तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में 1 घंटे 40 मिनट की DRAMA और FAMILY मूवी Dedh Bigha Zameen- 31 MAY 2024 को HINDI लैंग्वेज में JIO CINEMA पर सट्रिम कर दी गई थी

अगर आप मीडियम परिवार से हैं और आपके पिताजी ने आपके ऊपर कुछ जिम्मेदारियां छोड़ी है और उन जिम्मेदारियां को अगर आपको निभाना है अपने परिवार को भी संभालना है अपनी बहन की भी शादी करनी है और शादी का खर्च कम से कम 30 से 40 लाख का हो तो एक मीडियम परिवार कैसे उसको पूरा करेगा वह क्या-क्या चीज़ अपनी दांव पर लगा सकता है इस मूवी में हमें यही देखने को मिलने वाला है यह एक फैमिली मूवी है जिसे आप पूरे परिवार के साथ देख पाएंगे

इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Prasanna Bisht, Pratik Gandhi, Deepesh Sumitra Jagdish है इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे इस मूवी के डायरेक्टर Pulkit हैं


इस मूवी की शुरुआत में हम देखते हैं की अनिल के घर कुछ मेहमान आए हुए हैं वह लोग अपने बेटे का रिश्ता अनिल की छोटी बहन के साथ करना चाहते थे लड़के ने पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिग्री ली हुई है और जल्दी उसे नौकरी भी मिल जाएगी और वो आदमी अपने बेटे के पढ़ाई पर बहुत ज्यादा गर्व करता है साथ में अनिल को भी इस सगाई में कोई भी आपत्ति नहीं है अनिल के पिता को गुजरे 7 साल हो गए और वह अपनी मां चाचा और अपनी पत्नी पूजा और छोटी बहन नेहा के साथ रहता है वो अपनी बहन की शादी करवाना चाहता है इसलिए वह इस रिश्ते के लिए मान जाता है लेकिन लड़के वालों की कुछ शर्तें हैं शर्तें कुछ ऐसी हैं कि लड़के वालों को ₹25 लाख रुपए नगद सोना चांदी कपड़े और एक स्कॉर्पियो या बोलेरो जैसी गाड़ी चाहिए अनिल कहता है मैं इतना तो नहीं दे सकता हूं लेकिन ₹20 लाख रुपए कपड़े गहने और बोलेरो स्कॉर्पियो गाड़ी की बात करता है और उनकी बातें यहीं पर डन हो जाती है यानी कि लड़के वाले इतना सारा दहेज ले रहे थे हैं साथ में लड़के की शादी का सारा खर्चा भी अनिल को ही उठाना होगा रिश्ता पक्का हो जाता है और यह लोग बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं रात को अनिल अपनी मां से बालों में तेल लगवा रहा था तब नेहा और पूजा रसोई में खाना बना रहे होते हैं नेहा को इस रिश्ते से कोई प्रॉब्लम है नहीं लेकिन पूजा अनिल से कहती है कि लड़के वाले कुछ ज्यादा ही दहेज का डिमांड कर रहे हैं जो कि ठीक नहीं है लेकिन अनिल कर भी कह सकता है अगर उसे अपनी बहन की शादी करानी है तो यह सब तो करना होगा

अनिल और उसकी वाइफ दोनों तरफ के खर्च को जब निकलते हैं तो उन्हें कम से कम 45 लाख का इंतजाम अकेले अनिल को ही करना है अगले दिन अनिल जमीन के कागज ढूंढने लगता है जो कि अनिल के पिताजी ने 1987 में ली थी वो उन कागजों को लेकर ब्रोकर के पास जाता है और जमीन दिखाता है जमीन डेढ़ बीघा का है जो कि जमुना पार हाईवे के पास है ब्रोकर भी इस जमीन की अच्छी खासी रेट देने को तैयार है इस जमीन की कीमत 80 से 90 लाख है लेकिन अनिल को दो महीनों में यह जमीन बेचनी पड़ेगी अपनी बहन की शादी के दहेज का इंतजाम करने के लिए इसीलिए वो इस जमीन को 60 से 65 लाख में बेचने के लिए तैयार हो जाता है


अगले दिन लड़के और लड़की वाले मंदिर जाते हैं और यह अनिल के कुलदेवी का मंदिर है यहां पर अनिल कृष्णा जी को ₹1.5 लाख देता है और नेहा और अजय की रिंग सेरिमनी करवाई जाती है कृष्णा जी अपनी बात रखते हुए यहां पर सफेद रंग की स्कॉर्पियो की मांग करते हैं जिस पर अनिल मान जाता है सगाई पक्की होने के बाद अजय नेहा को चुपके से एक फोन गिफ्ट कर देता है इसी दौरान अनिल भी एक ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो लाता है और सब कुछ अच्छे से ही चल रहा था और बस एक बार वह जमीन बिक जाए तो उसके बाद अनिल अपनी बहन की शादी भी करवा सकता है एक दिन अनिल अपनी दुकान में अपने दोस्त आसिफ के साथ खाना खा रहा होता है और नेहा की शादी की तैयारी के बारे में वह लोग बात कर रहे थे कि तभी अनिल के पास एक कॉल आता है दरअसल यह कॉल ब्रोकर का था और वह ब्रोकर के पास जाता है और ब्रोकर कुछ चिंता में पड़ गया था

क्योंकि समस्या बहुत बड़ी है अनिल के पूछने पर ब्रोकर बताता है कि उसके जमीन पर यहां के विधायक अमर सिंह का पोजीशन है यानी कि उसने अनिल की जमीन पर कब्जा कर लिया है अमर सिंह अभी करंट विधायक है इसलिए अब अनिल कुछ नहीं कर सकता हालांकि अनिल के पास जमीन के कागजात रसीद सब कुछ है लेकिन जमीन पर अमर सिंह का कब्जा है और अमर सिंह इस जमीन को छोड़ेगा तो नहीं यह बात जानने के बाद अनिल परेशान हो जाता है और रात को यह सारी बात वो अपने चाचा को बता देता है चाचा और अनिल सोचते हैं कि वो लोग इस सबके खिलाफ एक कंप्लेंट लिखवाए इसलिए अगले दिन दोनों मिलकर पुलिस स्टेशन जाते हैं लेकिन पुलिस ऑफिसर तो फोन पर अपनी बीवी को मीट बनाने की रेसिपी बता रहा था खैर फोन रखने के बाद वो दोनों की बातें सुनते हैं लेकिन वो किसी भी तरह की मदद नहीं करता क्योंकि व भी विधायक से डरता है और व कोई भी तरह का दुश्मनी विधायक से नहीं लेना चाहता था वो इन लोगों को सलाह देते हैं कि कि पहले आप लोगों को कोर्ट में केस दर्ज करना होगा उसके बाद ही हम लोग कुछ कर सकते हैं इसलिए अनिल और उसके चाचा खाली हाथ पुलिस स्टेशन से वापस आ जाते हैं रात को अनिल पूजा को इसी बारे में बता रहा होता है कि जमीन पर विधायक ने कब्जा कर लिया है तभी वहां पर नेहा आती है लेकिन अनिल इसके बारे में कुछ भी उसे नहीं बताता क्योंकि वह नहीं चाहता कि नेहा को किसी भी तरह की टेंशन हो पूजा अनिल को अपने बबलू भैया से हेल्प लेने के लिए कहती है जो कि एक वकील है लेकिन अनिल उस आदमी से कोई हेल्प नहीं लेना चाहता क्योंकि व आदमी बैठने से पहले अपनी कार की चाबी सामने रख देता है और बहुत दिखावा करता है सिर्फ हंसते रहता है मगर फिर भी अगले दिन दोनों कोर्ट में बबलू भैया से मिलने के लिए पहुंच जाते हैं वहां पर बबलू भैया आते हैं और ठीक वैसा ही होता है जैसा अनिल ने कहा था वो आदमी बैठता है और टेबल पर अपनी कार की चाबी रखता है

अनिल अपनी सारी परेशानी बबलू भैया को बताता है कि किस तरह से उसके पिताजी ने वह जमीन खरीदी थी और अब उस जमीन पर विधायक ने कब्जा कर लिया यह सब सुनने के बाद बबलू जोर-जोर से हंसने लगता है और यही तो है इसकी बुरी आदत जिस वजह से अनिल इसके पास आना नहीं चाहता था लेकिन अनिल पीछे हटने के लिए तैयार ही नहीं था इसलिए बबलू अब उसे सलाह देता है कि अगर वह अपना जमीन वापस लेना चाहता है तो उसे विधायक को कोर्ट की तरफ से नोटिस भेजना होगा और सब कुछ ठीक रहा तो विधायक उनकी जमीन लौटा देंगे नहीं तो फिर आगे देखेंगे क्या होता है बबलू के कहने पर पूजा और अनिल बबलू को अपना वकील बनाकर कोर्ट में एक मुकदमा दर्ज करवाते हैं पहली सुनवाई शुरू होती है और अनिल की तरफ से बबलू केस लड़ता है और विधायक की तरफ से एक दूसरा वकील आता है लेकिन विधायक के परिवार से कोई भी नहीं आता सुनवाई शुरू होती है और इस बीच विधायक का वकील जमीन के कागजात दिखाता है जो कि विधायक के नाम से है वो भी 1982 से जो कि एकदम फर्जी है मगर फिर भी अनिल केस हारते हुए नजर आ रहा था इसलिए बबलू जज से अगली तारीख की डिमांड करता है लेकिन जज इस केस को यहीं पर बंद कर देते हैं और कहते हैं कि इसमें अनिल की ही गलती है इस वजह से बबलू की बहुत बेइज्जती भी होती है और व अनिल से काफी नाराज भी था लेकिन अनिल फिर भी जिद्द पर अड़ा हुआ था कि वह अपनी जमीन को वापस लेने के लिए कुछ भी करेगा इसलिए अब अनिल बबलू के कहने पर कोर्ट में विधायक के खिलाफ केस करने के लिए तैयार हो जाता है अनिल को लगता है कि वह एक दो महीने में केस जीत जाएगा और उसकी जमीन वापस उसे मिल जाएगी लेकिन बबलू फिर से हंसने लगता है और अनिल को समझाता है कि पूरे भारत में 45 करोड़ केस पेंडिंग है ऐसे केस को सॉल्व होते-होते कम से कम 20 से 25 साल लगेंगे और अगर तुम मर भी गए तो तुम्हारे पोते तक को कोर्ट में आना होगा हो सकता है उसे भी यह जमीन ना मिले लेकिन अनिल के पास तो सिर्फ दो महीने का वक्त है उसे जो भी करना है इन्हीं दो महीनों में ही करना होगा


इसलिए अनिल विधायक के खिलाफ केस दर्ज करने से मना कर देता है और वापस घर आ जाता है घर आकर सभी लोग परेशान बैठे हुए थे कि विधायक के कब्जे से वो जमीन को कैसे छुड़वाए जो कि असली में इन लोगों की ही है नेहा घर पर नहीं होती और वो अपने दोस्त के घर पर गई हुई थी अनिल के चाचा उसे समझाते हैं कि उसे भी पीछे हट जाना चाहिए और उस जमीन को छोड़ देनी चाहिए क्योंकि विधायक कुछ भी कर सकता है और वह शादी के खर्चे के लिए लोन का इंतजाम कर लेंगे लेकिन अनिल पीछे हटने को तैयार नहीं है क्योंकि अनिल सोचता है कि वह जमीन उसकी है तो वह पीछे क्यों ही हटेगा और लोन वगैरह लेगा तो पूरी जिंदगी उसका ब्याज भारते रह जाएगा पूजा अनिल को कहती है कृष्णा जी को कॉल करने और शादी की डेट थोड़ा और आगे बढ़ा देने ताकि उन्हें और थोड़ा टाइम मिल जाए अनिल कृष्णा जी को कॉल करता है और वह इस शादी को लेकर बहुत ज्यादा एक्साइटेड थे और अनिल को बताते हैं कि उन लोगों ने शादी के कार्ड छपवाने के लिए भी दे दिए हैं पहला कार्ड वो अनिल को ही भेजेगा और अब व सफेद कलर की स्कॉर्पियो के बजाय लाल कलर की स्कॉर्पियो चाहते हैं अनिल उनकी बातें सुनता है मगर वो कुछ नहीं बोल पाता और फोन रख देता है

अगले दिन अनिल अपने दोस्त आसिफ के साथ विधायक के दफ्तर पर जाता है वहां पर उन्हें विधायक का असिस्टेंट मिलता है जो कि उन लोगों को एक फॉर्म भरने के लिए कहता है और इसमें वह अपनी शिकायत लिखने के लिए बोलता है वो लोग फॉर्म भर के शिकायत पेटी में डालने के लिए जाते हैं लेकिन वो पेटी पूरी तरह से भरी हुई होती है इसलिए वो वापस असिस्टेंट के पास आते हैं तब इन लोगों को पता लगता है कि विधायक जी अभी लोकसभा के चुनाव में बिजी हैं और 6-7 महीने से पहले वो रतनपुरा वापस नहीं आने वाले अगर इन लोगों को विधायक जी से मिलना है तो उन्हें गोरकपुर जाना होगा इसीलिए वह लोग अपनी शिकायत वापस लेकर आ जाते हैं घर जाकर अनिल रात को अपना बैग पैक करने लगता है ताकि वह विधायक से मिलने गोरखपुर जा सके इसी बीच पूजा को भी पता लग जाता है कि घर में विधायक नाम की परेशानी आई हुई है और इस वजह से वह भी बहुत ज्यादा टेंशन में आ जाती है इधर यह सभी परेशान हैं और दूसरी तरफ अजय नेहा से हनीमून की डेस्टिनेशन पूछ रहा होता है


अगले दिन अनिल और आसिफ गोरखपुर जाने वाली बस में बैठ जाते हैं और वहां पर विधायक के दफ्तर जाते हैं लेकिन वहां पर भी उन्हें विधायक नहीं मिलते एक आदमी उन लोगों को विधायक जी के खास आदमी का नंबर देता है इस आदमी का नाम है अवदेश अनिल उस नंबर पे काफी बार ट्राई करता है लेकिन अवदेश फोन नहीं उठाता तब अनिल के पास उसका फोन आता है और उसे मिलने का टाइम बता देता है अब जैसा कि प्लान हुआ था अगले दिन 5:00 बजे अनिल अवदेश से मिलने के लिए पहुंच जाता है अनिल अवदेश के सामने अपनी सारी बात रखता है और अब अवदेश पूरी बात को आराम से सुनता है लेकिन जैसे ही अनिल विधायक जी को नोटिस भेजने की बात करता है तो अवदेश अनिल पर भड़क पड़ता है और कहता है कि अगर नोटिस भेज ही दिया है तो अब खुद इस मामले को हैंडल कर लो मुझे बीच में लाने की क्या जरूरत है लेकिन अनिल उससे रिक्वेस्ट करता है कि किसी तरह उसे विधायक जी से मिलवा दे तभी अवदेश के पास किसी का फोन आता है और अवदेश बहुत ही बुरी तरीके से उस कॉल करने वाले आदमी को गालियां देने लगता है

कॉल रखने के बाद अवदेश वापस से शांत हो जाता है और अगले दिन 5:00 बजे विधायक से मिलवाने के लिए तैयार हो जाता है अगले दिन अनिल और आसिफ अवदेश के कहने पर 5:00 बजे पहुंच जाते हैं और वहां पर विधायक की रैली निकल रही होती है और वह इन दोनों को विधायक की गाड़ी के पीछे की सीट पर बिटवाता है अनिल विधायक से कहता है कि आपने हमारी जमीन पर पजेशन ले रखा है अगर आप हमें वह जमीन वापस दे देते हैं तो मैं अपनी बहन की शादी करवा पाऊंगा विधायक बहुत ही आराम से और प्यार से उससे बात करते हैं और पोजीशन हटवाने के लिए भी मान जाते हैं रास्ते में वो लोग एक पेट्रोल पंप पर रुकते हैं जहां पर अमर सिंह बड़े मिनिस्टर्स के साथ अपना एक फोटो देखता है अब वो लोग जैसे ही विधायक से मिलकर अपने गांव रतनपुरा आते हैं तो पुलिस वाले अचानक अनिल को पकड़ कर ले जाते हैं और अगले दिन बबलू भैया को अनिल को पुलिस स्टेशन से छुड़वा कर वापस घर लाना पड़ता है

घर आकर बबलू अनिल को समझाता है कि यह सब विधायक ने ही करवाया है लेकिन अनिल मानने को तैयार ही नहीं था और उसे कहता है कि वह कल रात ही विधायक से मिला है और वह बहुत ही अच्छे आदमी है और अपना कब्जा भी वह हटाने के लिए मान गए हैं तब बबलू अनिल को बोलता है कि विधायक जी ने तुम्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिया अनिल तुरंत अवदेश को कॉल करता है और कहता है कि उसे पजेशन हटाने वाला लेटर चाहिए लेकिन अवदेश बुरी तरीके से अनिल को गालियां देने लगता है और फोन रख देता है अनिल समझ गया था कि विधायक और उसके अंडर काम करने वाले लोग सभी लोग कैसे इंसान हैं और अब उसे केस करना ही होगा अगले दिन कृष्णा जी अनिल के घर नेहा और अजय की शादी का पहला कार्ड भिजवा देते हैं साथ में मिठाई का एक डब्बा भी


इसी के साथ अनिल अपनी जमीन पर वापस से कब्जा कर लेता है और चारों तरफ जालीदार फेंसिंग लगवा देता है अनिल ब्रोकर के पास जाता है और उसे किसी भी तरह से जमीन बेचने के लिए कहता है लेकिन ब्रोकर विधायक से डरता है इसलिए अनिल उसे एक ऑफर देता है अनिल को सिर्फ जमीन के लिए 45 लाख चाहिए और बाकी 80 से 90 लाख जितने भी चाहे ब्रोकर इस जमीन को बेच सकता है और अपने पास रख सकता है ब्रोकर के मन में लालच आ जाता है और वो उसकी मदद करने के लिए मान जाता है अगले दिन अनिल नहाकर जैसे ही बाहर आता है तो उसके पास आसिफ का कॉल आता है दरअसल विधायक के आदमियों ने अनिल की जमीन पर लगी फेंसिंग को तोड़ दिया है इसी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए वो लोग फिर से पुलिस स्टेशन जाते हैं लेकिन पुलिस वाला अभी भी उन लोगों की रिपोर्ट लिखने के लिए तैयार ही नहीं था क्योंकि उनकी बातों से यह साबित हो ही नहीं रहा था कि वह फेंसिंग विधायक के आदमियों ने ही तुड़वाया है इसी तरह यह पूरा दिन अपने काम और विधायक के साथ हो रही जमीन के विवाद को लेकर बस परेशान ही रहता है रात को वह थका हुआ जब घर वापस आता है तो पता लगता है कि नेहा अभी तक घर वापस आई नहीं उसका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा था वो अपने दोस्त आसिफ और चाचा के साथ नेहा को रात भर पूरे शहर में ढूंढने के लिए निकल जाता है तब आसिफ पुलिस स्टेशन चलने की सलाह देता है लेकिन अनिल जाने को तैयार नहीं था चाचा के फोर्स करने पर वो तीनों पुलिस स्टेशन नेहा के मिसिंग होने की रिपोर्ट लिखवाने के लिए चले जाते हैं तब पुलिस वाला थोड़ी बहुत नेहा की जानकारी लिखता है लेकिन वो अभी भी एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार ही नहीं था क्योंकि नेहा को गुम हुए 24 घंटे हुए ही नहीं थे और ऊपर से यह नहीं पता कि वो किडनैप हुई भी है या नहीं या किसी के साथ भाग गई है इस बात पर अनिल को गुस्सा आ जाता है और वह पुलिस वालों को गालियां देने लगता है

चाचा और आसिफ किसी तरह अनिल को बाहर लेकर जाते हैं बाहर जाते ही अनिल के पास पूजा का कॉल आता है नेहा घर आ चुकी थी मगर उसकी हालत बहुत ही बुरी थी और वह रो रही थी और उसकी हालत का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि विधायक ही है अगले दिन कृष्णा जी अनिल के घर आते हैं और सगाई में जो रुपए मिले थे वह वापस लौटा देते हैं और इस रिश्ते को भी यहीं पर तोड़ देते हैं पहले तो अनिल अपनी बहन की इज्जत बचाने के लिए कृष्णा जी से भीख मांगता है लेकिन फिर अनिल को भी गुस्सा आ जाता है और वो उनके पीछे जाकर उन्हें ही बुरा भला कहने लगता है और वह अजय से उसकी शादी की अंगूठी भी वापस ले लेता है जो कि अनिल ने दिया था


इसके बाद वहां पर बबलू भैया आते हैं और अनिल को शुरू से सब कुछ समझाते हैं जब सारी बात समझ आती है तो पता लगता है कि यह सारा पंगा ब्रोकर के वजह से ही हुआ दरअसल ब्रोकर अगर अनिल की जमीन को किसी और को बेचता है तो उसे 5 लाख का फायदा होगा और अगर यही जमीन वह विधायक को बेचता है तो उसे 20 लाख का फायदा होगा इसी वजह से ब्रोकर ने विधायक को व जमीन बेच दी अनिल बबलू भैया को केस के कागज तैयार करने को बोलता है और वह चला जाता है ब्रोकर के पास और व ब्रोकर की दुकान में जो आदमी होता है उसे चाय लेने के लिए बोलकर दुकान का शटर डाउन करके ब्रोकर को बुरी तरह पीटता है और उसे माफीनामा लिखवाता है अब अनिल के पास गवाह के रूप में ब्रोकर मौजूद है जिसकी मदद से वो अपनी जमीन 4-5 साल में वापस ले सकता है इसी बात से अनिल खुश होता है और घर का माहौल थोड़ा बहुत हल्का हो गया था अनिल की मां उसे खाना खाने के लिए नीचे बुलाती है तब पूजा और अनिल दोनों साथ में नीचे आते हैं लेकिन तभी घर के दरवाजे पर कोई अनिल को बुलाता है अनिल को लगता है कि आसिफ है और वह जैसे ही दरवाजा खोलता है तो दरवाजे पर एक आदमी खड़ा था और उसके पीछे एक और आदमी जो बाइक पर बैठा था अनिल ने उन दोनों को पहली बार देखा वो आदमी उसे पूछता है क्या उसका नाम अनिल है जिसके बाद वह अनिल पर एक-एक करके तीन गोलियां चला देता है और वह लोग बाइक पर बैठकर वहां से भाग जाते है पूजा अनिल को इस हालत में देखकर रोने लगती है और अनिल की मौके पर ही मौत हो जाती है

और यह मूवी यहीं पर खत्म हो जाती है इस मूवी को देखकर यही लगता है की बुजुर्गों ने जो कहावत कही है जड़ जोडू और जमीन के लिए बहुत कुछ हो सकता है और आदमी किसी भी हद तक जा सकता है या कहानी हमें यही सिखाती है की एक सही आदमी को सही साबित करने के लिए क्या-क्या गवना पड़ता है क्या आप अनिल की बहन की शादी कैसे होगी अगर वह विधायक जमीन पर कब्जा नहीं करता तो आज अनिल की बहन अपने ससुराल में होती और अनिल अपने परिवार के साथ खुश होता इसीलिए दोस्तों लड़ाई झगड़े में कुछ भी नहीं रखा हुआ है आपकी जान बचेगी तो आप और भी बहुत कुछ कर सकते हैं हां यह बात और थी कि खट्टा पैसा आना और और उसे पैसे को हाथ से जाते हुए देखना आसान बात नहीं होता है


तो फ्रेंड्स इस मूवी का लिंक मैंने कमेंट में pin कर दिया है आप वॉच कर सकते हैं बिल्कुल फ्री में तो फ्रेंड्स इ इस मूवी की रिव्यू आपको कैसी लगी आप हमें जरूर बताइ

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