फ्रेंड आज हम बात करेंगे छींकते समय मनुष्य की दोनों आँखें बंद क्यों हो जातीं हैं / GENERAL KNOWLEDGE IN HINDI QUESTION ANSWER / GK IN HINDI
1 साल का बच्चा हो या 50 साल का बूढ़ा व्यक्ति यदि छींक आती है तो उस व्यक्ति की आंखें अपने आप बंद हो जाती हैं। या यूँ कहे की पलक अपने आप झपक जाती है ऐसा क्यों होता है। हमारे देश के बड़े बूढ़े कहते हैं कि छींकने के समय यदि आंखें बंद नहीं की तो हमारी (Eye pupils) आंखों की पुतलियां निकल सकती है।
मगर हम आपको यह बताना चाहते है की छींक से आंखों से कोई रिश्ता नहीं होता है। कई प्रेक्टिसो के बाद कुछ वैज्ञानिकों ने आंखें खुली रखकर छींककर बताया मगर फिर भी छींकते समय मनुष्य की दोनों आँखें बंद हो जातीं हैं यह मनुष्य के शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन इसके पीछे कोई ना कोई लॉजिक तो होगा ही ना ।
आइए जानते हैं:-
मनुष्य को छींक क्यों आती है
होता ये है कि सांस लेने के रास्ते में जब कोई बाहरी कन जैसे धूल गंदगी, मिट्टी, या महीन रेशा इत्यादि अटक जाता है तो उसे साफ करने के लिए शरीर जो प्रक्रिया अपनाता है वही छींकना कहलाता है । जब इस तरह का कोई अवरोध स्वसननली में अटकता है तो दिमाग की ट्राइजेमिनल नर्व (तंत्रिका) को अव्यवस्था का एक संदेश जाता है। इसके बाद दिमाग हमारे शरीर को यह रुकावट हटाने का हुक्म देता है जिसकी कारण फेंफड़े अधिक मात्रा में ऑक्सीजन इक्कठा कर के उसे जोर से बाहर निकालते हैं। और दबाव के साथ हवा बाहर निकलने के कारण बाधा कर रहे अंश भी बाहर चले जाते हैं।
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छींक क्यों आती है:
छींकना एक Reversible Action यानी ( प्रतिवर्त क्रिया) है। जैसे की हमारी पलकों का झपकना, अगर गलती से गर्म चीज पर हाथ आते ही हाथ का अपनेआप हटना, स्वादिष्ट और चटपटा भोजन देखकर या सूंघ कर मुंह में अपने आप लार का आना, कांटे पर पैर आते ही पैर का हटना ETC. इन सब की खबर सिर तक पहुंचने के पहले ही एक्शन हो जाता है।
छींकने के समय हमारी आँखे बंद क्यों हो जातीं हैं
अगर छींकने के समय पलकें झपकने का सवाल है इसके लिए वैज्ञानिक Trigeminal नस को ही जिम्मेदार मानते है ।
Trigeminal नस तंत्रिका तंत्र का वह हिस्सा होती है, जो हमारे ज्ञानेंद्रिय को नियंत्रित करती है। जैसे की चेहरे, आंख, नाक, मुंह, और जबड़े को Controlled करती है। असल में छींकने के दौरान बाधा को हटाने का यह दिमागी सूचना तंत्रिका तंत्र आंखों तक भी पहुंचा देती है। जिसके कारण इसी प्रतिक्रिया में हमारी दोनों आँखें बंद पलकें झपक जाती हैं। मतलब यही है की छींकने के समय हमारी पलकों को अचानक झपकने का कोई खास Reson नहीं होता है ।
इसलिए जब भी आपको छींकने का एहसास हो तो दुनिया भर की बनायीं गयी कहानी को छोड़े और जब भी छींक आये तो मुँह पर रूमाल रखकर छींकें।
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