तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस BLOG फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं स्वतंत्र वीर सावरकर फिल्म रिव्यु के बारे में स्वतंत्र वीर सावरकर कोई फिल्म नहीं है यह एक क्रांति की वह ज्वाला है जो इस मूवी में दिखाई गई है अगर किसी के मन में गुलामी की कोई मानसिकता हो या फिर स्वतंत्रता को लेकर इतिहास में जो बातें घुमा फिरा कर बताई गई है जिन एक दो नाम पर ही स्वतंत्रता का पूरा श्रेय लेने का प्रयास किया गया है 


यह मूवी झूठ के इतिहास में भ्रम पैदा करने वाले को जलाकर राख कर देगी इस क्रांति की ज्वाला आप तब से महसूस करने लगोगे जब आप थिएटर के अंदर रहोगे और आपके मन में एक ख्याल आएगा कि मैं कब बाहर निकलूं और अपने रिश्तेदारों या जो मूवी अभी तक नहीं देख पाए उनको इस मूवी के बारे में बता पाऊं फिल्म के सेकंड हाफ गुजरते ही आपको अपने मन में दुख का अनुभव होने लगेगा और दुख के साथ-साथ मन में इस बात की खुशी भी होगी कि आज इस मूवी के जरिए आपके सामने इतिहास सामने आ रहा है कई दशकों से जो पीड़ा है वह सभी राष्ट्रवाद के मन में किसी सच्चे क्रांतिकारी और हमारे वीरों कि तपस्या बलिदान को कैसे भुला दिया गया है 

यह मूवी अगर आपको फ्री में देखनी है तो इस वीडियो में मैं आपको बता दूंगा कि यह मूवी को आप कैसे वॉच कर सकते हैं तो प्लीज BLOG को पूरा देखें 

इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करूं तो Randeep Hooda, Ankita Lokhande, Apinderdeep Singh और भी कई सारे कलाकार आपको लीड रोल में दिखाई देंगे 

इस मूवी के डायरेक्टर Randeep Hooda है और writer Randeep Hooda और Utkarsh Naithani है 


यह मूवी ब्रिटिश कि वह करतूत दिखती है कि कैसे सच्चाई पर पर्दा को डाला गया है कैसे हिंदुओं का नरसंहार हुआ और आंदोलन के समय गांधी ने क्या किया उनके साथ-साथ बाबा साहेब अंबेडकर क्या किया यह सभी बातें इतिहास में जो अलग-अलग पहलू को हम पढ़ते हैं उनको जैसा का तैसा ही या फिल्म आपके सामने रखती है सावरकर के जैसा हमें दूसरा उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा उनका दूर दृष्टिकोण नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के विचारों पर उनका प्रभाव 1857 के स्वतंत्रता संग्राम जिसे अंग्रेज विद्रोह भी कहते हैं तब से शुरू हुआ वीर सावरकर ने 1857 में स्वतंत्रता संग्राम की पुस्तक लिखकर अंग्रेज शासन सत्ता को पूरी तरीके से हिला कर रख दिया था अंग्रेज सबसे ज्यादा वीर सावरकर से ही डरते थे अंग्रेजों का मुख्य उद्देश्य था भारत के cultur पर हमला करना उसकी आइडेंटी को समाप्त करना 

इसी कारण भारत में 7 लाख गुरुकुल को भी समाप्त करके अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था शुरू की गई हमें यह झूठ बताया गया की cultur आइडेंटिटी को समाप्त करने में सावरकर का भी हाथ था और उन्होंने अपनी बात रखी संस्कृति पहचान की रक्षा और इन्हीं कारण अंग्रेज सबसे ज्यादा उन्हें खतरनाक मानते थे उन्हें जो जेल के नाम पर सारी सुविधाओं वाले कमरों में जो रखा जाता था फिर वह वहां पर बैठकर भारत की खोज करते थे और लेटर्स टू डॉटर वगैरह लिखे जाते थे जेल के नाम पर सारी सुख सुविधाओं से संपन्न और दूसरी तरफ सच्चे स्वतंत्रता सेना ने उन्हे काले पानी की सजा दी जाती थी अमानवीय यातनाएं दी जाती थी परंतु उनके उस त्याग तपस्या बलिदान का आज भी आज भी अनजाने में कई बच्चे कई युवा मजाक उड़ाते हैं इस फिल्म की परफॉर्मेंस की बात करें तो बिल्कुल A1 कहा जाएगा मगर थोड़ा प्रोडक्शन बजट थोड़ा और होना चाहिए था एक तरफ तो स्वतंत्र वर सावरकर जैसी फिल्म जो सही इतिहास को सामने रखती है 


जो भी अहिंसा की बातें या उस समय कांग्रेस के द्वारा जो कुछ भी पॉलिटिक्स हुई थी उस समय वर्ल्ड वॉर वन के समय गांधी के द्वारा भारतीय युवाओं को कैसे वर्ल्ड वॉर वन में ब्रिटिश का साथ देना चाहिए वर्ल्ड वॉर टू के समय भी कांग्रेस का जो स्टैंड था इसके पीछे की सच्चाई यह सारी फैक्ट्स इस फिल्म के सामने रखे गए हैं इस मूवी को जितना जानने में आपको रुचि होगा उससे ज्यादा रुचि आपको देखने में लगेगा मूवी की स्टोरी तो तो रियल स्टोरी है मगर मूवी के अंदर जो एक्शन सींस जो इमोशन और जो कैरेक्टर्स के बीच डायलॉग है वह सारी चीज काफी कमल की हैं जो कि आप महसूस कर सकते हैं इसीलिए अगर यह स्टोरी आपको पसंद आती है तो आप इस मूवी को जरूर वॉच करें यह मूवी की स्टार्टिंग 1897 ई से होती है या वही टाइम होता है जब इंडिया के अंदर ब्लैक पांडेमिक फैला होता है और उसी के कारण बहुत सारे लोगों की जान गई थी और इसी टाइम हम वीर सावरकर को भी देखते हैं और उनकी फैमिली के बारे में ही पता लगता है 

वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक सावरकर है और उनके दो भाई होते हैं उनका एक भाई सावरकर से बड़ा होता है और एक भाई इसे छोटा होता है बड़े भाई का नाम गणेश सावरकर और छोटे भाई का नाम नारायण सावरकर होता है और और उनके पिता का नाम दामोदर सावरकर होता है और विनायक सावरकर को लोग वीर सावरकर के नाम से भी जानते हैं आगे हमें यह दिखाया जाता है कि वीर सावरकर के पिता को भी ब्लैक पांडेमिक हो जाता है और जिसे जिसे यह होता है ब्रिटिश गवर्नमेंट के सोल्जर उन्हें ढूंढ कर निकलती है और उन सभी को जला देती है या इंडियन के ऊपर ब्रिटिश का बहुत बड़ा अत्याचार होता है मगर कोई भी अत्याचार को रोक नहीं पता है इसी के साथ हम देखते हैं कि ब्रिटिश गवर्नमेंट के सोल्जर इंडियन के साथ बहुत बुरा बिहेव करते हैं वह सभी इंडियन को मारते हैं एब्यूज करते हैं यहां तक की वूमेंस के साथ फिजिकल एब्यूज वह सारी चीज देखने को मिलती है जब वीर सावरकर बच्चे थे तभी वह कसम खाते हैं और खुद से वादा कर लेते हैं कि वह ब्रिटिश गवर्नमेंट को हटाकर ही रहेंगे और अपने देश के अंदर स्वराज स्थापित करेंगे यानी कि हमारा देश हमारी सरकार और हमारी तरफ से वह पूरे भारत को ब्रिटिश गवर्नमेंट से अलग दिलाएंगे और अखंड भारत की स्थापना करेंगे 


हमें यह दिखाया जाता है कि वीर सावरकर बचपन से ही कई सारे लड़कों का ग्रुप बनाकर उनको ग्रुप मेंबर बना देते हैं इसके साथ वीर सावरकर अपने सारे साथियों को ट्रेनिंग भी देते हैं उनको हथियारों के बारे में बताते हैं इसी को करते-करते कई साल बीत जाते हैं उसके बाद हमें दिखाया जाता है कि अब वीर सावरकर काफी यंग हो चुके हैं उसके बाद वीर सावरकर की शादी हो जाती है और हमें यह दिखाया जाता है कि वीर सावरकर की जींस शादी होती है वह अंकिता लोखंडे होती है इसके कुछ टाइम बाद हम देखते हैं कि वीर सावरकर की इंडिया की पढ़ाई पूरी हो जाती है और इसलिए वह डिसाइड करते हैं कि अब आगे की लो की पढ़ाई के लिए वह लंदन जाएंगे ताकि लंदन से लौकी पढ़ाई करने के बाद वह ब्रिटेन के लोगों का सारा लो जान पाए और पढ़ी-लिखे होने के बाद वह ब्रिटिश गवर्नमेंट को चैलेंज कर सकते हैं लेकिन लंदन जाने से पहले वीर सावरकर और उनके बड़े भाई लोकमान्य तिलक से मिलते हैं 

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि लोकमान्य तिलक भी भारत के एक बहुत बड़े फ्रीडम फाइटर रह चुके हैं और वह भी वीर सावरकर के टाइम में देश को आजाद करने के लिए कोशिश कर रहे होते हैं लोकमान्य तिलक से मिलने के बाद वीर सावरकर उनके बड़े भाई दोनों उन्हें ज्वाइन कर लेते हैं और वह दोनों भी उनके ग्रुप का हिस्सा बन जाते हैं और वह अपने ग्रुप का नाम अभिनव भारत देते हैं उसके बाद लोकमान्य तिलक वीर सावरकर से कहते हैं अगर वह लंदन जा रहे हैं तो लंदन में उनका एक दोस्त रहता है और उनके दोस्त के साथ बहुत सारे फ्रीडम फाइटर्स रहते हैं और वह सारे जवान लोग हैं वैसे तो यह लोग लंदन के अंदर पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन वह सभी देश पर मर मिटने के लिए तैयार हैं ठीक है बिल्कुल वीर सावरकर की तरह उसके बाद यह लंदन में उन सभी लोगों से मिलते हैं और उन्हीं के साथ पढ़ाई पूरी भी करते हैं लंदन में वीर सावरकर लो की पढ़ाई करते हैं 

लेकिन उसके ही साथ अपने हॉस्टल के अंदर जितने भी इंडियन लड़के होते हैं उन सभी को स्वराज का मतलब भी सिखाते हैं और उन सभी को इंक्रीज करने की कोशिश करते हैं ताकि वह लोग भी इंडिया को आजाद करने में उनके साथ दे पाए और इसी सब के बारे में उनके कॉलेज के अथॉरिटी को पता लग जाता है और वह लोग ऐसा करने से वीर सावरकर को रोकते हैं और उन्हें हॉस्टल से निकलकर उन पर फाइन लगा दिया जाता है उसे समय पैसे की बहुत बड़ी अहमियत थी ₹10 10000 के बराबर था हॉस्टल से निकल जाने के बावजूद भी वह आगे की पढ़ाई कंटिन्यू रखते हैं दूसरी तरफ वह लंदन के साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ का काफी सारी योजनाएं भी बनाते हैं इसी टाइम पर वीर सावरकर की विचारधारा काफी फेमस हो जाती हैं और क्योंकि वह इंडिया में अंदर अंग्रेजों के खिलाफ काफी स्ट्रिक्टली खड़े होते हैं इसलिए बहुत सारे इंडियन और फ्रीडम फाइटर उन्हें जानने लगते हैं और इन्हीं सबके बीच गांधी जी को भी वीर सावरकर के बारे में पता चलता है 


और फिर वह वीर सावरकर से मिलने आते हैं मगर दोनों की विचार अलग-अलग होते हैं जहां पर गांधी जी बोलते हैं कि हमें हिंसा नहीं करनी चाहिए सभी को अहिंसा अपनानी चाहिए अहिंसा परम धर्म इसी के साथ कहानी काफी आगे बढ़ती है और क्या-क्या आगे होता है या आपको मूवी देखने के बाद ही पता चलेगा जिससे कि आप फुल करेंगे तो ही बेहद मजा आएगा जिन्हें यह लगता है कि आजादी फ्री में मिल गई है तो वह जरूर इस मूवी को देखें यह हमारी गुजारिश है बीट सावरकर को डिपोर्ट करके इंडिया लाया जा रहा होता है मगर वह जहाज से कूद कर भागने की कोशिश करते हैं मगर उसे जहाज के अंदर जो सिपाही होते हैं उन्हें पड़कर फिर वापस ले आते हैं उसके बाद उन्हें उम्र कैद की सजा दी जाती है और उन्हें सीधा काले पानी का जेल में डाल दिया जाता है 

यहां पर एक चीज मैं आपको बता देना चाहता हूं जिन्होंने अब तक काले पानी का नाम सुना है वह काला पानी का जेल इंडिया के पोर्ट ब्लेयर में है और यह एक ऐसी जेल है जहां चारों तरफ पानी से घिरा हुआ है वीर सावरकर को जब काले पानी के झील में लाया जाता है तब उनकी हालत बहुत खराब होती है उन्हें एक ऐसी सेल के अंदर कैद किया जाता है जहां पर की हवा तो दूर की बात है धूप तक नहीं आती है और हमेशा अंधेरा रहता है इसके साथ ना ही तो उन्हें खाना दिया जाता था और ना ही पानी इसीलिए मैं आगे की कहानी नहीं कह पाऊंगा अपनी जुबानी इसलिए फ्रेंड्स आगे की स्टोरी को जानने समझने और देखने के लिए आपको यह मूवी देखना जरूरी है नहीं तो यह मूवी आपको देखने का मजा नहीं आएगा उन सभी चीजों को आप FEEL नहीं कर पाएंगे जो आपको FEEL यह मूवी करवाना चाहती है 

अंत में वीर सावरकर के साथ क्या होता है यह सब आपको मूवी देखने के बाद ही पता चलेगा वीर सावरकर ने कौन सी बुक लिखी है यह सब कुछ आपको मूवी में ही पता चलेगा उन्होंने कितने साल जेल काटा है उनके बड़े भाई का क्या हुआ उनके छोटे भाई का क्या हुआ इन्हीं सबके बीच हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बंटवारा जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बनने तक का सफर इस मूवी में दिखाया जाता है वर्ल्ड वॉर 2 के बाद अंग्रेजी सट्टा कैसे कमजोर हो गई थी दूसरी तरफ हमारी नौसेना वायु सेवा पुलिस उन्होंने अपनी बंदूकन की नली को दूसरी तरफ अंग्रेजों की तरफ घुमा दिया था स्वतंत्रता का मुख्य श्रेय नेताजी सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद हिंद सेवा के बाबाराव सावरकर जी और उनके बड़े भाई की त्याग तपस्या बलिदान की कहानी है किस प्रकार से उनके साथ कला पानी की सजा हुई थी और वीर सावरकर का नवजात शिशु उसकी मृत्यु हो गई उनके बड़े भाई उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई जब वह काले पानी की सजा में थे वह उन्हें देख भी नहीं पाए जब उन्हें चार दिन बाद परमिशन मिली थी उनकी पत्नी की मृत्यु कैसे हुई थी कैसे-कैसे अन्याय अत्याचार हुए इन सारे त्याग तपस्या बलिदान को ऐसे भुला दिया जाता है और हम देखते हैं कि कांग्रेस के नेताओं के बड़े-बड़े स्मारक दिखाया जाता है 


वीर सावरकर की जन्मस्थली में तब से लेकर 2014 तक ऐसी हालत थे किया मैं बात नहीं सकता हूं मगर मोदी सरकार आने के बाद 2015 से 2016 तक उसका नवीकरण किया गया वीर सावरकर की जन्मस्थली को सावरकर 12 भी कहते हैं उसे समय मनोहर पारिकर उसके उद्घाटन के लिए आए थे वीर सावरकर ने बाल अवस्था में मां भवानी के सामने भारत मां को भारत भूमि को स्वतंत्र करने की जो शपथ ली थी छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श लेते हुए वह बात भी उन्होंने इस फिल्म में दिखाई है उन्होंने इस फिल्म में दिखाया है कि कैसे वीर सावरकर पर कितने अन्य हुए हैं वीर सावरकर के छोटे भाई नारायण राव सावरकर गांधी हत्या के बाद में सावरकर जी के छोटे भाई को भी मार दिया गया था जब हजारों ब्राह्मणों का कत्लेआम हुआ था 

तो फ्रेंड्स इस मूवी का लिंक मैंने कमेंट में pin कर दिया है आप वॉच कर सकते हैं बिल्कुल फ्री में तो फ्रेंड्स इ इस मूवी की रिव्यू आपको कैसी लगी आप हमें जरूर बताइ तो फ्रेंड्स अगर आप मूवी देखने के शौकीन है या फिर मूवी को देखने पहले से मूवी की स्टोरी को जानना चाहते हैं या फिर मूवी आपके लिए है या नहीं है या आपके पैसे कहीं वेस्ट ना हो तो हमारे इस चैनल पर आपको इसी तरह के वीडियो मिलते रहेंगे अगर यह रिव्यू आपको पसंद आया हो तो इस वीडियो को लाइक करें अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करें ताकि वह भी जान पाए कि यह मूवी की स्टोरी क्या है और अगर आपने इस मूवी को देख लिया है तो हमें कमेंट करें कि आपको यह मूवी कैसी लगी और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें ताकि हमारे आने वाले मूवी रिव्यू के वीडियो सबसे पहले पहुंचे आप तक 

यह फिल्म आपको कहां मिलेगी फ्री में देखने के लिए वह मैंने आपको बता दिया है तो जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में फिर किसी और धमाकेदार मूवी के रिव्यु के साथ तब तक के लिए आप हमें दें इजाजत धन्यवाद

Post a Comment

Please Don't Write & Enter Here Any Spam link In The Comment Box Thank You!

Previous Post Next Post