति काम करते हैं और अधिक तापमान पर कुचालक बन जाते हैं यह एक प्रतिरोधक एलाऊ तथा मिश्रित एलाऊ है
एक अच्छे चालक में निम्नलिखित गुण विद्यमान होने चाहिए जैसे
- कम विशिष्ट प्रतिरोध
- जंग के प्रभाव से मुक्त
- चादर बनने योग
- अधिक नियंत्रित शक्ति पांचवा अधिक ग्लाक बिंदु
- आसानी से उपलब्ध
- कम कीमत
- तार खींचने योग्य
- सोल्डर किए जाने योग्य
- प्रचुर मात्रा
अधिक चालकता वाले चालक कौन-कौन से हैं
- चांदी
- तांबा
- सोना
- अल्मुनियम
- जिंक
अब हम जान लेते हैं अर्थ चालकों की बनावट के बारे में
- यूरेका 40% निकल 60% तांबा
- नाइक्रोम 80% निकल 20% क्रोमियम
- माइनिंग 84 पर्सेंट तांबा 12% माइनिंग 4% निकल
- जर्मन सिल्वर 60% तांबा 15% निकल 25% बैंक जिंक
- कैथल 50% क्रोमियम 30% निकल 20% आयरन
- प्लैटिनेट 64% तांबा 15% निकल 20% जिकन 1% टंगस्टन
- कार्बन कार्बन ऐसी धातु है जिसकी स्पेसिफिक रेजिस्टेंस अधिक होती है और इसकी रेजिस्टेंस तापमान बढ़ने पर घटती है और घटने पर बढ़ती है
अब हम जान लेते हैं अर्थ चालकों में क्या गुण है
- अर्धचालक हल्के तथा छोटे होते हैं
- दक्षता अधिक होती है उनमें
- वातावरण के प्रभाव से मुक्त होते हैं
- कम विद्युत खर्च करते हैं
तो फ्रेंड इस ब्लॉग में अपने जाना कंडक्टर के बारे में अर्धचालक की बनावट और उसके गुण के बारे में तो हम उम्मीद करते हैं यह Blog आपके लिए हेल्पफुल रहा हो
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