फिल्म: हिसाब बराबर (Hisaab Barabar)

शैली: व्यंग्यात्मक एक्शन-कॉमेडी
निर्देशक: अश्विनी धीर
मुख्य कलाकार:

  • आर. माधवन (राधे मोहन शर्मा)
  • नील नितिन मुकेश (मिकी मेहता)
  • कीर्ति कुल्हारी (पूनम जोशी)
  • रश्मि देसाई (राधे की पत्नी)
  • फैसल राशिद (राधे के दोस्त)

आज हम बात करने वाले हैं फिल्म ‘हिसाब बराबर’ के बारे में हिसाब बराबर न केवल एक मनोरंजक कहानी है, बल्कि यह भ्रष्टाचार, बैंकिंग धोखाधड़ी, और आम आदमी की ताकत पर एक गहरा व्यंग्य है। इसमें हास्य के माध्यम से गंभीर सामाजिक मुद्दों को दर्शाया गया है। यह फिल्म इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे ईमानदारी और दृढ़ निश्चय से एक साधारण व्यक्ति असाधारण बदलाव ला सकता है।


कहानी का विस्तृत विवरण:

राधे मोहन शर्मा का परिचय

राधे मोहन शर्मा (आर. माधवन) भारतीय रेलवे में एक टिकट परीक्षक हैं।
वह ईमानदार, शांत और साधारण जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं।
राधे को गणित में गहरी रुचि है, और वह हर चीज में "सही हिसाब" रखना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि जिंदगी में सबकुछ बराबरी से होना चाहिए—न तो किसी का हक मारा जाए और न ही किसी को बेवजह फायदा हो।

घटना की शुरुआत

एक दिन राधे को अपने बैंक खाते में कुछ गड़बड़ी महसूस होती है।
उन्होंने यह देखा कि उनके खाते से कुछ रुपये बिना उनकी जानकारी के कट गए हैं।
यह रकम बहुत छोटी थी, लेकिन राधे जैसे व्यक्ति के लिए हर पैसा महत्वपूर्ण था।
इस छोटी-सी गलती को सुधारने के लिए राधे बैंक जाते हैं और यहीं से कहानी की शुरुआत होती है।

बैंक घोटाले का खुलासा

जब राधे बैंक में अपनी समस्या की जांच कर रहे होते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि यह सिर्फ उनके खाते तक सीमित नहीं है।
यह एक बड़ा बैंकिंग घोटाला है, जिसमें कई खातों से पैसे धीरे-धीरे हेरफेर कर निकाले जा रहे हैं।
यह घोटाला मिकी मेहता (नील नितिन मुकेश) नाम के एक प्रभावशाली बैंकर द्वारा चलाया जा रहा है।

मिकी मेहता का चरित्र

मिकी मेहता एक चालाक, आत्मविश्वासी और धूर्त व्यक्ति है।
वह बैंकिंग सिस्टम का उपयोग अपने फायदे के लिए करता है और छोटे खाताधारकों के पैसे को अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करता है।
मिकी यह मानता है कि उसकी योजनाएं इतनी परफेक्ट हैं कि कोई उन्हें पकड़ नहीं सकता।

राधे का संघर्ष

राधे, जो आमतौर पर शांत और साधारण जीवन जीते हैं, इस घोटाले के खिलाफ खड़े होने का फैसला करते हैं।
वह खुद को इस भ्रष्ट सिस्टम से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
राधे को न केवल मिकी मेहता से लड़ना पड़ता है, बल्कि उसे नौकरशाही और भ्रष्ट अधिकारियों का भी सामना करना पड़ता है।

जांच अधिकारी पूनम जोशी

इस संघर्ष में राधे का साथ देती हैं पूनम जोशी (कीर्ति कुल्हारी), जो इस घोटाले की मुख्य जांच अधिकारी हैं।
पूनम ईमानदार, साहसी और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं।
वह राधे की मदद से इस घोटाले को उजागर करने की कोशिश करती हैं।

राधे की नैतिकता और दृढ़ता

फिल्म में राधे की ईमानदारी और नैतिकता को केंद्र में रखा गया है।
वह कई बार हार मानने की स्थिति में आते हैं, लेकिन उनके परिवार और दोस्तों का समर्थन उन्हें लड़ाई जारी रखने की प्रेरणा देता है।
राधे का यह संघर्ष दर्शकों को दिखाता है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति अपनी बुद्धिमत्ता और दृढ़ निश्चय से बड़े से बड़े सिस्टम को हिला सकता है।

उतार-चढ़ाव और रोमांच

फिल्म में कई रोमांचक मोड़ आते हैं:

  • मिकी मेहता की चालें और उसकी योजनाएं।
  • राधे का गणितीय कौशल, जिसे वह मिकी को हराने के लिए उपयोग करता है।
  • पूनम और राधे की टीम वर्क, जो फिल्म में थ्रिल पैदा करता है।

क्लाइमेक्स और संदेश

फिल्म का क्लाइमेक्स तब आता है, जब राधे और पूनम मिलकर मिकी के खिलाफ सबूत इकट्ठा करते हैं और उसे कानून के शिकंजे में लाते हैं।
कहानी का अंत एक सकारात्मक संदेश के साथ होता है कि आम आदमी के पास भी सिस्टम को बदलने की ताकत है, बशर्ते वह अपनी ईमानदारी और साहस पर विश्वास करे।


फिल्म की प्रमुख विशेषताएं:

  1. कॉमेडी और व्यंग्य का संगम

    • फिल्म में हास्य के माध्यम से सामाजिक समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
    • राधे का शांत और मजाकिया अंदाज दर्शकों को प्रभावित करता है।
  2. एक्शन और थ्रिल

    • फिल्म में रोमांचक एक्शन सीक्वेंस हैं, जहां राधे और पूनम घोटालेबाजों को पकड़ने की कोशिश करते हैं।
  3. भावनात्मक पहलू

    • राधे का अपने परिवार के साथ जुड़ाव और उनकी नैतिकता फिल्म को भावनात्मक गहराई प्रदान करती है।
  4. प्रेरणादायक संदेश

    • फिल्म यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी ईमानदारी और धैर्य के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।

निर्देशन और निर्माण:

  • निर्देशक: अश्विनी धीर ने इस फिल्म को एक मनोरंजक लेकिन गहरी कहानी के रूप में पेश किया है।
  • सिनेमैटोग्राफी: बैंक और शहर के दृश्य वास्तविक और प्रभावशाली हैं।
  • संगीत: गाने और बैकग्राउंड स्कोर कहानी के भावों को मजबूत करते हैं।

रिलीज और प्रतिक्रिया:

  • फिल्म का प्रीमियर 26 नवंबर 2024 को गोवा में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुआ।
  • इसे 24 जनवरी 2025 को Zee5 पर रिलीज किया गया।
  • समीक्षकों ने आर. माधवन के अभिनय की प्रशंसा की।

क्यों देखें ‘हिसाब बराबर’?

  • यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक प्रेरणादायक संदेश देती है।
  • आर. माधवन का दमदार प्रदर्शन और उनकी सादगी इसे देखने लायक बनाते हैं।
  • अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर आधारित व्यंग्यात्मक कहानियां पसंद हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें।

‘हिसाब बराबर’ एक साधारण आदमी के असाधारण संघर्ष की कहानी है, जो आपको हंसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करेगी।

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