तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2023 में सलमान खान प्रोडक्शन में बनी हुई क्राईम ड्रामा और THRILLER मूवी Farrey के बारे में 2 घंटे 10 मिनट की है यह मूवी 24 NOVEMBER 2023 को Hindi, लैंग्वेज में Jio Tv Or ZEE 5 पर streem की गई थी अगर आप इस मूवी को वॉच करना चाहते हैं तो इस वीडियो में इस मूवी का लिंक दे दिया गया है आप वॉच कर सकते हैं तो प्लीज वीडियो को पूरा देखें
इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Arsh Wahi, Alizeh Agnihotri, Juhi Babbar, इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे इस मूवी के डायरेक्टर Soumendra Padhi हैं
इस मूवी के WRITER Abhishek Yadav, Jitendra Nath Jeetu,और Soumendra Padhi हैं
मूवी के शुरुआत में हम नियती को देखते हैं जो किसी और का एंट्रेंस एग्जाम खुद देने के लिए जाती है दरअसल एडमिट कार्ड के हिसाब से जो स्टूडेंट एग्जाम देने वाली थी उसका फोटो निकालकर नियती खुद का फोटो लगवा देती है और उसकी तरफ से एग्जाम दे देती है और बाद में वो स्टूडेंट नियती को पैसे दे देती है नियती खुद 16 साल की है और वह 10वीं कक्षा की पढ़ाई की तैयारी कर रही है और वह इतनी ज्यादा ब्रिलियंट है कि वह कॉलेज का पेपर भी सॉल्व कर सकती है नियती अनाथ है और वह एक गर्ल्स ऑर्फनेज में शैलेश और जोया के साथ रहती है और साथ में 25 और बच्चे भी रहते हैं ऑर्फनेज में प्रियंका नाम की लड़की भी है जो फिलहाल 19 साल की है और वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है लेकिन जोया शैलेश से कहती है कि प्रियंका 19 साल की हो गई है और हम उसे लीगली यहां पर नहीं रख सकते लेकिन शैलेश जोया की बात नहीं मानता और प्रियंका को यहीं रहने के लिए कहता है
इधर देखते हैं कि 10वीं कक्षा की रिजल्ट भी निकल जाती है और पता चलता है कि नियती ऑल इंडिया रैंक में टॉप की है यानी कि पूरे इंडिया में सबसे ज्यादा नंबर नियती को मिले हैं ये जानकर शैलेश और जोया बहुत खुश हो गए थे और उनके घर में रिपोर्टर्स आ चुके थे उसके इंटरव्यू लेने के लिए पूरे घर में जश्न का माहौल था इसके बाद नियती को हायर सेकेंडरी की पढ़ाई करने के लिए एक दूसरे स्कूल में एडमिशन दिलाया जाता है और उस स्कूल का नाम है इंस्टन इंटरनेशनल जो कि इंडिया का सबसे टॉप स्कूल है उस स्कूल में नियती को 100% स्कॉलरशिप दिया जाता है नियति से पूछा जाता है कि उसे आगे क्या बनना है नियति बताती है कि मुझे आईआईटी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके बहुत पैसा कमाना है यह सुनकर स्कूल के प्रिंसिपल नियती से कहती है कि दुनिया में आईआईटी से बड़ा और भी कई कॉलेजेस हैं जैसे कि स्टैनफोर्ड ऑक्सफोर्ड जिसमें पढ़ाई करके तुम और भी ज्यादा पैसे कमा सकती हो नियती को स्कूल में एडमिशन मिल जाती है और उसे कहा जाता है एक महीने के बाद टर्म वन की परीक्षा शुरू होने वाली है अगले ही दिन से नियती स्कूल जवाइन कर लेती है और उसके साथ एक और लड़का भी उसी दिन जवाइन करता है जिसका नाम आकाश है वो भी नियती की तरह काफी ब्रिलियंट है क्लास के सभी स्टूडेंट दोनों को चिढ़ाने लगते हैं लेकिन जैसे ही क्लास शुरू होता है टीचर छवि से मैथ का एक क्वेश्चन पूछते हैं लेकिन छवि उसका जवाब नहीं दे पा रही थी नियती जो उसके साथ बैठी हुई थी वो उस क्वेश्चन का सलूशन कॉपी में बना लेती है और कॉपी चुपके से छवि को दे देती है और छवि कॉपी में देख देखकर उस क्वेश्चन को सॉल्व कर देती है और तब से छवि और नियती दोस्त बन गए थे
छवि पढ़ाई-लिखाई में बहुत कमजोर थी और व नियती को अपना फोन नंबर देती है ताकि कभी भी कोई भी समय वो उससे हेल्प मांग सके नियती जब घर वापस पहुंचती है तो देखते हैं कि प्रियंका घर छोड़कर जा रही थी क्योंकि 18 साल के बाद से इस ऑर्फनेज में रहना अलाउड नहीं था और प्रियंका आईएएस की तैयारी करने में जुटी हुई है शैलेश थोड़ा सा मायूस हो गया था क्योंकि वह प्रियंका से प्यार करता था उसे अपनी बेटी की तरह मानता था अगले दिन नियती स्कूल जाती है और छवि के साथ लाइब्रेरी में पढ़ाई करती है छवि बताती है कि वह पढ़ाई में बहुत कमजोर है और अगर नियती उसकी पढ़ाई में हेल्प कर देगी तो उसे थोड़ी मदद हो जाएगी नियती छवि को पढ़ाने के लिए मान जाती है और उसके बाद छवि नियती को लेकर अपने घर चली जाती है घर पहुंचने के बाद नियती हैरान हो जाती है कि छवि इतने बड़े आलीशान बंगले में रहती है यहां हमें मालूम चलता है कि छवि के पिता एक बहुत बड़े बिजनेसमैन है और छवि का भाई भी पढ़ाई में अच्छा है और वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फिलहाल पढ़ाई कर रहा है छवी के पिता भी यही चाहते हैं कि उसके बेटे की तरह छवी भी स्टैनफोर्ड में जाकर पढ़ाई करें लेकिन छवी का मन कुछ और ही चाहता था वो इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई करना चाहती थी और उसे उसी में दिलचस्पी है लेकिन इंटीरियर डिजाइनिंग में इतना पैसा नहीं है जितना वो स्टैनफोर्ड में पढ़ाई करने के बाद कमा पाएगी और इसीलिए छवी अपने पापा की इज्जत रखने के लिए पढ़ाई करने की कोशिश कर रही थी छवी के पास कुछ पुराने फोंस रखे हुए थे जो वो यूज नहीं करती और उन्हीं में से एक फोन वो नियती को दे देती है फोन लेने के बाद नियती काफी खुश हो गई थी अगले दिन टर्म वन की परीक्षा शुरू हो जाती है और पहले दिन फिजिक्स का एग्जाम था और क्वेश्चन पेपर देखने के बाद नियती छवि को बताती है कि पिछले रात जो तुमने पढ़ाई की वही क्वेश्चंस यहां पर पूछे गए हैं लेकिन छवी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था वो बहुत टेंशन में आ गई थी एग्जाम स्टार्ट हो जाता है और नियती ही अपना एग्जाम देने लगती है इधर आकाश भी अपना एग्जाम बहुत जल्दी खत्म कर लेता है और अपना पेपर सबमिट करके वहां से बाहर चला जाता है एग्जाम खत्म होने में सिर्फ 10 मिनट बाकी थे और छबी अभी तक अपना पेपर शुरू ही नहीं की थी और नियती अपना पेपर खत्म कर लेती है और वह एक तरकीब ढूंढती है और वह अपना रबर निकालती है और अपने इरेजर में सारे क्वेश्चन के आंसर लिख डालती है और चालाकी से वो इरेजर वो छवि को दे देती है इसके बाद छवि सभी क्वेश्चंस के आंसर दे देती है और एग्जाम के बाद सभी लोग बहुत खुश हो गए थे क्योंकि सभी का एग्जाम अच्छा गया
इधर स्कूल के प्रिंसिपल आकाश और नियती दोनों को अपने ऑफिस में बुलाती है वो बताती है कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप का फॉर्म निकला है जिसमें लिखा गया है कि स्टैनफोर्ड कुछ चुने हुए स्टूडेंट्स को ही स्कॉलरशिप देंगे यानी कि पढ़ाई से लेकर रहना खाना पीना सब कुछ फ्री रहेगा और हमारे स्कूल से सिर्फ तुम दोनों को सिलेक्ट किया गया है और तुम दोनों को एक स्कॉलरशिप टेस्ट देना होगा अगर तुम दोनों उस टेस्ट में पास हो जाओगे तो स्टैनफोर्ड में तुम्हारा एडमिशन हो जाएगा नियती यह बात अपने परिवार से जाकर कहती है और यह सुनकर सैलेश काफी खुश हो गया था और नियती से सिर्फ एक ही बात कहता है कि पढ़ाई पर ध्यान देना
इधर आकाश भी अपने घर में जाकर अपनी मां से यह बात बताता है लेकिन उसकी मां यह सुनकर थोड़ी नाराज हो गई थी क्योंकि आकाश के पिता उन दोनों को छोड़कर भाग गए और परिवार की जिम्मेदारी अब आकाश की मां के ऊपर ही है आकाश भी पार्ट टाइम डिलीवरी बॉय का काम करता था आकाश अपनी मां को समझाता है कि अगर मैं स्टैनफोर्ड में सिलेक्ट हो गया तो बहुत ज्यादा पैसा कमाऊघा इसीलिए उसकी मां भी एडमिशन के लिए मान जाती है कुछ दिनों के बाद टर्म वन की परीक्षा के रिजल्ट भी निकल आते हैं और देखते हैं कि छवि बहुत अच्छे नंबरों से पास कर जाती है क्योंकि सारे एग्जाम में नियती ने उसकी हेल्प की थी छवी के पिता बहुत खुश थे कि उसकी बेटी अच्छे नंबरों से पास की है वो यह भी कहते हैं कि आज रात को घर में वह पार्टी करेंगे अगले दिन स्कूल में नियती और आकाश दोनों लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे तभी वहां पर छवि आती है अपने घर में पार्टी करने के लिए उन्हें बुलाती है लेकिन आकाश छवी की पार्टी में जाने से मना कर देता है लेकिन नियती पार्टी करने के लिए चली जाती है और फिर सभी वहां बहुत ज्यादा मजे करते हैं रात के समय छवी नियती से कहती है कि जब से तुमने मेरी हेल्प की है मेरे पापा बहुत खुश हैं और नियती से यह भी कहती है कि आगे से तुम मेरी ऐसी ही हेल्प करते रहना लेकिन नियती कहती है कि मैं तुम्हारी हेल्प हर बार नहीं कर सकती क्योंकि स्टैनफोर्ड स्कॉलरशिप के लिए मुझे भी तैयारी करनी है छवि घबरा जाती है और कहती है कि मैं चाहूं कितनी भी पढ़ाई कर लूं मैं तुम्हारी जितना नंबर नहीं ला सकती और इसीलिए छवि नियती को पैसे देने के लिए भी राजी हो जाती है और उसे हेल्प करने के लिए भी कहती है यह सुनकर नियती वापस अपने घर चली जाती है और अगले दिन जब वह स्कूल पहुंचते हैं नियती उन लोगों की हेल्प करने के लिए मान जाती है
और किस तरह से चीटिंग करना है वो यह भी बताती है और छवि से पैसों की मांग भी करती है और कहती है कि एग्जाम होने के के बाद मेरे अकाउंट में पैसे आ जाने चाहिए इसी तरह टर्म टू का एग्जाम शुरू हो जाता है और हर एग्जाम में सभी स्टूडेंट चीटिंग करने लगते हैं नियती जल्दी-जल्दी अपने पेपर खत्म कर लेती है और इसके बाद इशारे में वह सभी को आंसर्स बताने लगती है ऐसे ही एक दिन एग्जाम के समय टीचर को शक हो गया था कि क्लास में चीटिंग चल रही है और इसीलिए टीचर सभी का सिटिंग अरेंजमेंट चेंज कर देते हैं मगर फिर भी इसका कोई फायदा नहीं होता और नियती सभी स्टूडेंट को चीटिंग करने में हेल्प करने लगती है इसी तरह एग्जाम खत्म हो जाता है और छवि नियति को बहुत सारे पै पैसे दे देती है पैसे लेने के बाद नियती शैलेश जोया और अनाथ आश्रम के बाकी बच्चों के लिए कपड़े खरीद कर लाती है और वह झूठ बोलती है कि यह पैसे स्कूल में क्विज कंपटीशन उसने जीता है कुछ दिनों के बाद टर्म थ्री का एग्जाम शुरू हो जाता है और टीचर आकर सभी स्टूडेंट को बताते हैं कि कुछ स्टूडेंट को सेट वन का पेपर मिला है और कुछ स्टूडेंट को सेट टू का पेपर ये सुनकर सभी का होश उड़ गया था क्योंकि सब्जेक्ट तो एक ही है मगर क्वेश्चन का सेट अलग-अलग नियती को सेट वन का पेपर मिला है जो वह बहुत जल्दी खत्म कर लेती है जिस-जिस का सेट वन का पेपर था नियती इशारे में सभी को आंसर बता देती है उनमें से कुछ स्टूडेंट अपने पेपर जमा करने के लिए चले जाते हैं तभी नियती और प्रतीक दोनों अपना आंसर शीट एक्सचेंज कर लेते हैं प्रतीक को सेट टू का पेपर मिला था नियती जल्दी-जल्दी सेट टू का पेपर सॉल्व करती है और सभी को इशारे करके आंसर्स बता देती है ऐसे ही करके वह अपना एग्जाम कंप्लीट करते हैं लेकिन आकाश देख लेता है कि प्रतीक और नियती दोनों चीटिंग कर रहे थे यह जानने के बाद प्रिंसिपल दोनों को अपने ऑफिस में बुलाती है और प्रतीक साफ इनकर देता है कि उसने चीटिंग नहीं किया और वो एग्जाम देने के लिए उसने बहुत पढ़ाई भी किया है
लेकिन नियती से जब प्रिंसिपल पूछती है कि तुम्हें सेट वन के पेपर मिला था मगर तुम्हारे रफ पेपर में सेट टू का क्वेश्चन क्यों लिखा हुआ था यह जानने के बाद प्रिंसिपल नियती के पापा को स्कूल में बुलाते हैं और स्टैनफोर्ड स्कॉलरशिप एग्जाम कैंसिल कर देती है क्योंकि नियती ने जो किया उस हिसाब से तो उसे स्कूल से निकाल देना चाहिए था लेकिन प्रिंसिपल ने ऐसा नहीं किया वो बस उसका स्कॉलरशिप एग्जाम कैंसिल कर देती है और यही है उसकी सजा यह सुनकर दोनों बहुत रोने लगते हैं और नियती रोते हुए माफी मांगती है और कहती है कि आगे से व ऐसा नहीं करेगी शैलेश भी वहां से बिना कुछ कहे चला जाता है घर पहुंचने के बाद नियती अपने सारे किताब फाड़ डालती है और स्कूल जाना भी बंद कर देती है
फिर एक दिन प्रतीक कहता है कि स्कॉलरशिप टेस्ट फॉर इंटरनेशनल कॉलेज का एग्जाम देने से दुनिया में कोई भी बड़े कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है वो भी 100% स्कॉलरशिप के साथ छवि नियती को आखिरी बाल हेल्प करने के लिए बोलती है और इस एग्जाम में कोई भी अप्लाई कर सकता है प्रतिक कहता है कि पूरे स्कूल में 15 से 20 स्टूडेंट हैं जो इस एग्जाम को अप्लाई करेंगे और हर स्टूडेंट पैसे देने के लिए राजी हैं नियती लालच में आ जाती है और सभी की हेल्प करने के लिए राजी हो जाती है
सभी स्टिक एग्जाम का फॉर्म भर देते हैं और कुछ ही दिनों बाद सभी को एडमिट कार्ड मिल जाता है यहां हमें पता चलता है कि सभी लोग का एग्जाम सेंटर अलग-अलग जगह मिला था यह जाने के बाद नियती कहती है कि अब चीटिंग करना इंपॉसिबल हो जाएगा सभी लोग बहुत ज्यादा टेंशन में आ गए थे क्योंकि वो आस लगाकर बैठे थे कि नियती सभी की हेल्प करेगी नियति को एक आईडी आता है और वह बताती है कि स्टिक का एग्जाम पूरे वर्ल्ड में हम कहीं भी जाकर दे सकते हैं और यह स्टिक के रूल में लिखा हुआ है कि कोई भी स्टूडेंट अपने मर्जी के मुताबिक कहीं से भी एग्जाम दे सकता है नियती बताती है कि हमें एक ऐसा देश ढूंढना होगा जिसमें इंडिया के टाइम से तीन या चार घंटे का डिफरेंस हो नियती ऑस्ट्रेलिया का नाम बोलती है और कहती है कि अगर मैं ऑस्ट्रेलिया जाकर एग्जाम दूंगी तो यहां आंसर भेजने में मुझे थोड़ा टाइम मिल जाएगा अगले दिन से तीनों एग्जाम की तैयारी करने लगते हैं और किस तरह से चीटिंग करना है उसके की तैयारी करते हैं मगर नियती सभी आंसर के ऑप्शंस को याद कर लेगी और कौन से क्वेश्चन के कौन से ऑप्शन होंगे वो याद करके सभी को भेज देगी लेकिन नियती लास्ट में देखती है कि वो आधे क्वेश्चंस के ही आंसर याद रख पाती है और बोलती है कि मैं जितना भी कोशिश कर लूं मैं सारे के सारे आंसर्स नहीं भेज पाऊंगी
इधर हम आकाश को देखते हैं जो शहर के वीरान इलाके में घायल लेटा हुआ था उसे देखकर लग रहा था कि कुछ लोगों ने उसे बहुत मारा है आकाश को होश आता है और मदद के लिए वह चिल्लाने लगता है और उसी दिन आकाश का स्टिक कॉलरशिप का एग्जाम था और वो एग्जाम नहीं नहीं दे पाया अगले दिन जब वह स्कूल पहुंचता है तो वह सभी को बताता है कि पिछले रात जब वह डिलीवरी करके वापस जा रहा था तब उसके सामने कुछ लोग गाड़ी लेकर आते हैं और आकाश उन लोगों के गाड़ी से टकरा जाता है जिस कारण वह सभी लोग मिलकर आकाश को मारने लगते हैं और इसके बाद उसकी यह हालत हो गई सभी लोग उसको समझाते हैं कि तुम एक ब्रिलियंट स्टूडेंट हो और इस तरह की स्कॉलरशिप तुम्हारे पास और भी आते रहेंगे उसी रात नियती आकाश से मिलने के लिए जाती है और आकाश को समझाती है कि स्टिक का एग्जाम देना है और इसके लिए हम दोनों को बहुत पैसे भी मिलेंगे पहले तो आकाश एग्जाम देने के लिए मना कर देता है क्योंकि वह चीटिंग नहीं करता नियती समझाती है कि अगर हम लोग उन लोगों की हेल्प कर देंगे तो हमें अच्छा खासा पैसा मिलेगा आकाश इसके बाद हेल्प करने के लिए मान जाता है
और बदले में उसे ₹10 लाख मिलेंगे और दोनों को ऑस्ट्रेलिया जाने का वीजा भी रेडी हो गया था लेकिन छवि यहां कहती है कि तुम लोग वहां से हमें आंसर भेज तो दोगे मगर हम लोग आंसर एग्जाम सेंटर के अंदर कैसे लाएंगे यह सुनकर सभी का होश उड़ गया था क्योंकि इस बारे में उन लोगों ने सोचा ही नहीं सबसे बड़ी दिक्कत उन लोगों की यही थी नियती इसका भी तरकीब ढूंढ लेती है और बताती है कि बारकोड के मदद से हम लोग तुम्हें आंसर भेज देंगे पेंसिल में बारकोड बना हुआ रहेगा सबसे पतली लाइन ऑप्शन ए होगी और उससे मोटी लाइन ऑप्शन बी डबल मोटी लाइन ऑप्शन सी होगी और सबसे ज्यादा मोटी लाइन ऑप्शन डी होगी यानी कि इसका भी हल नियती ने निकाल लिया लेकिन वो एक बात सोच रहे थे कि इतने सारे बारकोड आखिर उन्हें मिलेंगे कहां फिर आकाश उन लोगों को स्टेशनरी की दुकान पर लेकर जाता है जहां पेंसिल में बारकोड लगाने का काम किया जाता है दुकानदार को पैसे दिए जाते हैं एक ही सीक्वेंस में बारकोड बनाने के लिए ताकि स्टूडेंट को समझ आए कि कौन से क्वेश्चन का कौन सा ऑप्शन हो सकता है इधर
अगले दिन नियती घर पहुंचकर शैलेश से झूठ कहती है और बताती है कि स्कूल से ट्रिप के लिए ऑस्ट्रेलिया ले जाया जा रहा है यह सुनकर शैलेश फॉर्म को बिना देखे साइन कर देता है इधर नियती आकाश छवि और प्रतीक प्रैक्टिस कर रहे थे कि अगर चीटिंग करते समय पकड़े जाएंगे तो कैसे हमें उन लोगों के साथ डील करना है तभी प्रतीक कहता है कि आकाश पकड़ा नहीं जाएगा क्योंकि जब कुछ लोग मिलकर आकाश को मारकर ब्रिज के नीचे आए थे तब भी उसने कुछ नहीं किया था और यह सुनकर आकाश गुस्सा हो जाता है क्योंकि उसके अलावा और कोई जानता ही नहीं था कि वह मारपीट के बाद कहां पर था इसका मतलब यह है कि प्रतीक और छवि ने मिलकर आकाश को लड़कों से पिटवाया था ताकि वह अपना स्टैनफोर्ड स्कॉलरशिप का एग्जाम ना दे पाए यह जानकर आकाश काफी गुस्सा हो गया था और रोने लगता है नियती भी यह जानकर हैरान हो गई थी कि छवी इन सबके पीछे थी और वह भी झगड़ा करके वहां से चली जाती है
उस रात को छवी नियती को फोन करके माफी मांगती है और आखिरी बार मदद करने के लिए कहती है क्यों क्योंकि स्टिक एग्जाम अगर वो लोग पास कर जाते हैं तो उन्हें दुनिया में सबसे नामी कॉलेजों में एडमिशन लेने का मौका मिलेगा और इसके बाद उनकी जिंदगी बदल जाएगी लेकिन नियती छवि को कोई भी जवाब नहीं देती आकाश को अपने घर की हालत याद आ जाती है कि वह किस तरह डिलीवरी का काम करता है और उसकी मां दूसरों के कपड़े प्रेस करती है
यह सब सोचकर आकाश नियती से वापस मिलने के लिए जाता है और उसे बताता है कि आखिर कब तक हमारे जिंदगी ऐसे ही चलती रहेगी यह काम के लिए हमें अच्छे पैसे मिल रहे हैं और आकाश नियती के साथ काम करने के लिए मान जाता है वो दोनों वापस छवि और प्रतीक के पास जाते हैं और उन्हें धमकी देते हैं कि ऑस्ट्रेलिया पहुंचने से पहले 5 लाख हमारे अकाउंट में आ जाना चाहिए आकाश और नियती दोनों ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए तैयार होते हैं और ऑस्ट्रेलिया के लिए निकल जाते हैं ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उन्हें वहां एक आदमी मिलता है जो उन दोनों को फोन दे देता है उस फोन की मदद से दोनों सभी आंसर्स इंडिया भेज पाएंगे अगले ही दिन एग्जाम का दिन आ जाता है और एग्जामिनेशन सेंटर के अंदर सभी लोगों को इंस्ट्रक्शन दिया जाता है कि कोई भी मोबाइल फोन या कुछ भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट अंदर लेकर नहीं जा सकता है नियती और आकाश दोनों अपना फोन बाथरूम में जाकर छुपा देते हैं इधर इंडिया में हम देखते हैं कि सभी लड़के स्टेशनरी के दुकान पहुंच जाते हैं जहां उन्होंने बारकोड बनाने का काम दिया था इधर ऑस्ट्रेलिया में एग्जाम शुरू हो जाता है और सेट वन का पेपर दिया जाता है दोनों सेट वन का पेपर बहुत जल्दी खत्म कर लेते हैं और आंसर अपने दिमाग में याद कर लेते हैं और तुरंत बाथरूम में जाकर अपना फोन निकालकर सेट वन के सभी आंसर लिखकर मैसेज कर देते हैं
इधर इंडिया में सेट वन के आंसर्स मिलने के बाद सभी स्टूडेंट आंसर के मुताबिक बारकोड बना लेते हैं और वह सभी बारकोड अपने पेंसिल में चिपका देते हैं फिर सेट टू का पेपर दिया जाता है और आकाश और नियती सेट टू का पेपर भी जल्दी से सॉल्व करके बाथरूम में चले जाते हैं लेकिन आकाश छवी को फोन लगाकर ₹5 लाख मांगता है और धमकी देता है कि अगर मुझे पैसे नहीं मिले तो आंसर नहीं मिलेगा सभी लोग पैनिक में आ जाते हैं और छवि ₹5 लाख तुरंत आकाश के अकाउंट में ट्रांसफर कर देती है फिर आकाश उन सभी को आंसर मैसेज कर देता है लेकिन एग्जामिनेशन सेंटर के अंदर सभी लोगों को शक हो गया था कि दो स्टूडेंट्स अभी तक बाथरूम से वापस नहीं आए फिर पुलिस पहुंचकर दोनों को बाथरूम से बाहर निकलने के लिए बोलते हैं नियती बाहर तो निकल जाती है लेकिन आकाश अपना फोन छुपा नहीं पाता और उसे पुलिस पकड़ लेती है और उसे पूछताछ करती है कि तुम्हारे साथ और कौन है जो यहां पर चीटिंग कर रहा है
इधर नियती जब अपने एग्जामिनेशन रूम के अंदर जा रही थी उसे भी एक पुलिस वाली पकड़ लेती है और उसकी चेकिंग करती है नियती डर गई थी और वापस अपना एग्जाम रूम के अंदर सेट थ्री का पेपर देने के लिए चली जाती है और चुपचाप एग्जाम खत्म होने के बाद वहां से वापस होटल की ओर चली जाती है इधर इंडिया में सारे स्टूडेंट्स को तीनों सेट के पेपर का आंसर मिल गया था और उन सभी के आंसर्स को बारकोड में बदलकर वो अपने पेंसिल में चिपका देते हैं और अपने एग्जामिनेशन सेंटर की ओर चले जाते हैं क्योंकि उसी दिन इंडिया में भी स्टिक का एग्जाम होना था
उधर ऑस्ट्रेलिया में नियती बहुत ज्यादा घबराई हुई थी और वापस इंडिया चली आती है एयरपोर्ट में छवी और प्रतीक दोनों नियती को लेने आते हैं और वो लोग बहुत खुश थे क्योंकि उन दोनों का एग्जाम भी बहुत अच्छा गया लेकिन नियती घबराई हुई थी और उसे बार-बार आकाश की याद आ रही थी कि पता नहीं पुलिस वाले उसे पकड़कर उसके साथ क्या कर रहे होंगे उसे छोड़ेंगे भी कि नहीं छवि आकाश के बारे में बात ही नहीं कर रही थी और सिर्फ एग्जाम के बारे में बात कर रही थी यह सुनकर नियती गुस्सा हो जाती है और दोनों से कह देती है कि तुम लोगों को सिर्फ अपने एग्जाम की पड़ी है और अगर आकाश को कुछ हो गया मुझे बहुत बुरा लगेगा यह कहकर वो वहां से चली जाती है ऐसे ही करते-करते कुछ महीने बीत जाते हैं और स्टिक का रिजल्ट निकल जाता है जिसमें नियती काफी अच्छे नंबर से पास कर जाती है और उसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 100% स्कॉलरशिप के साथ एडमिशन का ऑफर आता है नियती के घर में आकाश पहुंच जाता है और आकाश नियती को वापस से एग्जाम देने के लिए मनवा लेता है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा पैसा है और यहां बहुत सारे ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो पैसे देकर एग्जाम दिलवाते हैं लेकिन नियती ऐसा फिर से कुछ नहीं करना चाहती क्योंकि अब उसे अपने दम पर स्कॉलरशिप मिल चुकी थी और आकाश को भी वह समझाती है कि अगर वह पढ़ाई करेगा तो उसे भी स्कॉलरशिप मिल जाएगी लेकिन आकाश के दिमाग में पैसों का भूत सवार था और वह फिर से यही काम करने का मन बना लेता है नियती जब उसके साथ काम करने के लिए मना कर देती है आकाश नियती के पिता शैलेश को चिल्ला चिल्लाकर नीचे बुलाने की कोशिश करता है और नियती को धमकी देता है कि मैं तेरे पिता को सब सच बता दूंगा कि तू ऑस्ट्रेलिया स्कूल ट्रिप में नहीं बल्कि एग्जाम में चीटिंग करवाने के लिए गई थी और उसके लिए तुझे बहुत पैसे भी मिले हैं नियती को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि वह वापस से व काम अब करना नहीं चाहती थी और इसके लिए चाहे ऑक्सफोर्ड की स्कॉलरशिप भी क्यों ना चली जाए वो चीटिंग वाला काम दोबारा नहीं करेगी
अगले ही दिन जब नियती इंग्लैंड जाने वाली थी उससे पहले वह अपने पापा से मिलती है और सब सच बता देती है कि वह कोई भी स्कूल ट्रिप में नहीं गई थी बल्कि वह ऑस्ट्रेलिया स्टिक एग्जाम देने के लिए गई थी और वहां से वह सारे आंसर्स इंडिया भेजा करती थी और जिन स्टूडेंट की वह हेल्प करती थी वह उनसे पैसे भी लेती थी यह सुनकर सैलेश वह काफी गुस्सा हो गया था लेकिन नियती को वह माफ कर देता है और आखिर में नियती इंग्लैंड चली जाती है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने और इसी के साथ फर्र मूवी खत्म हो जाती है
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