तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में मिर्जापुर Season 2 में कुल मिलाकर 10 एपिसोड है और हर एपिसोड 45 से 60 मिनट के बिच का है

यह WEB SERIES 23 October 2020 को HINDI लैंग्वेज में Amazon Prime पर STREEM कर दी गई थी अगर आप इस WEB SERIES को वॉच करना चाहते हैं तो इस वीडियो में मैं आपको बता दूंगा यह मूवी को आप कैसे देख पाएंगे तो प्लीज वीडियो को पूरा देखें

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और उस समय इंडियन सिनेमा आटे की चक्की में पिसे हुए घुन की तरह पिस रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है इस वेब सीरीज में कट्टे और तमंचों के साथ अधूरे बदले को पूरा किया जाएगा जहां पर पानी नहीं खून बहेगा और मौत का नंगा नाच होगा तो दिल थाम कर बैठिए और इस वेब सीरीज को देखने के लिए एक घर के कोने को बुक कर लीजिए 8 घंटे के लिए ताकि मिर्जापुर तमंचों की आवाज और गालियों की गूंज से आपके मां पापा और बहन की कानों तक ना पहुंच पाए

इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Ali Fazal है इस WEB SERIES में Guddu Pandit के नाम से जानेंगे

Divyendu Sharma है इस WEB SERIES में Munna Tripathi के नाम से जानेंगे

Anjumm Sharma है इस WEB SERIES में Sharad Shukla के नाम से जानेंगे

Rasika Dugal है इस WEB SERIES में Beena Tripathi के नाम से जानेंगे

Shweta Tripathi है इस WEB SERIES में Golu Gupta के नाम से जानेंगे

Pankaj Tripathi है इस WEB SERIES में Akhandanand Tripathi के नाम से जानेंगे

Harshita Gaur है इस WEB SERIES में Dimpy Pandit के नाम से जानेंगे

Rajesh Tailang है इस WEB SERIES में Ramakant Pandit के नाम से जानेंगे इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू पत्नी स्वीटी के पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया जीवित और सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित का नामोनिशान मिटा कर पूरे मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हर और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

फ्रेंड्स इससे पहले हमने मिर्ज़ापुर सीजन वन के हर एक एपिसोड की स्टोरी को डिटेल से आपको बता दिया था अगर आपने वेब सीरीज की दुनिया में नंबर वन का दावा ठोकने वाला वेब सीरीज का पहला सीजन आपने नहीं देखा है तो ऊपर i बटन में और नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक मिल जाएगा आप वॉच कर सकते हैं ताकि इस कहानी को समझने में और भी आसानी हो

मिर्जापुर सीजन 2 की शुरुआत मिर्जापुर सीजन 1 का रिकैप दिखाया जाता है कि कैसे ये सारा दंगा मुन्ना भैया के कारण शुरू हुआ था उन्होंने खुद के टशन दिखाने के चक्कर में एक दूल्हे को उसी की शादी में उड़ा दिया गुड्डू और बबलू में से गुड्डू हमेशा से मुन्ना जैसा बनना चाहता था पंडित जी ने मुन्ना का केस ले लिया इस चक्कर के अंदर मुन्ना इनके घर पे पहुंच गया वहां से वायलेंस शुरू हुआ कालीन भैया ने गुड्डू और बबलू को अपने बिजनेस में ऐड कर लिया और उसके मदद से कट्टों का व्यापार बढ़ने लगा साथ ही में रति शंकर की एंट्री हुई जो कि त्रिपाठियों के खानदान पे बार-बार अटैक करता है

साथ में एक पॉलिटिकल एंगल यानी कि जेपी यादव का आना रति शंकर से उसका हाथ मिलाना साथ ही साथ दो बहुत ही प्यारी लव स्टोरी गुड्डू और स्वीटी की इसी के साथ में बबलू और गोलू की मुन्ना को अपने हार का बदला लेना जहां पे वो डिंपी को उठा के ले जाता है इसी के कारण आपस में झगड़े बढ़ जाते हैं साथ ही साथ पुलिस वालों का मिर्जापुर में आना यानी कि मौर्या की एंट्री गुड्डू और बबलू का अंडरग्राउंड होने के बाद में भी माल सप्लाई करते रहना और इसी के साथ रति शंकर को भी उड़ा देना बीना का अपने हस्बैंड यानी कि कालीन भैया के साथ नहीं बनना लेकिन बाबूजी का बीना के साथ

 सेक्स करने के लिए कहना इसी के साथ में कालीन भैया ने मौर्या को अपना असली रूप भी दिखा दिया था ऑलमोस्ट आधी पुलिस वालों को गायब करके और आखिर के अंदर मुन्ना का गुड्डू और बबलू से बदला लेने के लिए लाला की बेटी की शादी में कोहराम मचाना जहां पे उसने बबलू और स्वीटी को मार डाला गोलू की एक फायर के चक्कर में हर जगह अफरा तफरी मच जाती है और इसी अफरा तफरी के बीच में गोलू और डिंपी गुड्डू को पकड़ कर बाहर ले आते हैं यहीं पर सीजन वन खत्म हो गई थी और यही हमें रीकैप में दिखाया जाता है

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 1 ढेनकुल

इस एपिसोड की शुरुआत में हम देखते हैं कि गाड़ियों की लंबी लाइन किसी को ढूंढते हुए जंगल के अंदर पहुंच जाती है जहां हर जगह खून लगा हुआ था और एक जीप पलट रखी थी जिसके अंदर खुद मुन्ना भैया था जिसके बाद गुड्डू आता है और मुन्ना की जीप को उठाता है यहां पे मुन्ना कंटीन्यूअसली गालियां देता ही जा रहा था कि तू मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता तभी गुड्डू मुन्ना की जीप को उठाता है और सीधा खाई के अंदर फेंक देता है हर जगह आग लग जाती है गुड्डू यहां से चला जाता है लेकिन मुन्ना उस खाई से भी निकल के ऊपर आ जाता है और बताता है कि वो अमर हो चुका है उसे कोई भी नहीं मार सकता वो हमेशा जिंदा रहेगा चाहे कुछ भी हो जाए और इसी के साथ में गुड्डू को बहुत गंदी-गंदी गालियां देता है कि वो

उसकी ऐसी की तैसी कर देगा उसके बाद हम देखते हैं कि मुन्ना भैया यह सब कुछ सपने में देख रहा था और आंख खुलते ही पहला क्वेश्चन मुन्ना भैया का यही होता है कि गुड्डू कहां पर है तो कालीन भैया कहते हैं कि पहले ठीक हो जाओ उसके बाद तुम्हें बता दिया जाएगा इसी के साथ में यहां इनकी मेड आती है तो बाबूजी पूछते हैं कि वीणा कहां पर गई है और अब उसकी तबीयत कैसी है मेड बताती है कि भाभी बस दवाई लेक रेस्ट कर रही है उनकी तबीयत अभी भी ठीक नहीं है उन्हें बुखार चढ़ा हुआ है बाबूजी बोलते हैं कि तबीयत तो खराब होती ही रहती है जबकि असली बात तो यह थी कि बीना के साथ बाबूजी ने काफी ज्यादा पलंग तोड़ सेक्स की कोशिश की थी और इसी चक्कर में वीना की तबीयत खराब हो गई थी

मुन्ना फिर से अपनी बात पर आता है और इस बार मकबूल से पूछता है कि आखिर गुड्डू कहां पर गया मकबूल बताता है कि गुड्डू की गाड़ी जंगलों के अंदर पड़ी थी और उस गाड़ी का एक्सीडेंट भी हो रखा था उस जंगल के अंदर जंगली जानवर है तो उसका बचना या ना बचना कहा नहीं जा सकता है हमारे लोग उन्हें ढूंढ रहे हैं मुन्ना बोलना शुरू करता है कि पापा मैं बस आपको यह फील करना चाहता था कि आपको मुझ पर गर्व हो इतने में बाबूजी बोलते हैं कि बेटा तुमने हमें प्राउड कराया है लेकिन अगर घर वालों की बात मानोगे तो आगे तक भी प्राउड कराते ही रहोगे

मुन्ना भैया को अब इस सिचुएशन में नहीं रहना था मेरा मतलब कि जैसे गोली दवाई लेना और इसी के साथ में हाथ के अंदर ये सलाइन वगैरह लगाना इसी के कारण वो सारी चीजों को हटा देता है बाबूजी और कालीन भैया भी यहां से चले जाते हैं बचता है तो सिर्फ यहां पे ललित तो ललित से पूछता है कि पंकज कहां गया तो ललित बताता है कि उसके तो सीने पे गोली लगी थी निकल लिया वो तो मुझे तो बस छू के निकल गई यानी कि एक बार फिर से ललित जिंदा बच गया दो बार उसे गोली लग चुकी है लेकिन फिर भी वो भी जिंदा है मुन्ना ललित को कहता है कि आओ जरा हमारी गोलियां गिनो और हमें पता चलता है कि मुन्ना को पांच गोलियां लगी थी पीठ पे उसके बावजूद भी मुन्ना अभी तक जिंदा है और अब तो मुन्ना फुल कॉन्फिडेंस के अंदर आ चुका था क्योंकि उसे मरने का डर ही खत्म हो गया था कि अगर मरना होता तो मैं मर जाता फिर भी आखिर में बच कैसे गया साथ ही में सीन जौनपुर के अंदर शिफ्ट होता है जहां पे हम रति शंकर के बेटे शरद को देखते हैं अब शरद ने जौनपुर की गद्दी संभाल ली थी वो अपने घर आता है लाला उससे पूछता है कि आखिर वो मुन्ना और कालीन भैया से बदला कैसे लेगा क्योंकि इनका तो बिजनेस आपस में जुड़ा हुआ है शरद कहता है बदला तो जरूर लेंगे और सही वक्त आने पे लेंगे लाला का समधि बोलता है कि हमें कितना दर्द हो रहा है आप नहीं समझ सकते हैं लाला कहता है कि हमें अच्छी तरीके से पता है कि आपका दर्द क्या है इनके समदी बताते हैं कि हमारा तो बेटा गया है आपका क्या गया है लाला बताता है कि दर्द उसका नहीं होता है जो चला जाता है बल्कि दर्द उसका होता है जो पीछे रह जाता है

इसका मतलब था कि लाला की बेटी शबनम जिसकी शादी वाले दिन उसके हस्बैंड का मर जाना और उसे लड़की का जिंदा होना तो सोचो उसे कितनी ज्यादा तकलीफ हो रही होगी

उसके बाद हम रात में देखते हैं कि एक गांव में दो लड़कियां चोरी कर रही थी ये लड़की और कोई नहीं बल्कि गोलू और डिंपी थी जो कि किसी डिस्पेंसरी के अंदर घुस के काफी सारे छोटे-मोटे सामान ले लेते हैं मेडिकल से रिलेटेड और इसी के साथ में खाना वगैरह भी चुरा के यहां से भागने लगते हैं पूरे गांव का चक्कर लगा के ये दोनों छुपते छुपाते निकल ही रही थी तभी इन्हें एक आदमी देख लेता है तो ये दोनों फटाफट से भाग के एक घर के अंदर पहुंच जाती है और लाइट जलाने से पता चलता है कि गुड्डू उठा हुआ अपने होश में था और उसने डॉक्टर को पकड़ रखा था यहां पे इन दोनों लड़कियों ने एक डॉक्टर को बुला रखा था और उसे डॉक्टर को हाथ बंद करके बिठाकर गई थी लेकिन यहां पर गुड्डू को यह लगा कि यह मुन्ना का कोई आदमी है इसी कन्फ्यूजन के कारण बेचारे इस डॉक्टर को गुड्डू ने पकड़ रखा था और ऑलमोस्ट ये डॉक्टर मरने ही वाला था की ये दोनों लड़कियां टाइम पे पहुंच गई बेचारा डॉक्टर पहले तो बहुत चिल्लाता है कि तुम दोनों लड़कियों के चक्कर में आज हम मर जाएंगे और तुम नहीं आती तो ये तो हमें मार डालते हम तो इनका इलाज कर रहे हैं और ये तो हमें निपटाने के चक्कर में थे गोलू कुछ भी खास बात नहीं करती है और वो चुपचाप अपना काम करती जा रही थी यहां पे गुड्डू जोर-जोर से चिल्लाने लगता है कि छोड़ो हमें निकलने दो यहां से हमें मिर्जापुर जाना है आखिर हम है कहां पे हमें बदला लेना है

हमें मुन्ना को मारना है डिंपी समझाती है कि भैया थोड़ा शांत हो जाइए आपको उसे मारने के लिए पहले अपने शरीर को ठीक करना होगा तब जाके आप उठ पाएंगे साथ ही में ये डॉक्टर भी कंटीन्यूअसली बोलता जा रहा था कि देखिए हमें बहुत जोर से पेशाब लगा है आप हमें बस बाहर ले जाइए इधर गुड्डू भी कंटीन्यूअसली बोलता जा रहा था कि हमें बदला लेना है हमें बदला लेना है गोलू को भयंकर गुस्सा आ जाता है और जब वो विंडो को ढक रही थी तो वहीं से कोई चीज नीचे गिरा देती है एक तरफ तो ये डॉक्टर चुप हो जाता है और बोलता है कि हमने हमारा पेशाब रोक लिया वहीं पे दूसरी तरफ गुड्डू भी बोलता है कि हमें जाने दो बस यहां से हम चले जाएंगे गोलू नीचे उतरती है और गन को एक चेयर पे रखती है और फिर बोलती है कि आइए इस गन को उठाइए और यहां से निकल जाइए अगर आप इस गन को उठा पाते हैं तो हम आपको जाने देंगे गुड्डू उठने की लाख कोशिश करता है लेकिन वो फिर भी नहीं उठ पाता तब गोलू बताती है कि आपको क्या लगता है कि बदला सिर्फ आपको लेना है हम लोगों को नहीं लेना है हम इस सिचुएशन के अंदर मजे कर रहे हैं पहले खुद के शरीर को देखिए उसके बाद जाके बदला लीजिएगा जिसके बाद गुड्डू भी यहां पे शांत बैठ जाता है और कुछ भी नहीं बोलता डिंपी भी समझाने की कोशिश करती है कि भैया बदला लेने के लिए शरीर का ठीक होना बहुत ज्यादा जरूरी है और आप अभी हद से ज्यादा घायल हैं

उसके बाद हम वीणा त्रिपाठी को देखते हैं कुछ टाइम पहले वो बाबूजी के साथ सेक्स करने के कारण बीना काफी ज्यादा परेशान थी और उसके बदले उसकी तबीयत भी खराब हो गई थी बाबूजी यहां पे बीना के लिए दवाइयां लेके आते हैं और बोलते हैं कि शेर के मुंह पे तुमने खून तो लगा लगा दिया है और अब इस शेर की भूख बढ़ती ही जा रही है दवाई लो और जल्द से जल्द ठीक हो जाओ क्योंकि तुम्हें अब वापस भी तो आना है ना मेरे पास में बीना अपनी बंदूक उठा ही चुकी थी और शायद हो सकता था कि वो इस बाबूजी को टपका देती लेकिन फिर भी वो 1 मिनट के लिए चुप हो जाती है और यहीं पे लेटी रहती है और बाबूजी वहां से दवाई रख के निकल जाते हैं

जिसके बाद में सीन लखनऊ शिफ्ट होता है यहां पे जेपी यादव के बड़े भाई का कोई इंटरव्यू होने वाला था जिसके लिए काफी सारी मीडिया भी यहां पे आई हुई थी इसी के साथ में जेपी यादव को भी बुलाया जाता है जो कि अपने साथ में जरीना को लेके यहां पे पहुंचे थे बड़े भैया को जेपी यादव प्रणाम करते हैं और इसी के साथ में प्रोजेक्ट के बारे में पूछते हैं और कहते हैं कि भैया आपने हमें बुलाया था बताइए क्या हुआ तो ये बड़े भैया कहते हैं जेपी अंदर चलो अंदर जाके बात करते हैं तो जेपी यादव कहता है कि अरे नहीं नहीं भैया ये लड़की हमारे साथ काम करती है कार्यकरता है जेपी यादव कहता है कि कोई बात नहीं भैया आप यहीं पे बात करिए फिर उसके बाद जेपी यादव के भैया उसे खींच के जोरदार चाटा लगाते हैं जेपी यादव की और फिर कहते हैं हो गया मजाक पता चल गया तुम्हें खा लिया ना चाटा मैडम के सामने तुमने बेमतलब में कह रहे थे जब हम तुम्हें कहे कि अंदर जाके बात करिए तो नहीं तुम्हें तो इनके सामने बात करनी थी जेपी यादव पूछता है कि आखिर आपने हमें मारा क्यों तो भैया बताते हैं कि जब हमने तुम्हें बताया इलेक्शन आने वाले हैं और तुम्हें वायलेंस बिल्कुल भी नहीं करना है तो तुम हमारे क्षेत्र के अंदर तो वायलेंस बढ़ता ही जा रहा है आखिर तुम कर क्या रहे हो तुम अगर हमारे भाई नहीं होते तो तुम्हें सिर्फ और सिर्फ हम पोस्टर लगाने का काम देते वो भी दिहाड़ी मजदूरी पे इतनी औकात है तुम्हारी यानी कि ये बड़े भैया जरीना के सामने जेपी यादव की बहुत बुरी इंसल्ट करते हैं और जेपी यादव अंदर ही अंदर से पागल हो गया था क्योंकि उसे तो चाटा भी पड़ गया था

उसके बाद हम देखते हैं कि त्रिपाठी कोठी में गुप्ता जी को बुलाया गया था गुप्ता जी इस समय काफी ज्यादा भड़के हुए थे और अंदर से टूट चुके थे ऊपर जाकर जब गुप्ता जी कालीन भैया से मिलते हैं तो कालीन भैया गुप्ता जी की शक्ल देख रहे थे

कालीन भैया कहते हैं कि हम समझ सकते हैं कि तुम्हें कितना बड़ा दुख पहुंच है तो गुप्ता जी कहते हैं कि आपको किस चीज के बारे में पता है कि हमें किस चीज का दुख है आपका बेटा तो यहां पे बैठा है गई तो हमारी बेटी है ना गुप्ता जी मुन्ना से पूछते हैं कि आखिर तुमने हमारी बेटी के साथ ऐसा क्यों किया उससे तुम्हारा कुछ लेना देना नहीं था मुन्ना कहता है कि हमें कोई शौक नहीं था उसे मारने का आखिर हम प्यार करते थे उससे आपकी तो बेटी गई है हमारा तो लव चला गया है आपकी तो दो-दो बेटियां हैं ये बात सुनके त्रिपाठी भी मुन्ना को चुप करा देते हैं कि चुप हो जाओ क्योंकि गुप्ता जी को बहुत भयंकर गुस्सा आ चुका था क्योंकि उनकी बेटी जिसकी जस्ट अभी शादी हुई थी और तो और वो प्रेग्नेंट भी थी फिर भी वो मारी गई थी

तभी कालीन भैया उसकी गर्दन दबा देता है और बताता है कि तुम्हारी दूसरी बेटी भागी हुई है ना तो गुप्ता एकदम से चुप हो जाता है त्रिपाठी जी बोलते हैं कि अपनी दूसरी बेटी को ढूंढिए क्योंकि पहली बेटी तो मर गई है दूसरी बेटी का सेफ रहना जरूरी है मतलब की त्रिपाठी जी गुप्ता जी को इनडायरेक्ट कह रहे थ कि जो छोटी वाली गोलू है वो मुन्ना के साथ गई हुई है अगर वो पकड़ में आ गई तो वो मारी भी जा सकती है अच्छा होगा कि पहले गुप्ता उसे ढूंढ के यहां पे ले आए गुप्ता को कालीन भैया के ऊपर इतना ज्यादा गुस्सा आता है कि वो सीधा मौर्या के पास पहुंच जाता है जहां पे गुप्ता को स्टार्टिंग से पता था कि मौर्य हमेशा से ही कालीन का पत्ता साफ करना चाहता था या फिर उसे एक्सपोज करना चाहता था तब यहां पे मौर्या कहता है कि गुप्ता जी आपके आने में काफी ज्यादा देरी हो गई है हम जिस समय हम पुलिस की नौकरी सही से कर रहे थे और हमारा कॉन्फिडेंस लेवल बिल्कुल ऊपर था तब आप हमें हटाना चाहते थे और अब जब आप आए हैं तब तक हमारा कॉन्फिडेंस गायब हो चुका है हमारे सामने हमारी पूरी टीम को कालीन भैया ने गायब कर दिया है आप अपनी फैमिली डिस्ट्रॉय कर चुके हैं हमें हमारी फैमिली डिस्ट्रॉय नहीं करनी है अब जैसा चल रहा है इस डिपार्टमेंट के अंदर वैसा चलने दीजिए यानी कि गुप्ता की नींद जब तक खुली थी तब तक मौर्या की सारी गर्मी ठंडी हो चुकी थी और वो गुप्ता की कोई हेल्प नहीं करता था

उसके बाद कहानी हमें पास्ट के तरफ ले जाती है जहां पर स्वीटी और गोलू दोनों ही आपस में बात कर रही थी गोलू स्वीटी से से कहती है कि आखिर तुमने गुड्डू के अंदर ऐसा भी क्या देखा जहां पे स्वीटी गुड्डू के बारे में बता रही है कि आखिर उसने कैसे दिल से सोचा और इसी के साथ में वो गोलू को बबलू के बारे में भी छेड़ रही थी

और ठीक उसी के बाद प्रेजेंट टाइम में हम देख पाते हैं की जहां पर हंसती खेलती लड़की एकदम बागी बनी हुई थी ना इनके पास पहनने के लिए ठीक-ठाक कपड़े थे और इसी के साथ में हाथ में बंदूकें तक आ गई थी इस बुरी सिचुएशन के अंदर रात भर से ये सोए नहीं थे डिंपी गोलू के लिए चाय वगैरह लेकर आती है और साथ ही में यह भी कहती है कि हम कभी-कभी सोचते हैं कि काश ऐसा होता कि पापा अगर गुड्डू और बबलू दोनों को रोक लेते तो आज शायद सब जिंदा होते गोलू किसी बात का जवाब नहीं देती डिंपी वापस से कहती है कि क्या तुमने सोचा है कि हम हमारे भाई-बहनों के मरने के बाद में अभी तक रोए तक भी नहीं है गोलू अभी तक भी कुछ नहीं बोलती और वो बस वहां से चली जाती है जिसके बाद डिंपी बैठी रहती है ताकि वो बाहर के लोगों पे नजर रख सके

यहां दूसरी तरफ पंडित जी के ऊपर सीन शिफ्ट होता है और इन्हें भी अब तक पता चल ही गया था कि इनका एक बेटा यानी कि बबलू मारा गया है इसी के साथ में डिंपी और गुड्डू दोनों गायब है पंडित जी बुरी तरीके से टूट चुके थे

उसके बाद हम देखते हैं कि दो लोग उसे जगह पर आ जाते हैं जहां पर यह दोनों उसे मार देती है मगर वहीं डिंपी ने भी उस आदमी को ऑलमोस्ट मार दिया था लेकिन फिर भी वो उसे जिंदा छोड़ देती है और वो लड़का वहां से भाग जाता है यानी कि ये दोनों ही लड़कियां ऑलमोस्ट क्रिमिनल बन चुकी थी इस सिचुएशन में

उसके बाद हम देखते हैं कि जेपी यादव खुद मिर्जापुर कालीन भैया से मिलने के लिए आए हुए थे और कालीन भैया के ऊपर गुस्सा कर रहे थे कि जब हमने तुम्हें कहा था कि वायलेंस कम करो तो फिर तुम आखिर क्यों कर रहे हो जेपी यादव कंटीन्यूअसली चिल्ला ही रहा था कि तभी कालीन भैया कहते हैं कि चुप रहिए आप बेवकूफ हैं जो इतना चिल्ला रहे हैं जब आपने कहा है कि आपको फंड्स चाहिए तो हम फंड्स आखिर कहां से लाएंगे पेड़ से तोड़ के लाएंगे क्या हमारा व्यापार क्या है हम क्या गोली टॉफी बेचते हैं क्या हम बंदूक बेचते हैं अगर बंदूक बेचेंगे तो वायलेंस भी तो होगा ना अगर वायलेंस हुआ है तभी तो हम आपको फंड दे पाएंगे जेपी यादव कहता है कि इन सब से हमको मतलब नहीं है हमें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं भैया ने कहा है कि वायलेंस इस क्षेत्र के अंदर कम हो

तो कालीन भैया कहते हैं कि आखिर आप चाहते क्या हैं आप क्यों आए हैं यहां पे जेपी यादव तब साफ-साफ बताता है कि पहले तो आपके लड़के ने रति शंकर को उड़ाया और उसके बाद में अब शादी के अंदर वायलेंस कर रहे हैं हमें मुन्ना चाहिए और उसे कुछ ही साल की जेल होगी और उसके बाद में उसे छोड़ दिया जाएगा आपके पास में 24 घंटे हैं अगर 24 घंटे के अंदर आपने मुन्ना को नहीं दिया तो हम घर से उसे उठवा लेंगे और यहीं पर मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 1 खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 2 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि जिस जगह पर डिंपी गोलू और गुड्डू छुपे हुए थे वहां पर दो लोग आ जाते हैं और डिंपी और गोलू उसे मार देती है मगर वहीं डिंपी ने भी एक आदमी को अधूरा मारकर छोड़ दिया था यानी कि ये दोनों ही लड़कियां ऑलमोस्ट क्रिमिनल बन चुकी थी उसके बाद जेपी यादव खुद मिर्जापुर कालीन भैया से मिलने के लिए आता है और कहता है कि हमने तुम्हें वायलेंस काम करने के लिए कहा था मगर तुमने ऐसा नहीं किया

तो कालीन भैया कहते हैं कि आखिर आप चाहते क्या हैं तब जेपी यादव कहता है कि हमें मुन्ना चाहिए और उसे कुछ ही साल की जेल होगी और उसके बाद में उसे छोड़ दिया जाएगा आपके पास में 24 घंटे हैं अगर आपने 24 घंटे के अंदर हमें मुन्ना को नहीं शोपा तो हम घर से उसे उठवा लेंगे

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 2 KHARGOSH

इस एपिसोड की शुरुआत जौनपुर से होती है हमें यहां पे रति शंकर की हवेली दिखाई जाती है जहां पे बैठक हो रही थी और वहां पर यूसुफ भी आता है युसूफ लाल का समधी था और इनका बेटा शबनम से शादी करने वाला था जो कि उसे मुठभेड़ में मर गया था यूसुफ इस समय शरद से मिलने के लिए आया था और बताता है कि बस उसे एक बार अगर वो मुन्ना से मिलवा दे तो वो शरद को कई सारे पैसे जवाहरात पावर वगैरह हर एक चीज दे देगा उसे जो कुछ भी चाहिए लेकिन यूसुफ खुद मुन्ना से बदला लेगा शरद उस समय कोई डिसीजन नहीं लेता और यूसुफ को कहता है कि आप हमारे घर पहली बार आए हैं आप खाना वगैरह खाके जाइएगा आप हमारे मेहमान हैं और यहीं रुकिए

इसी के साथ दूसरी तरफ पता चलता है कि कालीन भैया मकबूल को कहकर मुन्ना को फोन लगाने के लिए कह रहे थे और मुन्ना कॉल नहीं उठाता है मगर यह पता चलता है कि मुन्ना अपने साथ में कई सारी लड़कों को लेके गाड़ियां भर के जौनपुर पहुंच गया था वो भी उसी दिन जिस दिन रति शंकर की तीसरे की बैठक थी

शरद से मिलने के लिए इस समय एक बहुत ही खास कैरेक्टर पहुंचता है जिसका नाम भरत त्यागी था इन दोनों का आपस में एक कनेक्शन है साथ ही में एक दद्दा नाम का आदमी है जिसके साथ में भरत त्यागी रहता है रति शंकर के उससे अच्छे कनेक्शन थे इसी के कारण दद्दा ने रति शंकर के लिए शरद को एक लेटर भी भेजा था शरद को यहां पे आके बताया जाता है कि मुन्ना कई सारे लोगों के साथ हवेली के अंदर घुसने वाला है शरद बिना कुछ प्रॉब्लम के उनको अंदर आने देता है मुन्ना आता है और उसके बाद में शरद को कहता है कि यार तुम्हारे पिताजी के तीसरे की बैठक थी तुमने इन्विटेशन नहीं भिजवाया चलो कोई बात नहीं उसके बाद में मुन्ना बोलना शुरू करता है कि देखो हम तो जौनपुर लेने के लिए आए हैं शरद को पहले लगता है कि मुन्ना मजाक कर रहा होगा लेकिन फिर मुन्ना कहता है कि देखो हम जौनपुर लेके जाएंगे यहां पर हम अपने इतने सारे आदमी लेकर आए हैं 4 500 लोगों की लाशे गिर जाएगी अगर तुम प्रेम से देते हो तो ठीक है नहीं तो कोई बात नहीं वायलेंस शुरू कर देते हैं तुम्हारे पिताजी के तीसरी की बैठक के साथ में दो-चार और आदमियों की भी तीसरी की बैठक हो जाएगी और शोक सभा यहीं पे खत्म हो जाएगी तो बोलो गोलियां मारना शुरू करें तो शरद कहता है कि तुम्हें किसने कहा कि हम तुम्हें जौनपुर नहीं देंगे पीढ़ियां बदल गई है पिताजी की दुश्मनी तुम्हारे पिताजी के साथ थी हमारे पिताजी चले गए हैं और अब आने वाली पीढ़ी को राज करना है हम नहीं चाहते जौनपुर को बल्कि हम तो चाहते हैं कि हम मिर्जापुर के अंडर रह के काम करें तुम्हारा हाथ हमारे सर पे रखो हम जौनपुर का काम संभालेंगे और तुम्हें हर एक चीज का अपडेट देते रहेंगे उसके बाद जैसे तुम्हारी मर्जी यानी कि मुन्ना के एक बार कहने के अंदर ही शरद ने जौनपुर को छोड़ दिया मुन्ना को 1 मिनट के लिए तो बिलीव ही नहीं होता कि क्या शरद झूठ बोल रहा है की सच सच बोल रहा है या उसने सच में सरेंडर कर दिया बिना गोली बंदूक चलाए सब कुछ इतना इजली कैसे निपट गया लेकिन उसी वक्त मुन्ना शरद से लॉयल्टी मांग लेता है कि देखो तुम झूठ बोलोगे तो तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा तुम बस हमें लॉयल्टी का प्रूफ दो तभी शरद मुन्ना को घर के अंदर लेकर आता है और बोलता है कि आप हमारे मेहमान हैं आपके लिए हम लॉयल्टी जरूर प्रूफ करेंगे

मुन्ना जैसे ही अंदर आके देखता है तो अंदर यूसुफ बैठ के खाना खा रहा था यूसुफ खड़ा हो जाता है मुन्ना को मारने के लिए और मुन्ना पहचान जाता है कि ये तो वही आदमी है जिसे कि लाला की शादी में हमने मारा था यूसुफ मुन्ना को मारना चाहता था लेकिन उसी वक्त एक आदमी यूसुफ को बुरी तरीके से पकड़ता है और यूसुफ के छटपटाने पर यूसुफ को ही मुन्ना के सामने गोली मार दी जाती है इसका मतलब था कि शरद वो मुन्ना से लॉयल बनने के लिए उसके एक आदमी को टपका देता है

मुन्ना मान चुका था कि शरद लॉयल है और वो वहां से चला जाता है दूसरी तरफ पता चलता है कि जिस घर पे गुड्डू को रखा गया था उस घर को ये सारे लोग यहां से छोड़ के भाग गए हैं बेचारे डॉक्टर को जो पकड़ा था वही डॉक्टर अब गाड़ी चला रहा था गोलू को बीच-बीच में नींद भी आ रही थी लेकिन फिर भी वो उठ के बैठ जाती है एक जगह ये लोग गाड़ी रोकते हैं रात का समय था गोलू डरी हुई थी कि कहीं ये धोखा ना दे तब ये डॉक्टर कहता है कि चार बार आप लोग सोए थे और चार बार हमारा मन बदला था कि गाड़ी छोड़ के भाग जाए क्या कर लेते आप लोग अगर हम गाड़ी छोड़ के भाग जाते तो हम कुछ नहीं करेंगे आप लोगों के साथ में आप निश्चिंत रहिए जिस ढाबे पे ये लोग रुके थे उसी ढाबे पे गुड्डू बाबर को कॉल करता है क्योंकि गुड्डू के पास इस समय अगर कोई लॉयल इंसान था तो वो सिर्फ और सिर्फ बाबर ही था

उसके बाद हम त्रिपाठी कोठी को देखते हैं जहां पर मुन्ना भैया जौनपुर जाकर क्या-क्या किया उनके बारे में जब पता चलता है तो उन्हें विश्वास ही नहीं होता है कि बिना गोली चले एक भी आदमी का खून नहीं बहा और तुम जौनपुर ले आए ऐसे कैसे हो सकता है तो यहां पे मुन्ना खुद की होशियारी मारने के लिए कहता है कि हां शरद तो हमारे सामने गिड़गिड़ा रहा था वो तो डर गया था हमसे बहुत बुरी तरीके से खैर जो भी हो हमने आपके सामने जौनपुर लाके दे दिया है अब तो आप हम पे जरूर प्राउड करेंगे कालीन भैया को ये तो नहीं समझ में आ रहा था कि ये सारी चीजें हुई कैसे लेकिन जो भी था मुन्ना कहीं ना कहीं संभलने लगा था यानी कि वो आगे जाके गद्दी संभाल पाएगा पीछे से भी ललित बोलने लगा था कि अरे भैया आप जानते नहीं है मुन्ना भैया जब गए थे ना तो शरद की तो उन्होंने जोरदार से ले ली थी शरद तो डर गया था कपकआने लगा था इसी के साथ में यहां पे कट्टो के बिजनेस के बारे में भी बोला जाता है और साथ ही में बाबूजी कालीन भैया से जेपी यादव के बारे में पूछते हैं कि तुम जेपी यादव से मिलके आए थे ना तो कालीन भैया बताते हैं कि हां बस कुत्ते के जैसे भोंक रहा था वो और उसके पास कोई काम ही नहीं है तो बाबूजी आईडिया देते हैं कि जिसका वो कुत्ता है अगर मालिक को दोस्त बना लिया जाए तो कुत्ता भोंकना बंद कर देगा तो कालीन भैया कहते हैं कि हां बस हमने भी यही सोचा है हम कल माननीय मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाएंगे वो भी मुन्ना के साथ में अब जो भी डीलिंग होगी वो सीधा मुख्यमंत्री के साथ में होगी जेपी यादव को हटाना पड़ेगा कालीन भैया ललित को भी कहते हैं कि ललित तुम चलोगे ना हमारे साथ में लखनऊ ललित बड़ा खुश हो जाता है कि हां हां भैया हम जरूर चलेंगे कालीन भैया कहते हैं कि देखो तुम्हें मुन्ना का राइट हैंड बनना है जैसे मकबूल है ना हमारा तो ललित खुश हो जाता है कि क्या बात है हम तो मुन्ना भैया के राइट हैंड बने

दूसरी ओर शरद के साथ में चड्डा बैठा था और चड्डा कहता है कि आज आप आराम से मुन्ना को निपटा सकते थे यूसुफ के हाथ से और आपके हाथ भी गंदे नहीं होते तो फिर आखिर आपने ऐसा क्यों नहीं होने दिया तो शरद बताता है कि मुन्ना का होना नहीं होना हमारे लिए बिल्कुल एक बराबर है हमें सीधा मिर्जापुर की गद्दी चाहिए और इस मुन्ना के पास में वो गद्दी नहीं है गद्दी है कालीन भैया के पास में कालीन भैया तक पहुंचने के लिए मुन्ना ही हमारी सीढ़ी बनेगा यानी कि शरद यहां पे बहुत स्मार्ट तरीके से गेम प्ले कर रहा था इसी के साथ में पता चलता है कि डॉक्टर अपने साथ में गुड्डू गोलू और डिंपी को अपने घर ले आया था जहां पर डॉक्टर की वाइफ इन तीनों को बहुत अच्छी तरीके से खयाल रखती है खाना वगैरह देती है जगह देती है और इन्हें आराम करने के लिए भी बोलती है जिसके बाद हम वीणा त्रिपाठी को देखते हैं जो कि अपने कमरे में जा ही रही थी और तभी भाऊजी रोक लेते हैं और कहते हैं कि बड़े दिन हो गए तुमने हमारे पैरों पे तेल नहीं लगाया हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं कमरे के अंदर वीणा वापस से बुरी तरीके से डर जाती है कि अब आखिर वो क्या करें इसी के साथ हम गुड्डू को देखते हैं रात में जब सब सो रहे थे तो गुड्डू बस सोच रहा था कि बस कैसे भी करके वो खड़ा हो जाए गन तक पहुंच जाए और अगर एक बार भी वो गन तक पहुंच गया इसका मतलब है कि वो वापस से चलने लायक हो गया है वो जैसे तैसे करके उठता है उसके पैरों से बहुत ज्यादा खून निकल रहा था वो आगे बढ़ता है गोलू के पास में ही गन रखी थी वहां से उठा लेता है और उसके बाद हाथ में ले लेता है

उसके बाद हम दूसरी ओर त्रिपाठी कोठी में ही एक और बागी को देखते हैं यानी कि वीणा त्रिपाठी को वीणा ने भी अपने हाथ में गन ले रखी थी और वो खुद को मारने वाली थी क्योंकि उसे लग रहा था कि इस सिचुएशन में उसकी कोई मदद नहीं करेगा बल्कि वो हमेशा अब बाबूजी की सोलमेट बन के रह जाएगी इसी के साथ में गुड्डू गन को हाथ में उठा लेता है जबकि उसके हाथ में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन उसे समझ में आ गया था कि उसे अभी थोड़ा रुकने की जरूरत है वहीं पे वीणा को भी समझ में आ गया था कि आखिर वो खुद की जान क्यों लेगी इस बाबूजी के चक्कर में उसे एक आईडिया आता है और वो वहां से बाबूजी के कमरे में जाती है और उन्हें झूठ झूठ बोलती है कि हम तो आपको हमेशा से ही कहना चाहते थे कि हमें आपके पास में आना है हमें लगा था बस आप बूढ़े हो गए हैं लेकिन जब उस दिन आप हमारे साथ में थे ना हमें बहुत खुशी हुई और उस दिन के बाद से हमारी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है आप हमें आज जाने दीजिए कुछ दिनों बाद में हम वापस आएंगे तब आप और हम अपने मन की करेंगे बाबूजी को समझ में नहीं आता कि बीना आखिर बोल के क्या गई लेकिन बीना ने जो भी बोला उस समय बाबूजी ने बीना को जाने भी दिया बीना जैसे ही बाहर आती है तो उसकी शक्ल साफ बता रही थी कि इस वक्त तो वो बाबूजी से बच गई लेकिन आगे उसे क्या करना है ये उसे नहीं पता था इसी के साथ हम माननीय मुख्यमंत्री जी को देखते हैं जो कि आम जनता का दरबार लगा के बैठे थे और एक औरत की प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं कि कैसे उसकी पोती को जो गुंडे छेड़ रहे हैं वहीं की डीएसपी की डांट लगा के उसे वहां के गुंडों की एफआईआर लिखने के लिए बोला जाता है इसी के साथ में कालीन भैया मुन्ना के साथ वेट कर रहे थे मकबूल भी यहां पे था और ललित यहां की रिसेप्शनिस्ट से काफी ज्यादा फ्लर्ट करने की कोशिश कर रहा था कि आ जाओ तुम मिर्जापुर जितनी तुम्हें यहां पगार मिल रही है ना इससे ज्यादा पगार पे तुम्हें वहां रख लेंगे हम कालीन भैया के साथ आए हुए हैं मुन्ना उसे बिठाने की कोशिश करता है तो कालीन भैया कहते हैं कि कोई बात नहीं खेलने दो बच्चा खेल रहा है

उसके बाद मुख्यमंत्री इन सब को अंदर बुलाते हैं और साथ ही में कालीन भैया को ये भी बताते हैं कि हम बिना अपॉइंटमेंट किसी से नहीं मिलते तो कालीन भैया कहते हैं कि ये तो बात हमें भी पता है लेकिन फिर भी आप हमसे मिले अगर हम यहां पे आए हैं तो आपने हिस्ट्री तो जरूर निकलवाई होगी आपके आशीर्वाद से पूर्वांचल में हमारा अच्छा खासा दबदबा है हम यहां पे आपसे बस कुछ बात करने के लिए आए हैं हमें डायरेक्ट आपसे डील करनी है बीच में हमें किसी तरीके की दलाल की जरूरत नहीं है मुख्यमंत्री कहता है कि जेपी यादव हमारा भाई है तो कालीन भैया कहते हैं एक नंबर के पागल हैं आपके भाई उन्हें कुछ अता पता नहीं है ऊपर से वहां आके फालतू की बातें करते हैं अगर हम आपको डायरेक्ट फंड पहुंचा रहे हैं तो हम डायरेक्ट आपसे बात करेंगे ना अब आप बताइए वो वहां पे आकर बोल रहे हैं कि हमारा बेटा उनको चाहिए अब भला कोई बाप अपने बेटे की बलि देता है क्या आपको जो भी चाहिए हम आपको वो लाके दे रहे हैं मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि इसमें हमारा क्या फायदा कालीन भैया समझाने लगते हैं कि पूर्वांचल में हमारा अच्छा खासा दबदबा है जहां पे हम आपकी पार्टी की छवि सुधरेंगे साथ ही साथ में वोट वगैरा मुन्ना जो कि नया यूथ पार्टी का सदस्य है वो भी कई सारे बच्चों को जागरूक करेगा आप बस हमें मौका दीजिए पार्टी की छवि सुधारने का मुख्यमंत्री जी समझ गए थे कि जेपी यादव सच में कोई काम नहीं कर रहा है और कालीन भैया जो कि पूर्वांचल के अंदर इतने ज्यादा फेमस है तो उनसे हाथ मिलाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन आखिर अब लखनऊ कांड का क्या करें यानी कि लाला की शादी के अंदर जो इतने लोग मरे थे उसका क्या किया जाए कालीन भैया कहते हैं कि आप उसकी चिंता क्यों कर रहे हैं वो पीछे देखिए वो लड़का बैठा है देखिए अभी कैसे बोलेगा कालीन भैया ललित से पूछते हैं कि बेटा तू लखनऊ के अंदर गया था ललित बोलता है हां भैया मैं गया था कालीन भैया पूछते हैं कि बता तेरे हाथ में क्या था ललित बोल देता है कि भैया मेरे हाथ में तो गन थी और यहां उसने सबसे बड़ी गलती कर दी मुख्यमंत्री के सामने बोल के कि उसके हाथ में एक गन थी अब आगे का सबको पता था कि होना क्या है यानी कि ललित के ऊपर सारा इल्जाम डाल दिया गया कि गोरखपुर हत्याकांड के अंदर वो था मकबूल भागते हुए ललित को रोक लेता है और सबके सामने उसका गला दबा के उसे वहीं मार डालता है यानी कि मुन्ना के ऊपर अब किसी भी तरीके का कोई इल्जाम नहीं लगने वाला था मुन्ना आंखों के सामने देखता रह जाता है कि कैसे एक और उसका दोस्त बली चढ़ गया है ये लोग यहां से निकलते हैं और ये सारी चीजें जेपी यादव बाहर बैठ के देख रहा था कि आखिर ये त्रिपाठी यहां पे कैसे पहुंचा मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गाड़ी में बैठने के बाद में कालीन भैया मुन्ना से पूछते हैं कि बताओ मुन्ना आज क्या सीखा तुमने मुन्ना तो हद से ज्यादा रो रहा था हद से ज्यादा परेशान था क्योंकि ये भी उसका एक आखिरी दोस्त था जो कि मर गया वो बताता है कि हमने आज यही सीखा है कि जब भी कुर्बानी देने का वक्त आए तो सिर्फ और सिर्फ सिपाही की कुर्बानी दी जाती है राजा कभी भी नहीं मरता

उसके बाद हम डॉक्टर की घर को देखते हैं जहां पे बाबर जो कि गुड्डू का सबसे वफादार आदमी था वो गुड्डू के लिए काफी सारे गन बुलेट और इसी के साथ में फोन वगैरह लेके पहुंच गया था गोलू यहां पे बाबर को कहती है कि हमारी एक मदद करो हमें कल गन चलाना सिखाओ अगले दिन गोलू और डिंपी दोनों की ट्रेनिंग स्टार्ट हो जाती है इन दोनों को बंदूक दी जाती है लेकिन डिंपी वहां से चली जाती है गोलू का निशाना बिल्कुल भी सही नहीं लग रहा था उसके अंदर ना तो कॉन्फिडेंस था ना हाथ सही था ना ही निशाना टाइम पे लग रहा था अंदर गुड्डू परेशान हो रहा था डिंपी बोल देती है कि उसे अपने घर जाना है गुड्डू इसी समय बाहर निकलता है और अब वो खुद गोलू को बंदूक चलाना सिखाता है उसका हाथ एकदम सही निशाने पे लगाता है स्ट्रेट करता है थोड़ा सा उसे टेढ़ा करता है और फिर कहता है कि निशाने को देखो और ठोक दो अंदर आने के बाद पता चलता है कि डिंपी चाहती है कि उसे इसके अंदर बिल्कुल इवॉल्व नहीं होना गुड्डू कहता है तो फिर ठीक है हम चाहते हैं कि तुम लखनऊ चली जाओ डिंपी कहती है कि नहीं नहीं हमें तो मिर्जापुर ही जाना है हम घर ही जाएंगे गुड्डू कहता है कि देखो बबलू भी यही चाहता था कि तुम लखनऊ में जाके पढ़ाई करो ऊपर से मिर्जापुर का हालात इतना ज्यादा खराब है कि अगर तुम मिर्जापुर गई तो तुम्हारे साथ कुछ भी गलत हो सकता है तो हमारी बात मानो हम तुम्हारे बड़े भाई हैं बड़े भाई के नाते हमारी बात मानो और लखनऊ चली जाओ डिंपी कहती है ठीक है हम आपकी बात मानेंगे लेकिन उससे पहले एक बार हमें मम्मी पापा से मिलना है आपको भी तो मिलना होगा ना वो आपको कितना याद कर रहे होंगे साथ ही में गोलू की तरफ भी देखा जाता है कि आखिर उसे भी तो अपने पापा से मिलना होगा गुड्डू जिसके बाद में बाबर को कहता है कि कल हम लोग मिर्जापुर जाएंगे

उसके बाद हम मिर्जापुर की फैक्ट्री को देखते हैं जहां पे सारे कबूतरों को बुलाया गया था और ये सारे कबूतर इसलिए परेशान थे क्योंकि गुड्डू और बबलू के टाइम पे इनके कट्टों का व्यापार बहुत ही बढ़िया चल रहा था और जब से गुड्डू और बबलू गए हैं तो सारा काम धाम बिगड़ गया है कालीन भैया भी अपने साथ में मुन्ना को लेकर आते हैं और बोलते हैं कि आपको जो भी परेशानी है आप मुन्ना से बात करिए मुन्ना कालीन भैया के जैसे पैर ऊपर करके टशन मार के बैठता है और पूछता है कि हां भाई बताओ उस्मान क्या दिक्कत है उस्मान बताता है कि काफी ज्यादा घाटा हो रहा है अब बताइए भैया हम क्या करें गुड्डू और बबलू के समय पे तो बहुत अच्छा चल रहा था मुन्ना डांटता है कि गुड्डू और बबलू का आज के बाद कोई नाम नहीं लेगा उन्होंने तुम्हें जो भी बताया वो सारी स्ट्रेटेजी उन्हें हमने सिखाई थी यानी कि बैठे बिठा मुन्ना खुद को क्रेडिट मिल जाता है कि गुड्डू और बबलू का तो दिमाग था ही नहीं जो भी चीजें सिखाई थी मुन्ना ने सिखाई थी हालांकि वो वापस से वही चीज अप्लाई कर रहा है जो कि गुड्डू और बबलू ने करी थी कि सबको फ्री हैंड दे देना दो महीने तक सब फ्री के अंदर गोलियां ले और बंदूकों से जोरदार गोलीबारी करें और बाद में लाके पैसा दें कालीन भैया को समझ नहीं आता कि ये मुन्ना सही कर रहा है कि गलत कर रहा है लेकिन जो भी कर रहा है बस काम कर रहा है इसी के साथ में मौर्या के पास में एक इन्विटेशन पहुंचता है मौर्या यानी कि वही पुलिस इंस्पेक्टर जो कि त्रिपाठी का काम खत्म करने वाले थे लेकिन बेचारे इतने पिटने के बाद में खुद लाइन पे आ जाते हैं कालीन भैया के इन्विटेशन के कारण वो वहां पे अकेले ही पहुंचते हैं परिवार को नहीं लेके जाते कालीन भैया कहते भी हैं कि भाई अपनी बीवी को साथ लेके आना चाहिए था बीना जी की भी अच्छी खासी दोस्ती हो जाती तो मौर्या कहते है कि कोई दिक्कत नहीं हम अगली बार उन्हें जरूर लेके आएंगे खाना खाने के बाद में मौरिया को एक अलग ही तरीके का गिफ्ट दिया जाता है प्लेट के अंदर काफी सारे पैसे पड़े थे और ये सब कुछ मौरिया को अपना मुंह बंद रखने के लिए दिए गए थे मुन्ना बोलता है कि सर ये अब आपके लिए नया तोहफा है शहर के अंदर कट्टे वापस से उतरने वाले हैं तो आप बाकी की चीजें संभाल लीजिएगा मौर्या कहता है कि ठीक है सर हो जाएगा बिल्कुल कालीन भैया कहीं ना कहीं खुश थे कि अब मुन्ना लाइन पे पहुंच चुके हैं वो जल्द ही यहां के बाहुबली बन जाएंगे और कालीन भैया आराम से रिटायरमेंट ले सकेंगे वो बीना के पास जाते हैं और उसे कहते हैं कि आओ चलो आज साथ में सोते हैं तो बीना झटका दे दे देती है कि आज चले जाइए आज हमारा बिल्कुल मन नहीं है कालीन भैया गाली बगते हैं कि पागल औरत हमेशा तो खुद ही चढ़ जाती है और आज जब मैं कह रहा हूं तो फिर खुद जा रही है और वहां से वीणा चली जाती है क्योंकि उसे तो बाबूजी के ऊपर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था

उसके बाद हम पंडित जी के घर की ओर देखते हैं जहां पर पंडित जी यहां पे थोड़ा बहुत काम कर ही रहे थे और तभी इनके घर का कोई दरवाजा खटखटाता है वसुदा और पंडित जी दोनों ही डर जाते हैं कि आखिर कौन होगा तभी गुड्डू आवाज देता है कि हम हैं और दरवाजा खोलने पे डिंपी और गुड्डू दोनों ही अंदर आते हैं इनकी मां फूट-फूट के रोती है कि आखिर ये दोनों तो बच गए पंडित जी भी बहुत रोते हैं कि चलो जो घर के अंदर आया वो तो ठीक है इन लोगों को बैठने के लिए कहा जाता है कि बैठो हम खाना वगैरह लगाते हैं

 दूसरी तरफ हम गुप्ता जी को देखते हैं जहां गोलू उनके सामने बैठी थी गुप्ता जी भी स्वीटी को याद करके बहुत रोते हैं कि उनकी बेटी उनसे बहुत दूर हो गई है लेकिन गोलू यहां पे वादा करती है कि आप कहते थे ना कि आपकी बेटी को मिर्जापुर के ऊपर राज करना चाहिए आपकी बड़ी बेटी तो ऐसा नहीं कर पाई लेकिन आपकी छोटी बेटी ऐसा जरूर करेगी यहां दूसरी तरफ वसुदा बच्चों के लिए खाना वगैरह बना रही थी डिंपी और गुड्डू दोनों साथ ही बैठे थे पंडित जी पूछते हैं कि अब तो तुम वापस आ गए हो अब तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ना तो गुड्डू अपने मां और बाप दोनों को रोकता है कि आप दोनों पहले हमारी बात सुन लीजिए हमें कुछ कहना है डिंपी को हम लखनऊ भेज रहे हैं इसे वहीं पे पढ़ाएंगे और रही बात हमारी तो हम यहां पे नहीं रुक सकते अगर हम यहां पे रुके तो बहुत ज्यादा खतरा बढ़ जाएगा पंडित जी कहते हैं कि तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है पहले घर के अंदर दो मौतें हो चुकी है और उसके बाद में तुम्हें अभी भी रुकना नहीं है यहां पे तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं है गुड्डू कहता है दो नहीं बल्कि तीन मौतें हो गई है स्वीटी पेट से थी ये बात सुनके तो बेचारी वसुदा और पंडित जी का तो बहुत ज्यादा दिमाग खराब हो जाता है गुड्डू कहता है कि हम इसके अंदर घुस चुके हैं हम यहां से बाहर नहीं निकल सकते अगर हम यहां पे रुके तो हम जिंदा तक भी नहीं बचेंगे हमें बल्कि आज की आज ही निकलना होगा पंडित जी बहुत ज्यादा भड़के हुए थे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है तुम्हें शर्म नहीं आ रही कि आखिर तुम क्या बोल रहे हो गुड्डू अपने बाप को बोल देता है कि पापा आपको एक सच बात बताएं ना आपको क्या हो रहा है आपको बबलू के मरने का उतना दुख नहीं है जितना कि हमारे जिंदा रहने का दुख है जितने में तो वसुदा खड़ी होती है और चाटे मारती है गुड्डू को कि तुम्हें शर्म नहीं आ रही कि अपने बाप से कैसे बात कर रहे हो इतने दिन हो गए उसने खाना तक नहीं खाया रात को सोते नहीं है अपना एक बेटा खो चुकी है और ऊपर से तुम आके ऐसी बातें कर रहे हो तुम्हें शर्म भी है थोड़ी गुड्डू कहता है कि मैं सच तो बोल रहा हूं और गलत क्या बोल रहा हूं आखिर पापा को देखिए कितना ज्यादा दुख है हम जिंदा हैं इस चक्कर के अंदर अगर हम ही मर गए होते तो ज्यादा अच्छा रहता जिसके बाद में पंडित जी बोलते हैं कि अगली बार अगर तुम इस घर के अंदर आए तो पूरी तरीके से ही आना अगर ऐसे ही हालत में आओगे तो आज के बाद इस घर के अंदर आना मत तो गुड्डू कहता है कि आप इस घर के बारे में कह रहे हैं हम तो पूरे मिर्जापुर को लेने के चक्कर में हैं

उधर गोलू भी बिल्कुल रेडी थी अपना बदला लेने के लिए और इसी के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 2 खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 3 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि गुड्डू डिंपी और गोलू अपने-अपने घर जाते हैं जहां पर गुड्डू और डिंपी के पहुंचने पर पंडित जी काफी ज्यादा शोक व्यक्त करते हैं और गुड्डू उनसे साफ-साफ कह देता है कि मैं यहां पर डिंपी को नहीं रख सकता हूं क्योंकि यहां पर बहुत खतरा है और इसे लखनऊ जाना होगा पढ़ने के लिए और मैं इस धंधे से वापस भी नहीं आ सकता हूं क्योंकि वह लोग मुझे मार देंगे तो और अब मेरी लड़ाई अब बहुत ही लंबी होने वाली है और इस मिर्जापुर पर अब मैं राज करूंगा दूसरी तरफ हम गुप्ता जी को देखते हैं जहां गोलू उनके सामने बैठी थी गुप्ता जी भी स्वीटी को याद करके बहुत रोते हैं कि उनकी बेटी उनसे बहुत दूर हो गई है लेकिन गोलू यहां पे वादा करती है कि आप कहते थे ना कि आपकी बेटी को मिर्जापुर के ऊपर राज करना चाहिए आपकी बड़ी बेटी तो ऐसा नहीं कर पाई लेकिन आपकी छोटी बेटी ऐसा जरूर करेगी गोलू भी बिल्कुल रेडी थी अपना बदला लेने के लिए

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 3 विकलांग कोटा

इस एपिसोड की शुरुआत एक कॉमेडी सीन से होती है जहां पर कालीन भैया पहुंच गए थे एक ऐसे डॉक्टर के पास में जो कि उनके सेक्सुअल लाइफ का ट्रीटमेंट कर सकते हैं कालीन भैया जो भी बात उसे डॉक्टर को बोलने के बाद अंत में डॉक्टर को यह बोलते हैं कि यह सारी प्रॉब्लम मकबूल की है और डॉक्टर मकबूल को खट्टा कट्टा देख रहा था तो डॉक्टर बोलता है कि तुम बोल क्या रहे हो मकबूल के बारे में कालीन भैया फिर बोलते हैं कि काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है बच्चे हो नहीं रहे हैं ऊपर से बहुत पुरानी बीमारी भी है तो आखिर कुछ इलाज तो होगा इसका

डॉक्टर भी कहीं ना कहीं समझ गए थे अच्छी तरीके से कि बात यहां पे कालीन भैया की है और बंदूक यहां पे मकबूल के कंधे के ऊपर रख के चलाई जा रही है डॉक्टर बीमारी का इलाज बताने के लिए तैयार थे इसी के लिए उन्हें सैंपल चाहिए था कालीन भैया आंख मिलाने के लायक भी नहीं बचे थे इसी के कारण उन्होंने चश्मा पहन लिया लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि शर्मा जी से आपको शर्माने की जरूरत नहीं है और इसी के साथ में सब अपनी-अपनी नजरें फेर लेते हैं और डॉक्टर सैंपल बॉक्स कालीन भैया के आगे कर देता है दूसरी तरफ हमें पता चलता है कि बीना प्रेग्नेंट हो गई है सस्पेंस ये था कि आखिर बीना प्रेग्नेंट किससे है

उसके बाद हम मकबूल की फैमिली को देखते हैं मकबूल अपनी मां के साथ रहता था ऊपर से मकबूल ने शादी भी नहीं की थी बाबर काफी दिनों बाद में आया था तब मकबूल कहता है कि आखिर कहां हो तुम इतने दिनों से बाबर कहता है बस थोड़ी तबीयत खराब थी मगर बाबर तो गुड्डू के साथ में था यहां पे जुम्मे की रात थी तो ये लोग मिलके बिरयानी खा रहे थे मकबूल बाबर से कहता है कि आखिर तुम कब शादी करोगे आखिर कोई तो इस घर में शादी करे और यहां पे शहनाई बजे बाबर कहता है कि नहीं मामा अभी तो नहीं लेकिन हम कुछ ही टाइम के अंदर बता देंगे आपको मकबूल कहता है कि रात में रुकोगे ना तब बाबर कह कता है कि नहीं मामा हमें थोड़ा जल्दी है जाने की कल सुबह हमें अस्पताल भी जाना है मकबूल बाबर से बहुत प्यार करता था वो उसे अपने बच्चे की जैसे रखता था इसी के कारण वो पॉकेट के अंदर कुछ पैसे भी डाल देता है जिसके बाद में बाबर यहां गुड्डू के पास पहुंच जाता है और गुड्डू को बाबर इनफॉरमेशन देता है की शरद ने मुन्ना भैया से हाथ मिला लिया है और साथ मिलकर यूसुफ को मार डाला है और इसी के साथ में मुन्ना ने जौनपुर भी हथिया लिया है मुन्ना का आतंक बढ़ता ही जा रहा है और अब तो हमें कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा जिसके बाद में गुड्डू ठान लेता है कि अब अगर उसकी कोई मदद कर सकता है तो वो सिर्फ और सिर्फ लाला ही है गुड्डू यहां पे लाला के घर पे पहुंच जाता है पहले बाबर जाता है बात करने के लिए लेकिन बाहर के लोग मना कर देते हैं तब गुड्डू पंडित खुद अंदर जाता है बात करने के लिए तब भी मना कर दिया जाता है कि लाला ने किसी से भी मिलने के लिए मना किया है तब गोलू यहां पे डिंपी को कहती है कि तुम्हारी मदद लगेगी लड़की होने के कारण डिंपी को अंदर भेज दिया जाता है लाला का बंगला बहुत ज्यादा बड़ा था और डिंपी अंदर अपनी फ्रेंड से मिलने के लिए जाती है जहां पे पहले तो उसकी फ्रेंड काफी ज्यादा भड़क जाती है कि आखिर तुम यहां पे आई क्यों हो लेकिन जब वो डिंपी की ऐसी बुरी हालत देखती है तो वो भी उसे गले मिल लेती है क्योंकि इन दोनों की बहुत बुरी कंडीशन हो रखी थी डिंपी की फ्रेंड का हस्बैंड मर गया था ऊपर से डिंपी के भाई मर गए थे डिंपी यहां पे अपने फ्रेंड से रिक्वेस्ट करती है कि गुड्डू भैया बाहर आए हुए हैं वो बस एक बार तुम्हारे फादर से मिलना चाहते हैं बस एक बार उन्हें अंदर आने दो डिंपी की फ्रेंड अपने फादर से बात करती है यानी कि लाला गुड्डू को अंदर आने के लिए बोल देते हैं गुड्डू अंदर आता है बैठता है और बातचीत करना स्टार्ट करता है वो सबसे पहले तो मदद मांगता है कि आखिर आपका खून नहीं खोलता क्या कि जाके त्रिपाठियों के ऊपर अटैक कर दे तो लाला कहता है कि खून तो बहुत खोलता है लेकिन हम तुम्हारे जैसे नहीं हैं मरने मारने के अंदर विश्वास नहीं करते हम हमारी बेटी से बहुत प्यार करते हैं अगर हम वहां पे चले गए तो या तो मर जाएंगे या फिर मार देंगे और हम ऐसा होने नहीं देना चाहते जिसके बाद में लाला यह भी कहते हैं कि हम तुम्हारे लिए यही मदद कर सकते हैं कि तुम्हें भर-भर के पैसा देंगे खरीदो गोलियां और मार डालो जाके त्रिपाठियों को जहां पे गुड्डू का कहना था कि उन्हें हमें मारना नहीं है बल्कि हमें तो मिर्जापुर छीनना है लाला कहते हैं कि तुम्हें पता भी है कि तुम आखिर क्या बात कर रहे हो त्रिपाठियों का मिर्जापुर रुतबा है उनका घमंड है वो गुड्डू कहता है उसी घमंड को तो तोड़ना है वही मिर्जापुर अब हमें चाहिए इन त्रिपाठियों ने जो करना था बहुत कुछ कर लिया है हमें तो बस आपका सपोर्ट चाहिए जहां पे लाला कहता है कि इसके अंदर हमारा फायदा क्या है मिर्जापुर तुम्हें मिल जाएगा पैसा तुम्हें मिल जाएगा पावर तुम्हें मिल जाएगी ऊपर से तुम इस्तेमाल भी हमारा कर रहे हो जिसके बाद में गुड्डू बताना शुरू करता है कि आखिर यूसुफ कहां पर गए हैं कुछ ही दिनों पहले वो जौनपुर गए थे ना शरद से मदद मांगने के लिए कि वो एक बार मुन्ना से उन्हें मिलवा दे पता भी है कि आखिर हुआ क्या है उनके साथ उनको वहीं पर मार दिया गया आपको क्या लगता है कि आपकी जान बची रहेगी अगर आप उन्हें मारने नहीं जाएंगे तो क्या वो लोग यहां नहीं आ सकते हैं हम अच्छी तरीके से उन्हें जानते क्योंकि हम उनके साथ में उठे बैठे थे लाला को कहीं ना कहीं बात समझ में आ रही थी और कहीं ना कहीं गुड्डू भी चाहता था कि वो लाला को बस कैसे भी करके कन्वेंस कर ले

उसके बाद हम त्रिपाठी कोठी को देखते हैं जहां पर वीणा कालीन भैया को गुड न्यूज़ बताती है कि वो प्रेग्नेंट है कालीन भैया कहते हैं कि वो खामखा फालतू के अंदर टेंशन ले रहे थे कि शायद उनसे कुछ नहीं हो पाएगा लेकिन वो तो एक बच्चे के बाप बनने वाले हैं वो बीना को कहते हैं कि हम बहुत ही ज्यादा खुश हैं एक नया त्रिपाठी काफी सालों बाद यहां जन्म लेने वाला है तुम्हें अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखना है बीना यहां पे कालीन भैया के सामने बहुत ही अच्छी तरीके से इस बात को रखती है कि अब अगर वो पेट से होने वाली है तो वो बाबूजी के पैरों पे तेल नहीं लगा पाएगी यानी कि कहीं ना कहीं वो कालीन भैया के थ्रू इस बात को कलवाना चाहती थी कि वो बाबूजी के पास नहीं जाएगी कालीन भैया कहते हैं कि अरे ये भी कोई कहने की बात है क्या होग अब जितनी सेवा करनी थी कर दिए अब तुम बच्चे पे और खुद पर ध्यान दो कालीन भैया कहते हैं कि हम जाके बाबूजी को बता के आते हैं तो बीना कहती है कि नहीं आप मत बताइए हम बताते हैं उन्हें ज्यादा खुशी होगी वीणा जिसके बाद में बाबूजी के पास पहुंच जाती है जो कि यहां पे उल्टी सीधी बुक्स पढ़ रहे थे उसके बाद वीणा उनका हाथ पकड़ कर उन्हें बताती है कि हम आपके बच्चे की मां बनने वाले हैं बाबूजी को तो विश्वास ही नहीं होता कि ऐसे कैसे हो सकता है फिर वीणा कहती है कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं और इसी के साथ में त्रिपाठी के बच्चे को जन्म देने वाले हैं बाबूजी कहते हैं कि कुछ भी हो जाए कालीन तुम्हारा ध्यान रखे चाहे नहीं रखे अब हम तुम्हारा ध्यान रखेंगे तुम्हें इस बच्चे का बहुत अच्छी तरीके से ख्याल रखना है तुम्हारे अंदर त्रिपाठियों का बच्चा है बीना भी यहां पे बाबूजी को खुश करके चिकनी चुपड़ी बातें करके यहां से बहुत आसानी से निकल जाती है और बाहर आने के बाद बीना की बातों से साफ पता चल रहा था कि ना तो ये बच्चा कालीन भैया का था और ना ही बच्चा ये बाबूजी का था असल में ये बच्चा राजा का था

बाहर आने के बाद बीना यही कहती है कि अब उसको खुद को भी सरवाइव करना है और साथ ही में इस बच्चे को भी सरवाइव करना है उसके बाद में हम मौर्य को देखते हैं जो कि अपनी बहुत ही नॉर्मल सी घरेलू जिंदगी जी रहे थे उनकी वाइफ आके उनसे पूछती है कि आखिर उन पैसों का करना क्या है मौर्या जी कहते हैं कि जब सही वक्त आएगा तब बता देंगे कि आखिर पैसों का क्या करना है इसी वक्त इनके घर पे कोई आता है जब वह दरवाजा खोलते हैं तो सामने पंडित जी थे वह उनसे कहते हैं कि उस वक्त शादी के अंदर जितनी भी गोलियां चली थी वो सिर्फ और सिर्फ ललित ने नहीं चलाई थी और उसमें मुन्ना भी शामिल था मौर्या कहता है कि देखिए इस केस को क्लोज कर दिया गया है आप पंडित जी हैं आपकी बहुत ज्यादा रेस्पेक्ट करी जाती है आप हमारे घर में मेहमान है इसी के कारण हम आपको इतना इज्जत दे रहे हैं रहे हैं अगली बार आएंगे तो हम आपकी बकवास नहीं सुनेंगे और हां चाय पी के जाइएगा हमें काफी ज्यादा देर हो रही है यानी कि मौर्या मुन्ना के ऊपर पूरी तरीके से पर्दा डाल चुका था कि वो तो मुन्ना को अरेस्ट नहीं करेगा तभी पंडित जी अपने घर जाते हैं और उसके बाद में सारे आईविटनेस के लिस्ट बनाते हैं ताकि उन लोगों से जाके बात कर सके कि कोई ना कोई तो जाके कोर्ट में गवाही दे कि मुन्ना ने ही गोलियां चलाई थी लेकिन एक भी ऐसा इंसान नहीं था जो कि मुन्ना के खिलाफ बोलने के लिए तैयार था हर कोई पंडित जी के मुंह पे दरवाजा बंद कर देता है एक इंसान था भी सही जिसने बोला कि हां मुन्ना ने गोलियां चलाई है लेकिन वो कोर्ट में जाकर सेम बात कहने के लिए तैयार नहीं था हर किसी की कालीन भैया से बहुत ज्यादा फटती थी रात होने पे पंडित जी घर लौटते हैं जो कि बहुत ज्यादा लेट हो चुके थे और उनकी वाइफ उनका वेट ही कर रही थी वह कहते हैं कि अगर हम लेट हो जाते तो तुम हमारा इंतजार क्यों करती हो खाना क्यों नहीं खा लेती तो वसुदा कहती है कि अब तो आप हमारे साथ खाना भी नहीं खाते आप हमें बताइए तो सही अगर हम आपकी मदद कैसे कर सकते हैं

उसके बाद हम देखते हैं कि डिंपी अब लखनऊ शिफ्ट हो चुकी है जहां कॉलेज के अंदर एडमिशन के बाद में उसका हॉस्टल के अंदर भी एडमिशन करा दिया जाता है यहां पे रूम मिल जाता है लेकिन बॉयज को अंदर एंट्री नहीं थी गोलू अंदर जाती है डिंपी का सामान वगैरह रखती है जहां पर डिंपी एक बुक को निकालती है और ये बुक बबलू की थी वो ये बुक गोलू को देती है और बताती है कि बबलू भैया इसके अंदर अपने काम के साथ में अपने लाइफ की पर्सनल चीजें भी लिखा करते थे गोलू बड़े इमोशनल होकर उस बुक को अपने पास रख लेती है बाहर गुड्डू बैठा था और तभी यहां पे एक लड़का आके बैठता है जो कि कहता है कि ये तो हॉस्टल है अंदर कोई भी जा सकता है कमरे में गुड्डू से पूछता है कि कोई भी जा सकता है तो वह लड़का बताता है आप चाहे तो आप भी जा सकते हैं फिर उसके बाद गुड्डू उसे बंदे को गंदी गाली देता है और कहता है कि अंदर हमारी बहन रहती है और अगर अगली बार तुम गए तो तुम्हारी ऐसी की तैसी कर देंगे

जिसके बाद वह लड़का खुद के बारे में बताता है कि पहली बात तो भैया हम रेड लाइट एरिया से पैदा हुए हैं और दूसरी बात हमारी मां पिछले साल ही भगवान को प्यारी हो गई थी गुड्डू को लगता है कि उसने शायद थोड़े ज्यादा गलत शब्दों का इस्तेमाल कर लिया इसी के कारण वो माफी मांगता है ये लड़का कहता है कोई बात नहीं भैया आप जानते नहीं थे इसी के कारण आपने कह दिया खैर हमारा नाम रॉबिन है हम दुनिया की हर एक चीज बेच सकते हैं वो भी बिना कागज के चाहिए तो सिर्फ और सिर्फ कैश कोई चीज खरीदनी हो या बेचनी हो आप रॉबिन से कांटेक्ट कर सकते हैं तभी गुड्डू को एक आईडिया आता है और वो कहता है कि मिर्जापुर के अंदर हमारा एक फ्लैट है हमारे मम्मी पापा के नाम पे आप उसे बेच सकते हैं क्या रॉबिन कहता है बिल्कुल बेच सकते हैं लेकिन 5 % उसमें हमारा होगा हम सिर्फ कैश के अंदर बात करते हैं उसके बाद गुड्डू कहता है कि हम मैसेज में तुम्हें एड्रेस भेज देंगे उसके बाद गोलू वहां पर आ जाती है और रोबिन को लगता है कि ये उसकी बहन थी लेकिन गुड्डू और गोलू जब यहां से जाने लगते हैं तो डिंपी निकल के आती है तब यहां पे रोबिन को पता चलता है कि गुड्डू की बहन और कोई नहीं बल्कि ये लड़की डिंपी है

उसके बाद हम देखते हैं मिर्जापुर की फैक्ट्री में जहां पे मुन्ना अपने एक आदमी को कहता है कि लाला अभी भी अपने घर के अंदर छुपा हुआ है लाला जब भी बाहर निकले अंदर आए हमें हर एक चीज की खबर चाहिए और इसी के साथ में इस गुटका खाने वाले आदमी को भी कहता है कि थोड़ा कम गुटका खाया करिए नहीं तो अच्छा खासा कैंसर हो जाएगा गलत जगह पे

उसके बाद हम लाल की हवेली को देखते हैं जहां पर बाबर 35 ₹ लाख लेके पहुंचा था गुड्डू लाला को कॉल करता है और कहता है कि हमारे मम्मी पापा का हमने फ्लैट बेचा है और साथ ही में पैसे भी भिजवाए हैं 35 लाख आप बस इसकी बर्फी भिजवाए हम आपके किसी ऐसे इंसान के साथ में डील करवाएंगे जो कि आपको इसकी कीमत से कहीं ज्यादा पैसे देंगे इसी के साथ में काम भी आपका कंटीन्यूअसली चलता रहेगा बीच में कोई दलाल नहीं रहेगा और मुनाफे की गारंटी हमारी अगर आपको ज्यादा पैसा ना मिले तो ये हमारी आखिरी मुलाकात होगी लाला कहता है कि ठीक है हम आएंगे लेकिन जगह कौन सी होगी यह हम बताएंगे गुड्डू बात मान जाता है जिसके बाद में लाला के कई सारे लोग अपनी पूरी फुल सिक्योरिटी के साथ में एक सीक्रेट प्लेस पे पहुंचते हैं जहां पे गुड्डू अपने चार लोगों को लेकर आया था ये अलग-अलग गांव के ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर थे जिनका सिर्फ और सिर्फ काम बर्फी के ऊपर चलता था यानी कि गांजा अफीम वगैरह बेचने से गुड्डू यहां पे इन सब को लाला से मिलवाता है और बताता है कि आज से आपकी डीलिंग डायरेक्ट लाला से होगी एकदम सही और कड़क माल मिलेगा आप माल बेचजिए और पैसा डायरेक्ट इनको लाके दीजिए बीच में कोई दलाल नहीं चाहिए यानी कि बात त्रिपाठियों की हो रही थी तो वहां पर लोग कहते हैं कि अगर त्रिपाठियों को पता चला तो फिर क्या होगा तो एक आदमी बोलता है कि त्रिपाठियों को आखिर पता ही कैसे चलेगा अगर बताया ही नहीं जाएगा तो मुनाफा हमारा ही होगा ना जिसके बाद में बोली लगना शुरू हो जाती है इस के साथ में सैंपल का टेस्ट भी करवाया जाता है कि आप लोग इसे टेस्ट करिए और बताइए माल कैसा है सभी बड़े खुश हो जाते हैं और इस माल की बोली लगना शुरू होती है बोली की शुरुआत ही 50-60 लाख से होती है जबकि माल सिर्फ 35 लाख का था देखते ही देखते बोली 80 लाख तक पहुंच जाती है पीछे खड़ी हुई गोलू भी बहुत हैरान हो जाती है इसी के साथ में लाला भी इतना ज्यादा खुश था कि एक सेकंड के अंदर उसका माल डबल से भी ज्यादा कीमत के ऊपर बिका है वो गुड्डू के ऊपर विश्वास करता है तभी गुड्डू लाला को कहता है हमें आगे तक की भी सिक्योरिटी चाहिए आपकी हवेली बहुत बड़ी है और हमें थोड़ी जगह दे दीजिए रात होने पे ये सारे डीलर्स यहां से निकल गए थे उसी टाइम पे मुन्ना ने अपने दो आदमियों को लाला को मारने के लिए भेजा था बाबर जैसे-जैसे ऊपर जाता जा रहा था वैसे-वैसे ये दोनों गुंडे भी हवेली की तरफ बढ़ते जा रहे थे उसके बाद जब बाबर गार्ड्स के साथ में बाहर बैठा था तभी दो गुंडे हवेली के अंदर पहुंच जाते हैं और सारी लाइट्स को बंद कर देते हैं इसी के साथ में एक आदमी को भी मार देते हैं और फाइनली वह लाला के कमरे तक पहुंच ही गए थे कि तभी गोलू देख लेती है और एक आदमी को वहीं पे शूट कर देती है और इस समय उसका एक आदमी गुड्डू को देख लेता है और वह पूरी तरीके से डर जाता है कि गुड्डू पंडित आखिर यहां क्या कर रहा है वो आदमी फुल स्पीड से भागने लगता है एक आदमी को तो गोलू पहले ही मार चुकी थी और दूसरे आदमी को लाला के गार्ड्स ने मिलके घेर लिया था उसी के साथ में गुड्डू उसका गिरेबान पकड़ता है और मुंह के अंदर उसके हाथ में जो टॉर्च थी वह छीन कर उसका पूरा मुंह तोड़ देता है

लाला ये चीज देख चुका था कि उसके ऊपर हमला हुआ लेकिन गुड्डू और गोलू दोनों ने मिलकर उसे बचा लिया अगले दिन एक पोस्ट आता है जो कि त्रिपाठियों के घर के लिए आया था इसी के साथ में शहर में चुनाव होने वाले थे और उसका एक पर्चा बनाया जाता है कालीन भैया देखते हैं और बताते हैं कि जेपी यादव की फोटो को हटवाए यहां से और पूरे शहर के अंदर लगवा दो साथ ही में मुन्ना को भी कहते हैं हमने माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रॉमिस किया है कि उन्हें भर-भर के वोट मिलेगा आप जाइए अपने यूथ के अंदर प्रचार शुरू करिए इसी के साथ में वो मकबूल से भी पूछते हैं कि रैली तैयार है मकबूल बताता है हां भैया बिल्कुल तैयार है इसी समय इनके पास में पोस्टमैन पहुंच जाता है जो कि पोस्ट लेकर आया था

दूसरी तरफ हम देखते हैं की त्रिपाठी कोठी में वीणा के पास उसकी मेड आती है और वह बताती है कि कोई डॉक्टर आए हैं जो कि सिर्फ और सिर्फ कालीन भैया से ही मिलेंगे वीणा उस डॉक्टर साहब से पूछती है कि बताइए आखिर बात क्या है वो डॉक्टर कहते हैं कि नहीं कोई बात नहीं जब कालीन भैया आएंगे तब हम उन्हीं से मिल लेंगे बीना कहती है कि उनकी हेल्थ के बारे में बात है आप हमें बताइए बात क्या है आखिर तो ये डॉक्टर एक लेटर दे देता है बीना को और कहता है कि बस आप ये कालीन भैया को दे दीजिएगा और वहां से चला जाता है

दूसरी तरफ मुन्ना जब उस पार्सल को खोलता है तो उसके अंदर एक बॉक्स था और बॉक्स के अंदर दांत पड़े थे साथ ही में एक लेटर था जो कि कालीन भैया के लिए था और उस लेटर के अंदर लिखा हुआ था कालीन भैया प्रणाम इस्तीफा मंजूर कीजिए और नीचे लिखा हुआ था गुड्डू पंडित यानी कि गुड्डू पंडित जिंदा है और इस बारे में अब सबको पता चल गया है साथ ही में बीना को एक बहुत बड़ी बात पता चलती है कि कालीन भैया का स्पर्म काउंट इतना ज्यादा कम है कि वो बाप बन ही नहीं सकते और अगर गलती से ये बात कालीन भैया को पता चल गई तो बहुत बड़ा बवाल हो जाएगा

क्योंकि बीना तो इस वक्त प्रेग्नेंट है और अगर कालीन भैया प्रेग्नेंट कर ही नहीं सकते तो बीना आखिर किससे प्रेग्नेंट है साथ ही सबको ये भी पता चल गया था कि गुड्डू लौट आया है और इसी सस्पेंस के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 3 यहीं पर खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 4 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि मुन्ना एक पार्सल को खोलता है और पार्सल के अंदर दांत पड़े थे साथ ही में एक लेटर था जो कि कालीन भैया के लिए था और उस लेटर के अंदर लिखा हुआ था कालीन भैया प्रणाम इस्तीफा मंजूर कीजिए और नीचे लिखा हुआ था गुड्डू पंडित यानी कि गुड्डू पंडित जिंदा है

त्रिपाठी कोठी में एक डॉक्टर आता है और वीणा उससे पूछता है की उनके हेल्थ के बारे में कुछ बातें हैं तो आप मुझे बता सकते हैं उसके बाद डॉक्टर एक लेटर दे देता है और कहता है कि बस आप ये कालीन भैया को दे दीजिएगा और वहां से चला जाता है बीना को एक बहुत बड़ी बात पता चलती है कि कालीन भैया का स्पर्म काउंट इतना ज्यादा कम है कि वो बाप बन ही नहीं सकते और अगर गलती से ये बात कालीन भैया को पता चल गई तो बहुत बड़ा बवाल हो जाएगा क्योंकि बीना तो इस वक्त प्रेग्नेंट है और अगर कालीन भैया प्रेग्नेंट कर ही नहीं सकते तो बीना आखिर किससे प्रेग्नेंट है

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 4 भयमुक्त

 इस एपिसोड की शुरुआत में हम देखते हैं कि मुन्ना त्रिपाठी काफी ज्यादा गुस्से में था मुन्ना कहता है कि इस बार मकबूल नहीं जाएगा बल्कि मैं खुद जाऊंगा और इस बार तो गुड्डू को मार के ही आऊंगा तब कालीन भैया मुन्ना को थोड़ा शांत कराते हैं कि अगर गुड्डू पंडित ने इतनी ज्यादा डेरिंग दिखाई है इसका मतलब है कि उसे कोई ना कोई सपोर्ट जरूर कर रहा है और इस वक्त अगर उसे कोई सपोर्ट कर रहा है तो वो सिर्फ और सिर्फ लाला है लाला की पूरी सिक्योरिटी उन्हें सिक्योर करने में लगी हुई होगी और अगर तुम अभी जाओगे तो खून खड़वा के सिवाय कुछ नहीं होगा थोड़ा इंतजार करो सही वक्त का जैसे ही सही वक्त आएगा तो हम तुम्हें खुद आर्डर देंगे जैसे कि हमने पहले भी ऑर्डर दिया था अभी सारा फोकस सिर्फ और सिर्फ इलेक्शन पे करो मुन्ना गुस्से में तो होता है मगर रुक जाता है

फिर हम लाला की कोठी को देखते हैं लाला ने गुड्डू और गोलू दोनों को रहने की जगह दे दी थी पूरी रात गोलू को नींद नहीं आई थी वो बार-बार बबलू को याद कर रही थी जिसके बाद में वो उठके बबलू की बुक को खोलना चाह रही थी मगर वह बीते पुराने किस्से को याद कर रही थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं होती कि वो उस बुक को खोले और आगे लिखी हुई चीजों को पढ़े दूसरी ओर गुड्डू भी बीते हुए पल को याद कर रहा था कि कैसे स्वीटी के साथ उसकी शादी हुई थी और उसने वादा किया था कि वह स्वीटी का ख्याल रख लेगा लेकिन वो स्वीटी का ध्यान नहीं रख पाया और स्वीटी उससे बहुत दूर हो गई तभी गोलू कमरे में आ जाती है और गुड्डू से पूछती है क्या हम यहां पे सो सकते हैं हमें वहां नींद नहीं आ रही दोनों ही अलग-अलग फेस करके बहुत जोर से रो रहे थे

गुड्डू कहता है कि हम जब घर गए थे तो हमें मां से गले लग के रोने का बहुत मन था गोलू भी कहती है कि हमें पापा के पास रुकना था हमें बहुत रोने का मन था और तब वो गोलू से कहता है कि गोलू अगर हम रोए तो हम टूटेंगे तो नहीं ना क्योंकि अब तक बबलू और स्वीटी के मरने के बाद में ये दोनों रोए तक भी नहीं थे ये दोनों उनसे इतना ज्यादा प्यार करते थे फिर भी इनके साथ में इतना वायलेंस हो रहा था कि इन्हें टाइम तक नहीं मिला कि ये बबलू और स्वीटी को याद भी कर सके जिसके बाद में ये दोनों ही गले लग के बहुत जोर से रोते हैं

दूसरी तरफ हम देखते हैं वीणा बाबूजी के पास आती है और उन्हें वापस से मक्खन लगाने की कोशिश करती है वो कहती है कि किचन के अंदर कोई भी सही तरीके से काम नहीं करता हम तो दिन भर किचन के अंदर ही लगे रहते हैं जबकि हमारी तबीयत भी ठीक नहीं है हम आपसे एक रिक्वेस्ट करें क्या हम चाहते हैं कि हम राजा को बुला लें ये चीज सुनके बाबूजी थोड़ा भड़क जाते हैं तब बीना उन्हें बहुत मक्खन लगाती है और बोलती है कि राजा इस वक्त कुछ कर तो सकता नहीं है हमारे साथ में और वो किचन का सारा काम संभाल लिया करता था आप बस प्लीज उसे आने दीजिए ताकि हमारी टेंशन कम हो जाए और हमारा काम कम हो जाएगा बाबूजी बीना की बात मान जाते हैं और राजा को आने की परमिशन दे देते हैं

उसके बाद हम मुन्ना भैया को देखते हैं यहां पे चुनाव की रैली की तैयारी कर रहे थे हालांकि उनका तो कोई काम था नहीं वो तो आगे बैठ के बस सिगरेट फूंक रहे थे पीछे पूरी की पूरी तैयारी चल रही थी कि कैसे मुख्यमंत्री के लिए वोट बटोरने हैं मौर्या को इस रैली का खास ध्यान रखने के लिए भेजा गया था मौर्या के पास इंफॉर्मेशन आ गई थी कि मुख्यमंत्री जी की बेटी यानी कि माधुरी वो यहां के कॉलेज में पहुंचने वाली है इसी के साथ में मुन्ना अपनी रैली की शुरुआत करता है और हर जगह खुद के नारों से ही शुरुआत करता है जहां पे रैली अब इनके कॉलेज के अंदर पहुंच चुकी थी साथ ही साथ माधुरी जी भी पहुंच गई थी माधुरी जी यानी कि माननीय मुख्यमंत्री की इकलौती विधवा बेटी माधुरी आगे बढ़ती है और उसके बाद में मुन्ना को कहती है कि ये तो चुनाव रेली है इसके अंदर आप नारे क्यों लग रहे हैं तो मुन्ना कहते हैं कि आपको थोड़ा जल्दी आना चाहिए था और यहां के लोग हमें ज्यादा पसंद करते हैं आप अगर कुछ लिख कर लेकर आई हैं तो बोलना शुरू करिए नहीं तो ये साले लोग हमको मिलके सीएम बना देंगे माधुरी को थोड़ी हंसी आती है और वो रैली में बोलने के लिए कुछ चीजें लिखकर लेकर आई थी और जिसके बाद में माइक के सामने खड़ी होक बड़ी प्यारी-प्यारी बातें करती है कि वो सारे वादों को पूरा करेंगी इसी के साथ में क्राइम रेट को कम भी करेंगी क्योंकि यूपी ऐसी जगह है जहां पे यूपी की क्राइम रेट सबसे ज्यादा है लेकिन बिहार की क्राइम रेट से थोड़ी सी कम है मुन्ना देख के समझ जाता है कि माधुरी जी काफी ज्यादा तेज है लेकिन आखिर वो ये काम कर क्यों रही है यह बात तो मुन्ना को भी नहीं पता मुन्ना माधुरी के ऊपर लाइन मारने की कोशिश भी करता है कि आपके ऊपर ये सफेद साड़ी अच्छी नहीं लगती साथ ही में यह भी बोलता है कि आपको भी पता है कि यूपी के अंदर कितना क्राइम रेट है तो आखिर आप ये झूठे वादे क्यों कर रही है तो माधुरी बताती है कि आखिर अगर कॉन्फिडेंस से कोई भी बात बोली जाए ना तो कोई पूछता नहीं है कि आखिर फाइलों के अंदर लिखा क्या है इसी के साथ में माधुरी अपनी असिस्टेंट से भी पूछती है कि आज हमने कितने जगहों का दौरा किया और अब आगे कहां-कहां जाना है वो भी मुन्ना से कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत फ्रेंडली हो ही चुकी थी दोनों मिलके पूरे शहर के अंदर नारे लगाते हैं कि इस बार अगर वोट देना है तो माननीय मुख्यमंत्री जी को ही देना है इसी के साथ में मुन्ना के पास एक कॉल आता है जो कि बिहार से कॉल था ये वो आदमी था जिसने कुछ टाइम पहले गुड्डू और बबलू से गंस खरीदी थी लेकिन गुड्डू और बबलू अभी गंस सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं तो मुन्ना कहता है कि तुम बस कैश के ऊपर ध्यान दो गंस की सप्लाई तुम्हें हम करवा देंगे तुम उसकी टेंशन मत लो रात होने पे ये लोग एक जगह पे रुकते हैं क्योंकि इस समय पूर्वांचल का पूरा का पूरा दौरा चल रहा था यानी कि मुन्ना त्रिपाठी और इसी के साथ में माधुरी जी दोनों ही मिलके हर जगह इनकी पार्टी की सपोर्ट के लिए रेलिया निकाल रहे थे यहां पे माधुरी काम करके काफी ज्यादा थक गई थी और मुन्ना को भी टाइम पास करना था इसी के कारण वो यहां आकर बैठ जाता है और साथ ही में माधुरी के असिस्टेंट को भी बोलता है अगर आपने खाना खा लिया है तो निकलिए फिर माधुरी जी भी उन्हें जाने के लिए कह देती है कि ठीक है आप यहां से जाइए

मुन्ना बहुत सारी डिटेल्स माधुरी की निकाल लेता है और वह बोलता है डेढ़ साल हो गए ना आपको विधवा हुए तो फिर आपका जीवन कैसे चल रहा है और हमें लगता नहीं है कि आप पॉलिटिक्स के अंदर कोई इंटरेस्ट लेती है तो फिर आखिर आप ये क्यों कर रही है तब माधुरी बताती है कि ये सब कुछ हम हमारे पापा के कारण कर रहे हैं पापा ने कहा था बस इसीलिए तो मुन्ना कहता है कि ये सबके पापा ही ऐसे होते हैं हमारे पापा भी हमको बहुत कंट्रोल करते हैं ये पापा लोगों ने हम लोगों की बजा के रखी है इसी के साथ साथ में मुन्ना माधुरी की पर्सनल लाइफ के बारे में भी बोलता है जहां पे माधुरी बड़ी सरप्राइज होती है कि आखिर आज तक किसी ने माधुरी से इस तरह से बात ही नहीं की है बल्कि सारे लड़के तो माधुरी से बहुत डरा करते हैं लेकिन मुन्ना बहुत अजीब किस्म के इंसान हैं जो कि बहुत स्ट्रेट फॉरवर्ड होके उनसे कुछ भी पूछ रहा है माधुरी जी को थोड़ा रिलैक्स करने के लिए मुन्ना माधुरी को माल भी फूंकने के लिए कहता है

उसके बाद हम शबनम को देखते हैं जो कि बहुत ही ज्यादा परेशान रहा करती थी गुड्डू उससे आके मिलता है और शबनम को कहता है कि शबनम हमें माफ कर दो अगर हम उस दिन तुम्हारी शादी मैं ना ही आते और ना ही उस दिन इतनी सारी चीजें होती हमें पता है कि तुम हमें माफ तो नहीं कर सकती लेकिन बस तुम अपने आप को संभालो सब कुछ ठीक हो जाएगा शबनम उस समय तो कुछ भी नहीं बोलती और गुड्डू वहां से चला जाता है

दूसरी ओर राजा फिर से कम पर ज्वाइन हो जाता है और वह वीणा के सामने बैठा हुआ था और बीना उसे वापस से घर के अंदर काम करने के लिए कहती है तो राजा मना कर देता है कि हमारे साथ तो बहुत बुरा हुआ हमें अपने लिए और आपके लिए दोनों के लिए बुरा लग रहा है हमारी तो शादी भी हो जाती हमारा घर बस जाता लेकिन उसके बाद बाऊज ने कुछ अच्छा नहीं किया तो वीणा उसे कहती है कि हमें तुम्हें बहुत इंपॉर्टेंट बात बतानी है और यह बात सुनने के तुम हकदार हो हमारे पेट के अंदर बच्चा पल रहा है और ऊपर से वो भी तुम्हारा बच्चा है तुम्हें भी पता है कि हम इस घर के अंदर कितने ज्यादा अकेले हैं ऊपर से तुम भी छोड़ के चले गए तो आखिर अब हमारा क्या होगा राजा इस बात को सुनके काफी ज्यादा इमोशनल हो जाता है कि आखिर उसका बच्चा बीना के पेट में है तो आखिर वो बीना को कैसे अकेले छोड़ सकता था इसी के कारण वो बीना की बात मान के यहीं रुक जाता है और रात होने पे ही बीना ने राजा को काम पे लगा दिया था जिस डॉक्टर ने कालीन भैया की रिपोर्ट्स निकाली थी कि उनके स्पर्म काउंट बहुत कम है और ये बात कालीन भैया को नहीं पता चल जाए इसी के कारण बीना राजा से कह के उसे मरवा देती है दूसरी तरफ मकबूल कालीन भैया के पास एक इंफॉर्मेशन लेके आया था कि पूर्वांचल के अंदर अफीम की बिक्री शुरू हो गई है चोरी छुपे बर्फिया बिकने लगी है पता चलता है कि ये बर्फिया और कहीं से नहीं बल्कि लाला के थ्रू डायरेक्ट सप्लाई हो रही थी और जिन-जिन लोगों ने बोलियां लगाई थी उन लोगों के पास में पहुंच गई थी पैसा तो काफी ज्यादा बन रहा था इसी के कारण गोलू गुड्डू को कहती है कि पैसा तो बन रहा है व्यापार से लेकिन आखिर पैसे से पैसा बनाना जरूरी है जहां पे गोलू और गुड्डू दोनों को ही याद आता है कि वो एक रॉबिन नाम का लड़का जो हॉस्टल के अंदर मिला था वो जरूर पैसों को बढ़ा सकता है उसे जाके कांटेक्ट करना चाहिए इसी समय शबनम गुड्डू के कमरे में आती है जहां पे शबनम को लगता है कि आखिर गोलू यहां पे क्या कर रही है गोलू एकदम से मुंह सुझा के बैठ जाती है कि शबनम आखिर गुड्डू भैया के कमरे में कर क्या रही है जहां पे शबनम आके बैठती है और गुड्डू भी आके बैठता है शबनम कहती है कि हमें उस समय तुमसे बात करनी चाहिए थी जितना बुरा तुम्हें लग रहा है उतना बुरा हमें भी लग रहा है गुड्डू कहता है कि हम तुम्हारी बात इसलिए समझ पा रहे हैं क्योंकि हमारे साथ में भी बिल्कुल सेम चीज हुई थी यानी कि शबनम का पति मरा था और गुड्डू की वाइफ मरी थी तो कहीं ना कहीं ये दोनों काफी ज्यादा दुखी महसूस कर रहे थे ये दोनों कुछ और बात कर पाते इससे पहले ही गोलू कह देती है कि अब आपको अपने कमरे में नहीं जाना क्या शायद आपको सो जाना चाहिए शबनम कहती है तुम्हारा कमरा तो ये नहीं है तो गोलू कहती है कि हां बिल्कुल ये हमारा कमरा नहीं है लेकिन हम इसी कमरे के अंदर सोते हैं यहां साफ-साफ पता चल रहा था कि गोलू शबनम से जल रही थी कि शबनम आखिर गुड्डू के कमरे में क्यों आई है और वो शबनम के मुंह पे दरवाजा बंद कर देती है

जिसके बाद में सीन यहां डिंपी के हॉस्टल पे शिफ्ट हो जाता है कमरे के अंदर गोलू और गुड्डू दोनों ही थे जो कि डिंपी से हॉस्टल के बारे में बात कर ही रहे थे और तभी पता चलता है कि डिंपी केbवॉशरूम के अंदर से रॉबिन निकल के आया है यानी कि गुड्डू को जिस इंसान से काफी ज्यादा नफरत हो रख थी वही इंसान उसकी बहन के वॉशरूम में आखिर क्या कर रहा था जहां पे डिंपी समझाने की कोशिश करती कि नहीं भैया ये तो बस हमें अकाउंट्स पढ़ाने के लिए आते हैं साथ ही साथ हमारे कंप्यूटर में थोड़ी खराबी भी हो रखी थी इसी के कारण इनको बुलाया था गुड्डू रोबिन को कहता है कि अगली बार इस कमरे के अंदर तुम दिखने नहीं चाहिए साथ ही डिंपी को भी कहता है कि अगली बार इसे कमरे के अंदर बुलाने की कोई जरूरत नहीं है यहां पे रोबिन कहता है आप खामखा बहुत ज्यादा गुस्सा हो जाते हैं बेमतलब के जैसे ही रोबिन पास में आता है तो गुड्डू रोबिन का गला पकड़ लेता है तो रोबिन कहता है कि देखिए अभी लड़कियों के बीच में आप पिट जाएंगे ये सारी चीजें अच्छा नहीं लगेगा आप बाहर चलिए हम आपको बाहर आके बताते हैं गुड्डू जैसे ही उसका गला छोड़ता है और रॉबिन बाहर निकल ता है तभी रॉबिन बाहर से जाके दरवाजा बंद कर देता है और बाहर से बोलता है कि अपना कद देखें आप बाहुबली हो रखे हैं हमें एक ही मिनट में लपेट देते और यहां पे हमारी इज्जत है गुस्सा थोड़ा कम करिएगा साथ ही में गोलू को भी कहता है अगर आपको हमारे बिजनेस से रिलेटेड कोई भी काम है तो ऑफिस आ जाइएगा गुड्डू को भयंकर गुस्सा आ रहा था और वो डिंपी को डांट देता है कि अगर ये अगली बार यहां दिख गया तो तुम्हारी खैर नहीं है

उसके बाद हम रॉबिन को उसके ऑफिस में देखते हैं और उसके सामने एक क्लाइंट बैठा था जो कि पैसे डबल करवाने के लिए आया था रॉबिन जिस तरीके से इस क्लाइंट से बातें कर रहा था उससे पता च चलता है कि रॉबिन अपने क्लाइंट्स के अकॉर्डिंग अपने जात-पात सब बदल लेता है उसके बाद गोलू आ जाती है और गोलू आके बताती है कि यहां पे उसका पैसा है और इसी के साथ में उसकी कुछ शर्तें हैं कि उसे सवा गुना मुनाफा चाहिए जहां पे रोबिन कहता है कि पैसे के मुनाफा तो हम दे सकते हैं बल्कि ज्यादा भी दे सकते हैं लेकिन गारंटी नहीं ले सकते जहां पे गोलू गन निकाल के बाहर रख देती है और बोलती है कि वो तो तुम्हें देना ही पड़ेगा इतनी देर में रबिन के पास में एक कॉल आता है और रॉबिन उस क्लाइंट का कैश निकालने के लिए लॉकर रूम के अंदर चला जाता है जिसके बाद में यहां पे एंट्री होती है भरत त्यागी की हमने भरत त्यागी को रति शंकर के साथ में देखा था और भरत त्यागी एक बहुत ही बड़ी पार्टी है जिसके पास में पैसों का भी लेनदेन काफी ज्यादा है जिसकी डिटेल हमें आगे आने वाले एपिसोड्स में बताई जाएगी भरत त्यागी यहां पे एक लड़की को यानी कि गोलू को रॉबिन के ऑफिस में देख के काफी ज्यादा इंप्रेस था और वो गोलू से बात करने की भी कोशिश करता है कि आखिर आप कहां से हैं यहां पे पैसे लगवाने के लिए आई हैं आप क्या करती हैं तो गोलू कोई भी बात का जवाब नहीं देती है इसी के साथ में जब जब रॉबिन भरत त्यागी को देखता है तो वो कहता है कि अरे भैया आप यहां पे क्यों आए हमें बोल देते हम कैश वहां पे बिजवा देते तो भरत त्यागी कहता है कि नहीं नहीं कोई दिक्कत नहीं है हमें जरूरत थी तो हम खुद ही आ गए गोलू जाने से पहले रॉबिन को कहती है हमारा मुनाफा एकदम टाइम चाहिए तो भरत त्यागी बोलता है कि अरे ये बोलती भी है इनके मुंह में जबान भी है तो गोलू कहती है कि हम उतना ही बात करते हैं जितनी की जरूरत है फालतू की बातें हम नहीं करते जहां पे रोबिन और भरत त्यागी दोनों ही चुप हो जाते हैं और रॉबिन फिर डायलॉग मारता है कि ये भी सही है

उसके बाद हम कालीन भैया को देखते हैं जिन्होंने अपने घर पे मीटिंग बुलाई थी यहां पे मुन्ना तो था ही इसी के साथ में वो सारे लोग जो कि बर्फिया लेते हैं उन सबको भी बिठा दिया गया था इसमें चार लोग वो भी थे जिन्होंने गुड्डू और लाला के साथ में अलग से पर्सनल डील करी थी कालीन भैया यहां पे एक आदमी को बोलना शुरू करते हैं कि पिछले महीने तुमने अकल डाढ निकलवाई थी जब तुम्हारी अकल डाढ निकलने की बात हमें पता है तो तुम बर्फिया खरीद रहे हो वो भी लाला से डायरेक्ट क्या ये बात हमें पता नहीं चलेगी जहां पर आपस में ये लोग बात करने लगते हैं और बताते हैं कि कालीन भैया हमने तो इन्हें मना भी किया था लेकिन ये लोग नहीं माने सबकी फट तो रही थी कि अब कालीन भैया को पता चल गया है तो अब आखिर कालीन भैया क्या करेंगे जिसके बाद में कालीन भैया कहते हैं कि अब से कोई भी डिसीजन हम नहीं लेंगे बल्कि इस गद्दी का आने वाला उत्तराधिकारी मुन्ना त्रिपाठी है यानी कि ऑफिशियल मुन्ना को अनाउंस कर दिया गया था कि आने वाला बाहुबली वो खुद होगा तो आने वाले डिसीजंस भी वो खुद लेगा यानी कि मुन्ना अभी डिसीजन लेने के लिए एकदम फ्री हैंड है मुन्ना को सजा तो देनी थी और उसका दिमाग हमेशा गर्म रहता ही था तो वो वहां पे बैठे हुए एक आदमी को वहीं पे उड़ा देता है और दूसरे व्यापारी के पास में गन लेके पहुंच ही गया था मारने के लिए तभी यहां पे शरद उसे रोक देता है और कहता है कि कालीन भैया रुकिए आप बात सुनिए लाला से अगर ये लोग माल ले रहे हैं तो इन्हें लेने दीजिए आपको तो प्रॉफिट लेने से मतलब है ना ये लोग प्रॉफिट आपको ज्यादा देंगे सारे के सारे व्यापारी अपनी जान बचाने के लिए बोल देते हैं कि हां हां कालीन भैया हम आपको प्रॉफिट दे देंगे यानी कि कालीन भैया को फालतू की बर्फिया बेचने की जिम्मेदारी भी अपने सर नहीं लेनी ऊपर से इन्हें प्रॉफिट भी मिल जाएगा कालीन भैया इस डील से राजी हो जाते हैं और इन सारे आदमियों को छोड़ देते हैं मीटिंग ऑलमोस्ट खत्म हो गई थी जहां पे शरद ने सबकी जान बचा ली थी जाने से पहले शरद कालीन भैया के पैर छूता है और बोलता है ताऊ जी आपको तो हम हमेशा से ही मानते हैं जहां पे कालीन भैया कहते हैं कि देखो तुम्हारे पिताजी और हमारे बीच में जो रिश्ता नहीं बना हम चाहते हैं कि वो रिश्ता तुम्हारे और मुन्ना के बीच में बने जहां पे शरद बहुत मीठी-मीठी बातें करता है कि हां ताऊ जी हम तो हमेशा से यही चाहते हैं आने वाली पीढ़ी बिल्कुल सही से चलेगी और मुन्ना तो हमारे बिल्कुल भाई जैसे हैं शरद यानी कि इन सब को बोतल में डालने की कोशिश कर रहा था दूसरी ओर मुन्ना भैया का कोई भी दोस्त नहीं बचा था अब वह अकेला ही बैठ के दारू पीता है तभी यहां पे शरद एक नई बोतल लेके आता है जो कि वाइन की बोतल थी मुन्ना यहां पे एक आदमी से गिलास वगैरह मंगाता है लेकिन वो आदमी सुनने को तैयार ही नहीं था तो मुन्ना गाली देता है बहुत जोर से तो शरद कहता है कि अरे भाई वो गूंगा और बहरा है इसी के कारण तुम्हारी बात नहीं सुन रहा शरद उसे इशारों में गिलास लाने के लिए कहता है तब जाके वो आदमी ग्लास लाता है मुन्ना फिर से कंफर्म करने के लिए उसे गाली देता है लेकिन अच्छा हुआ कि वो आदमी पलटा नहीं शरद जैसे-जैसे उसे सिखाता है कि आखिर ये वाइन है और इसे पीने के तरीके हैं पहले वो वाइन को मिक्स करता है उसके बाद में स्मेल करता है मुन्ना यह सोच रहा था कि यह चियर्स कब करेगा और शरद चेयर्स कर नहीं रहा था फिर मुन्ना को गुस्सा आता है वो गाली बगता और डायरेक्ट वाइन पी जाता है जिसके बाद में पता चलता है कि शरद यहां पे सिर्फ और सिर्फ आग के अंदर घी डालने का काम करने के लिए आया था वो मुन्ना को भड़कता है कि तुम्हारे डिसीजंस तो तुम्हारे पापा जी लेते हैं तुम तो कुछ भी नहीं लेते हो जहां पे मुन्ना कहता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है कई सारे डिसीजंस हम भी लेते हैं अभी जितने भी चुनाव चल रहे हैं वो सारे हमारे अंडर हैं कट्टों का सारा व्यापार हमारे अंडर है बर्फिया कहां बिक रही है ये सब कुछ हमारे अंडर है शरद कहता है कि हां हां ये तो बिल्कुल सही बात है तुम्हारे अंडर काफी सारी चीजें है लेकिन फिर भी तुम्हारा मन नहीं करता कि तुम जाके गुड्डू को ठोक दो तुम्हें पता भी है कि आखिर क्या-क्या चल रहा है वो लाला के साथ में हाथ मिला चुका है जहां पे मुन्ना बहुत ज्यादा भड़क जाता है और कहता है कि कही थी हमने ये बात पापा को लेकिन उन्होंने हमें जाने नहीं दिया उन्होंने बस सही वक्त आने का इंतजार करने के लिए कहा है इसी के कारण हम रुके हुए हैं जहां पे शरद कहता है कि हम तुम्हारा साथ देंगे तुम बस आगे बढ़ो और हम तुम्हारे भाई हैं आखिर हम तुम्हारी मदद तो कर ही सकते हैं यानी कि शरद ने गुड्डू को हटाने के लिए मुन्ना को फुल भड़का दिया था कि वो मुन्ना के सपोर्ट से ही गुड्डू को मरवा देगा जिसके बाद में शरद यहां पे एक आदमी को बुलाता है ये वही व्यापारी था जिसने गुड्डू के साथ में डीलिंग करी थी शरद उस आदमी को कहता है कि देखो हमने तुम्हारी जान बचाई है तो तुम्हें इसके बदले में कुछ तो करना ही पड़ेगा हमें गुड्डू से मिलवा दो हमें उससे डील करनी है ये आदमी शरद को एक बार के अंदर लेकर आता है जहां पे किसी को भी नहीं पता था कि ये रति शंकर का बेटा है वो बस बर्फिया खरीदने के हिसाब से यहां पे आया था बाबर शरद को पूरी तरीके से चेक करता है और उसके बाद में शरद को गुड्डू के पास में ले आता है यहां दूसरी तरफ बार के अंदर गाना वगैरह चल ही रहा था और इसी के साथ में मुन्ना भैया की एंट्री होती है जो कि यहां पे कई सारे गुंडे लेकर आया था यानी कि आज तो वो गुड्डू का काम खत्म करने ही वाला था लेकिन पता चलता है कि जिस कमरे के अंदर शरद घुसा था उस कमरे से कमरा बदल दिया गया था यानी कि गुड्डू और शरद की मीटिंग किसी और ही कमरे के अंदर चल रही थी यहां पे गुड्डू और शरद आमने-सामने बैठे थे शरद के पास में पैसों से भरा हुआ एक बैग था लेकिन उसके अंदर उसके पास में एक गंन भी थी गुड्डू कहता है कि अरे थोड़ी सब्र तो कर लो पहले माल तो टेस्ट करो अब शरद ने आज से पहले अफीम तो खाई नहीं थी तो उसे पता भी नहीं था कि आखिर इन बर्फिया का टेस्ट कैसा है गुड्डू को कुछ ही देर के अंदर में समझ में आ गया था कि ये कोई व्यापारी नहीं है और ना ही इसके बारे में किसी ने सुना है ना ही इसके नेटवर्क के बारे में किसी को पता है तो आखिर ये है कौन और शरद ने जो भी चीजें टेस्ट करी है वो असल के अंदर अफीम थी ही नहीं बल्कि कोई और ही चीज थी तो गुड्डू एकदम शोर हो गया था कि ये तो कोई और ही बंदा और उसके बाद पूछने पे पता चलता है कि ये शरद और कोई नहीं बल्कि रति शंकर का बेटा है जिसके बाद में गुड्डू मौका बिल्कुल नहीं छोड़ता शरद के साथ में पंगा लेने के लिए वो बोलता है कि तुम्हारे पिताजी भी पेले गए थे तुम भी पेले जाओगे तुम्हारे पिताजी को भी मारा गया था और तुम भी मारे जाओगे और इसी के साथ में गुड्डू पूरी की पूरी टेबल को ही गिरा देता है शरद के ऊपर देखते ही देखते यहां पे हाथापाई स्टार्ट हो जाती है वहीं दूसरी तरफ मुन्ना भी अपने लोगों के साथ में उस जगह तक पहुंच गया था जहां पे गुड्डू और शरद की मीटिंग चल रही थी देखते ही देखते यहां पे भयंकर वाली फाइट स्टार्ट हो जाती है गुड्डू के जितने भी लोग थे वो सारे मारे गए थे सिर्फ और सिर्फ बाबर बचा था जो कि कई सारे लोगों को रोकने की कोशिश करता है मुन्ना को अंदर तो घुसना था इसी के कारण वो उस आदमी का सहारा ले लेता है जिसके थ्रू ये यहां पे पहुंचे थे यहां पे गुड्डू पहले ही तो जख्मी हो रखा था यानी कि ना तो वो ढंग से चल पाता था ना ही वो ढंग से गोलियां चला पाता था और अब तो यहां पे मुन्ना भी आ गया था लेकिन गुड्डू बिल्कुल भी कमजोर नहीं था उन दोनों को करने के लिए एक हाथ से शरद को पकड़ता है और दूसरे हाथ से मुन्ना को पकड़ता है और उसके बाद में जोर-जोर से हंसता है कि आज तो वो इन दोनों को ही मार डालेगा लेकिन तभी यहां पे पासा पलट जाता है शरद और मुन्ना दोनों ही गुड्डू को गिरा देते हैं और उसके बाद में एक-एक करके उसे बहुत बुरी तरीके से मारते हैं बाहर बाबर गोलियां चला रहा था वहां पे अंदर ये लोग आपस में मिलके गोलियां चला रहे थे एक वक्त ऐसा आता है कि जब शरद और मुन्ना बुरी तरीके से पिट गए थे और गुड्डू की भी हालत खराब थी तभी यहां पे मुन्ना को बचाने के लिए शरद ऊपर की छत को नीचे गिरा देते हैं गुड्डू के ऊपर जिसके कारण गुड्डू नीचे दब जाता है शरद और मुन्ना ऑलमोस्ट अपनी जान बचा चुके थे क्योंकि अगर कुछ देर और होती तो गुड्डू इन दोनों को निपटा देता मुन्ना और शरद के लोग इन दोनों को यहां से बाहर ले जाते हैं बाबर भी यहां पे काफी ज्यादा घायल हो रखा था और वो अंदर आके गुड्डू को ढूंढता है कि आखिर गुड्डू भैया गए कहां पे हैं पता चलता है कि गुड्डू भैया अभी भी मरे नहीं है बल्कि छत के नीचे दबे हुए हैं और जिंदा है और इसी तगड़े सस्पेंस के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 4 यहीं पर खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 4 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि गुड्डू को करने के लिए शरद और मुन्ना दोनों एक बार में पहुंच जाते हैं गुड्डू तो पहले से ही टूटा फूटा था मतलब की ना तो वो ढंग से चल पाता था ना ही वो ढंग से गोलियां चला पाता था मगर फिर भी वह कमजोर नहीं था उन दोनों को रोक्ने के लिए एक हाथ से शरद को पकड़ता है और दूसरे हाथ से मुन्ना को पकड़ता है और उसके बाद में जोर-जोर से हंसता है कि आज तो वो इन दोनों को ही मार डालेगा लेकिन तभी पासा पलट जाता है शरद और मुन्ना दोनों ही गुड्डू को गिरा देते हैं और उसके बाद में एक-एक करके उसे बहुत बुरी तरीके से मारते हैं जब शरद और मुन्ना बुरी तरीके से पिट गए थे और गुड्डू की भी हालत खराब थी तभी यहां पे मुन्ना को बचाने के लिए शरद ऊपर की छत को नीचे गिरा देता है गुड्डू के ऊपर जिसके कारण गुड्डू नीचे दब जाता है शरद और मुन्ना ऑलमोस्ट अपनी जान बचा चुके थे मुन्ना और शरद के लोग इन दोनों को यहां से बाहर ले जाते हैं बाबर अंदर आके गुड्डू को ढूंढता है कि आखिर गुड्डू भैया गए कहां पे हैं पता चलता है कि गुड्डू भैया अभी भी मरे नहीं है बल्कि छत के नीचे दबे हुए हैं और जिंदा है

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 5 लंगडा

इस एपिसोड की शुरुआत गोलू से होती है गोलू रोबिन के पास में आई थी और रोबिन अपने साथ में कुछ लेडीज को लेकर आया था जो कि बताती है कि उनका नेटवर्क चार मोहल्लों तक है ऊपर से वो चोरी की चीजें वगैरह बेचा करती थी गोलू को ऐसे लोगों से कोई मतलब नहीं था असल के अंदर गोलू यहां पे अपना बिजनेस बढ़ाने के बारे में सोच रही थी अब जैसा कि वो लखनऊ में रह रही थी तो उसे पैसा चाहिए था ऊपर से अपनी बर्फी का बिजनेस भी बढ़ाना था लेकिन ऐसी लेडीज जो कि चोरी का सामान इधर से उधर करती है और जिनका नेटवर्क सिर्फ घर की लेडीज तक सीमित है उनसे वो अपना धंधा नहीं बढ़ा सकती इसी के कारण वो रॉबिन को कह के इन लेडीज को यहां से भेज देती है और साथ ही में रॉबिन को कहती है कि किसी अच्छी तगड़ी पार्टी का इंतजाम करो यार उस दिन वो जो आदमी आया था ना जरा उसे बुला के लाओ रॉबिन कहता है कि त्यागी फिर कहता है कि हां हम उन्हें जानते तो हैं ठीक है तुम कहती हो तो बात करवा देते हैं साथ ही में गोलू को यह भी पता चलता है कि रोबिन हर बार अपनी मां का कोई ना कोई झूठा नाम लेके किसी ना किसी समान की चोरी कर लेता है इस बार भी उन दोनों लेडीज के सामने मां का नाम लेके उसने एक चश्मे की चोरी कर ली थी गोलू के पास इसी वक्त कॉल आता है बार से कि गुड्डू अकेले ही मुन्ना और शरद से लड़ने के लिए चला गया था और इस वक्त बहुत बुरी तरीके से घायल है गोलू जब बार के अंदर पहुंचती है तो कई सारे लोग मरे हुए थे गुड्डू भी चेयर्स के ऊपर लेटा हुआ था जो कि ऑलमोस्ट अधमरा ही लग रहा था बाबर भी खड़ा था जिसके हाथ पे गोली लगी हुई थी गोलू आते ही गुस्सा करती है और कहती है कि आपको समझ में नहीं आता क्या कि जब आप अभी वार नहीं कर सकते तो आखिर आपने ऐसा क्यों किया गुड्डू कहता है कि गोलू बहुत मजा आया जब हमने अपने दोनों हाथों से उस मुन्ना का गला दबाया ना इतना सुकून मिला कि तुम सोच भी नहीं सकती इस बार वो हमारे हाथ से निकल गया लेकिन अगली बार वो आएगा ना तो उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे गोलू फिर से उसे डांटती है कि हम यहां पे कुछ अलग ही प्लानिंग करके बैठे हैं कुछ बड़ा सोच रहे हैं और आप यहां पे मुन्ना के पीछे लगे हुए हैं बाय चांस अगर अभी कुछ भी गड़बड़ हो जाती तो फिर आप क्या करते ऊपर से किसी को बताना भी जरूरी नहीं समझा आपने गोलू बाबर के ऊपर भी चिल्लाती है कि बाबर तुम तो एटलीस्ट बता सकते थे ना

उसके बाद हम त्रिपाठी कोठी को देखते हैं जहां पर कालीन भैया के सामने मुन्ना और शरद दोनों ही बैठ गए थे जो कि बताते हैं कि दोनों ही गुड्डू से पिट के आए हैं मुन्ना की शक्ल तो देखने से ही पता चल रहा था कि वो कितना बुरी तरीके से पिटा है लेकिन जो भी था ये दोनों ही गुड्डू को बिना मारे जिंदा छोड़कर आ गए कालीन भैया गुस्सा करते कि आखिर ये प्लान बनाया किसने था शरद बोल जाता है कि ये प्लान मैंने बनाया था हालांकि वो इन दोनों से सिंपति ले रहा था तो मुन्ना कहता है कि तुम झूठ काहे बोल रहे हो प्लान तो हमने बनाया था ना डिसीजन हमारा था ना कालीन भैया कहते हैं कि तुम थोड़ा चुप रह के बात किया करो उस दिन भी जो मीटिंग के अंदर डिसीजन था वो हमने ही लिया था और आने वाले समय के अंदर भी डिसीजन हम ही लेंगे तुम्हें अभी मिर्जापुर की गद्दी दी नहीं गई है दिमाग थोड़ा शांत रखा करो जब तुम्हें बोला गया था कि वायलेंस नहीं करना है तो तुम बैठ बिठाये इतना ज्यादा वायलेंस करके आ गए ऊपर से गुड्डू को और छेड़ के आ गए मुन्ना कहता है कि आखिर हम करें क्या आप खुद बताइए वो हमारे सामने था तो हम उसे मारेंगे नहीं क्या ताकि एक और रति शंकर पैदा हो जाए जो कि जिंदगी भर का दुख देके चला जाए मुन्ना यहां पे शरद के सामने ही रति शंकर का नाम लेता है जो कि इनके घर का सबसे बड़ा दुश्मन था शरद कुछ भी नहीं कह पाता है और सिर्फ और सिर्फ अपने बाप की बुराई सुन रहा था मुन्ना कहता है कि रति शंकर वापस पैदा ना हो जाए एक और धोखेबाज पैदा ना हो जाए त्रिपाठियों के लिए इसी के कारण हम उसे मारना चाहते थे आगे जाके ये हमें ही दुख देते कालीन भैया मुन्ना को थोड़ा शांत करते हैं और कहते कि जाके अपना काम संभालो रेलिया देखो इन सब बातों के बारे में बाद में सोचा जाएगा शरद भी उठ के यहां से जाने लगता है बाबूजी को प्रणाम करता है और कालीन भैया के सामने आता है तो कालीन भैया कहते हैं कि हम तुमसे बेटर एक्सपेक्ट किए थे शरद तुमने ये गड़बड़ कर दी है

उसके बाद हम गुड्डू को देखते हैं जहां पर लाला ने डॉक्टर को हवेली पर बुलाया था और वो हवेली देख के बिल्कुल ही पागल हो गया था कि आखिर इतनी बड़ी हवेली तुम्हारी है गुड्डू कहता है कि नहीं नहीं हमारी हवेली नहीं है तो डॉक्टर कहता है कि तुम बड़े की काम के आदमी हों पहले तो हमारे घर में घुस गए अब इस हवेली वाले के घर में घुस गए आखिर तुम चाहते क्या हो ऐसा कर कैसे पाते हो बंदूक वगैरह कैसे चला लेते हो हमें तो पहले हमारा पैसा चाहिए अगर तुमने तुम्हारे इलाज के लिए बुलाया है ना तो फिर हमें पहले हमारा पैसा दो गुड्डू कहता है पैसा वैसा मिल जाएगा तुम एक्सरसाइज स्टार्ट कराओ जिसके बाद में डॉक्टर गुड्डू को उसकी थेरेपी देना स्टार्ट करता है ताकि गुड्डू अब चलना स्टार्ट कर सके साथ ही में गुड्डू को किसी ना किसी की हेल्प लगेगी और बाय चांस उस समय शबनम आ जाती है जो कि कहती है कि हां हम इनकी एक्सरसाइज में हेल्प करा देंगे गुड्डू शबनम को कहता है कि इन्हें पैसे निकाल के दे दो जब डॉक्टर यहां से चला जाता है तो शबनम गुड्डू को कहती है कि क्या हम बाहर जा सकते हैं बड़े दिन हो गए हम बाहर नहीं गए गुड्डू भी उस समय शबनम को हां कर देता है यानी कि कहीं ना कहीं शबनम अपनी नई लाइफ स्टार्ट करने के बारे में सोच रही थी वो भी गुड्डू के साथ में यहां दूसरी तरफ माधुरी जी काफी ज्यादा इंतजार कर रही थी कि अब तक भी मुन्ना नहीं आया है मुन्ना को कालीन भैया ने एक बहुत बड़ा अल्टीमेटम दिया था कि तुमने सीएम की बेटी के साथ में बदतमीजी करने की कोशिश नहीं करनी है और उससे दूरी बनाकर रखना है इसी के कारण मुन्ना जैसे ही आता है तो माधुरी से बहुत अकड़ के बात करता है यानी कि बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं करता और साथ ही में उनका जो सेक्रेटरी था उसको तो गाली भी बग देता है कि साला तुम यहां पे ज्यादा बोलो मत नहीं तो अभी के अभी तुम पेला जाओगे यहां पे माधुरी को पता चल गया था कि मुन्ना थोड़ा भड़का हुआ है ऊपर से पि के भी आया है लेकिन ये यहां पे अपना प्रचार प्रसार शुरू कर देते हैं सीन वापस से कालीन भया के घर पे शिफ्ट होता है जहां पे बीना अभी-अभी डॉक्टर के यहां से आई ही थी बाबूजी उसी समय बीना को कहते हैं कि बीना बड़े दिन हो गए जरा पैरों के अंदर तेल तो लगा देना बीना को पता था कि बाबूजी उसे सेक्स करने के लिए बुला रहे हैं तो इस समय हैंड टू हैंड वो कालीन भैया की तरफ देखती है और कालीन भैया कहते है कि बाबूजी रहने दीजिए अब उसकी तबीयत ठीक नहीं है ये काम वाली आपके पैरों में तेल लगा देगी तो बीना उसकी जान भी बचा लेती है क्योंकि वीना को पता था कि अगर वो लड़की जाएगी तो बाबूजी उसे भी नहीं छोड़ेंगे तो बीना बोलती है राजा है ना राजा लगा देगा तेल अब राजा तो आदमी ठहरा इसी के साथ में बीना यह भी बोलती है कि कुछ दिनों के लिए हम अपने घर जाना चाहते हैं लखनऊ थोड़ा सही लगेगा वहां पे जाके कालीन भैया भी कह देते कि बिल्कुल बिल्कुल वहां जाओ कोई दिक्कत की बात नहीं है बस अपनी सेहत का ध्यान रखो रात होने पे गोलू बबलू की बुक पढ़ रही थी जहां पे पहले तो बिजनेस से रिलेटेड चीजें लिखी हुई थी और उसके बाद बबलू ने कुछ पर्सनल बातें लिख रखी थी तो वही गोलू पड़ती है उसके अंदर लिखा था कालीन भैया की फैमिली एक दूसरे से बहुत अलग है और कह सकते हैं कि ये फैमिली बिल्कुल पंडितों की फैमिली के जैसे है यानी कि मुन्ना की कालीन भैया से नहीं बनती

इनके घर के अंदर काफी सारे रहस्य भी है फैमिली का हर एक सदस्य एक दूसरे से नफरत करता है गोलू आगे पढ़ती जा रही थी कालीन भैया की फैमिली के बारे में थोड़ी बहुत पर्सनल बातें भी लिखी थी कि कैसे वो पहली बार गोलू से मिला था तो उसे वो बहुत अच्छी लगी थी और इसी के साथ में वो गोलू को प्रपोज भी करना चाहता था लेकिन उससे पहले ही बबलू मारा गया इस चीज को पढ़ के तो गोलू काफी ज्यादा रोने लग जाती है यहां सेम टाइम पे हम देखते हैं कि रात होने पे गुड्डू और शबनम बाहर गए थे जहां पे गुड्डू को अपनी पुरानी बातें याद आती है कि कैसे उसने स्वीटी को बाइक चलाना सिखाया था और वो उसकी लाइफ के सबसे बेस्ट मूवमेंट्स थे यहां पे शबनम गुड्डू से बात करने की कोशिश करती है और कहती है कि हमने आपको फोर्स तो नहीं किया ना हमारे साथ आने के लिए तो गुड्डू कहता है नहीं ऐसी कोई बात नहीं है तुम्हारा मन किया तुमने कह दिया हमारा मन किया इसी कारण हम यहां पे आ गए दोनों ही जिसके बाद में लॉन्ग ड्राइव पे चले जाते हैं

उसके बाद अगली सुबह मकबूल गंस की लोडिंग करवा रहा था बिहार जाने के लिए इसी समय कालीन भैया मकबूल को बुलाते हैं और कहते हैं कि वीणा की जरा लखनऊ के अंदर सिक्योरिटी टाइट कर दीजिए अभी उसे सिक्योरिटी की बहुत ज्यादा जरूरत है और इसी के साथ में कालीन भैया धीरे से मकू मकबूल को ये भी कहते हैं कि एक काम करिए बाबर का चैप्टर भी थोड़ा क्लोज करिए यानी कि साफ मतलब था कि मकबूल को खुद ही के भांजे को जान से मारना था जिसके बाद में लखनऊ के ऊपर शिफ्ट होता है एक तरफ वीणा अपने घर की तरफ पहुंच रही थी वहीं दूसरी तरफ गाड़ी के अंदर गुड्डू गोलू और बाबर एक साथ में थे जो कि कहीं जा रहे थे वीणा ने इन सब को देख लिया था लेकिन गुड्डू ने बीना को नहीं देखा था वीणा डरी हुई थी कि अगर गुड्डू ने उसे देख लिया तो कहीं वो उसे नुकसान ना पहुंचा दे अगले ही दिन वीणा प्लानिंग करनी शुरू करती है वीणा वैसे ही कालीन भैया की फैमिली से बहुत ज्यादा नफरत करती थी इसी के कारण उसने गुप्ता जी को मिलने के लिए बुलाया क्योंकि उसे पता था कि गुप्ता अब कालीन भैया के लिए काम नहीं करता है क्योंकि उसकी बेटी को खुद मुन्ना ने मारा था गुप्ता जी के साथ में यहां गोलू भी आई थी यानी कि बीना कोई तो बात थी जो कि गोलू से करना चाहती थी सेम टाइम पे हम गुड्डू को देखते हैं जो कि लखनऊ के कांस्टेबल्स को अपने पास बुलाता है और इसी के साथ में उनके सीनियर ऑफिसर से मिलने के लिए कुछ पैसे भी देता है यहां पे गोलू भी तैयार थी गुड्डू से बात करने के लिए बीना ने उसे जिस भी डील के बारे में बात करी थी वो गुड्डू से बात करने वाली थी गुड्डू यहां पे लखनऊ के पुलिस ऑफिसर से मिलते हैं और कहते हैं कि बस आपको हमारा एक ही काम करना है कि आपको बस सरकार से मेडल लेना है पुलिस वाला खुश हो जाता है कि अरे ऐसे कैसे मेडल लेना है गुड्डू पुलिस वाले को कहता है कि आपको बस हमें क्रिमिनल्स की लिस्ट देनी है इसके बदले आपको पैसा भी मिलेगा आपको गुंडे भी नहीं मारने पड़ेंगे ऊपर से सरकार से मेडल भी आपको मिलेगा पुलिस वाले बड़े खुश होकर गुड्डू को सारे के सारे क्रिमिनल्स की लिस्ट दे देता है उसी वक्त गुड्डू एक ऐसी जगह पे पहुंच जाता है जहां पे एक आदमी गांव के कुछ लोगों से पैसा वसूल कर रहा था गुड्डू वहीं पे आके उस आदमी को बहुत बुरी तरीके से मारता है और सारे लोगों के बीच में गंस चला के बोलता है कि आज के बाद ऐसे लोगों ने आप लोगों को परेशान किया तो आप लोग सीधा मेरे पास आइए मेरा नाम नाम है गुड्डू पंडित यानी कि वो उस जगह पे खुद का माहौल बनाना चाहता था कि आज के बाद गुड्डू पंडित का यहां पे नाम चलेगा लखनऊ के अंदर भी सब लोग गुड्डू पंडित को जानेंगे

उसके बाद हम शरद को देखते हैं जो कि खुद की मां के पास में बैठा था वो पिट के आया हुआ था और खुद की मां को कहता है कि इस बार हमने बहुत बड़ी गलती कर दी दिमाग से सोचते-सोचते ना जाने दिल से क्यों सोच लिया हमें खुद को आगे करना ही नहीं चाहिए था अगली बार से हम इस चीज का बहुत अच्छी तरीके से ध्यान रखेंगे शरद को मिर्जापुर की गद्दी चाहिए लेकिन उसके लिए उसे थोड़ी बहुत तो मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन इस बार उसने गलती कर दी मुन्ना की हेल्प करके गुड्डू के सामने जाके गुड्डू उसे किसी भी वक्त लपेट सकता था

उसके बाद हम मकबूल के घर को देखते हैं जहां मकबूल बड़ा परेशान था घर आने के बाद में वो खुद की मां को चेयर से उठा के बेड पर सुला देता है और इसी के साथ में यह भी बताता है कि मां बाबर ने बहुत बड़ी गलती कर दी है बाबर गुड्डू के साथ जाके मिल गया है हमें कुछ ना कुछ तो सोचना पड़ेगा मकबूल यहां से उठने ही वाला था लेकिन तभी उसकी मां ने उसका हाथ पकड़ लिया मानो कि वो उसे रोक रही है कि कुछ भी करके बस बाबर को मत मारो रात होने पे बाबर मकबूल के साथ में खाना खाने के लिए बैठता है बातों ही बातों में मकबूल बाबर के मुंह से ये निकलवा लेता है कि वो गुड्डू के साथ में काम कर रहा है और बाबर भी बोल देता है कि हां मैं उसके साथ में काम कर रहा हूं दोनों ही एक साथ में गंस उठा लेते हैं मकबूल कहता है कि बाबर तुम भूल गए हो वफादारी बाबर कहता है कि मामा मैंने आपसे ही वफादारी सीखी है मकबूल कहता है कि हम कालीन भैया के लिए वफादार हैं बाबर कहता है कि अगर हमने वफादारी आपसे सीखी है तो आपके कारण ही हम गुड्डू भैया के पास गए हैं मरते दम तक हम गुड्डू भैया के पास रहेंगे आप अपनी वफादारी निभाए हम अपनी वफादारी निभाएंगे

जिसके बाद में बाबर तो अपनी गन नीचे रख देता है लेकिन मकबूल अपनी गन नीचे नहीं रखता और इसी के साथ में यह सीन कट हो जाता है जिसके बाद में सीन यहां मुन्ना के ऊपर शिफ्ट होता है मुन्ना यहां पे प्रचार प्रसार करने के लिए मिर्जापुर से कहीं बाहर बहर रुका हुआ था उस समय उसका कोई दरवाजा नॉक करता है मुन्ना गाली देकर बोलता है कि अरे आओ भाई जो भी है अंदर माधुरी आती है और माधुरी कहती है कि यार तुम्हारी लैंग्वेज बहुत ज्यादा खराब है मुन्ना कहता है कि सुनो मेरी बात हमारे बाप ने हमें पहले ही वार्निंग दे रखी है कि तुमसे थोड़ा दूर रहे और तुमसे थोड़ा अच्छे से बात करें तुम प्रचार प्रसार हमारे साथ कर रही हो माल हमारे साथ फूक रही हो रात में हमारे साथ बैठी हो ऊपर से तुम्हें हमारी बोली पसंद नहीं आ रही जहां पे माधुरी बताने लगती है कि आज तक ऐसा इंसान हमें कभी मिला ही नहीं है तो मुन्ना भी कहता है कि हमारे बाद भगवान जी ने प्रोडक्शन बंद ही कर दिया उन्हें पता था कि अगर ऐसा एक दो और हो गए तो भोकाल मचाने लग जाएंगे हम बस वन एंड ओनली हैं माधुरी उससे बातें करने लगती है जिसके बाद में ये दोनों एक साथ माल फुक्ते हैं साथ ही माधुरी यहां मुन्ना को यह भी बताती है कि डेढ़ साल से वो भी बहुत ज्यादा अकेली है देखते ही देखते ये दोनों रोमांस करने लगते हैं और बात बहुत ज्यादा आगे निकल जाती है

उसके बाद हम जेपी यादव को देखते हैं जो की एक पोस्टर को देखता है जहां पे उसके बड़े भैया सीएम की पिक्चर तो लगी हुई थी पोस्टर में साथ ही साथ कालीन भैया की भी पिक्चर लगी हुई थी लेकिन जेपी यादव की नहीं लगी हुई थी मुख्यमंत्री जी आके बताते हैं जेपी यादव को कि अरे यार कालीन भैया तो बड़े अच्छे आदमी हैं देखो हमारा कितना सपोर्ट कर रहे हैं फंड्स तो दे ही रहे हैं इसी के साथ में प्रचार-प्रसार के अंदर कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं ऊपर से उनका बेटा माधुरी के साथ लगा हुआ है कंटीन्यूअसली प्रचार प्रसार कर रहा है बहुत ही अच्छे इंसान है जेपी यादव अंदर गुस्से में तप रहा था कि एक वक्त ऐसा था जब वो कालीन भैया को आके गालियां दे रहा था और आज एक वक्त है जब कालीन भैया आगे होके माननीय मुख्यमंत्री से हाथ मिला के चले गए

उसके बाद हम शरद को देखते हैं यहां पर शरद किसी को कॉल करके बताता है कि बिहार के अंदर गन से भरा हुआ ट्रक एंट्री लेने वाला है और यह खबर एकदम पक्की है जहां पे सामने वाला आदमी बोलता है कि भरत संभाल लेगा इसी के साथ में सीन यहां बिहार के अंदर शिफ्ट हो जाता है जहां पे एक गाड़ी आके रुकती है और भरत त्यागी बाहर निकलता है उसके सामने एक ट्रक था जिसके अंदर भर-भर के गंस थी और वो गंस मिर्जापुर से आई थी भरत त्यागी यहां पे एक कॉल करता है और बोलता है कि खबर तो एकदम पक्की है अब आगे का हम संभाल लेंगे यानी कि शरद ने मिर्जापुर की गंस को पकड़वा दिया था वापस से सीन मुन्ना के ऊपर शिफ्ट होता है जो कि इस समय माधरी के साथ में इंटीमेट होक सो ही रहा था लेकिन उसी वक्त उसके पास कॉल आता है कि बिहार के अंदर जो ट्रक भेजा गया था वो पकड़ा गया गया है मुन्ना को समझ नहीं आता कि इस वक्त आखिर वो किसे कॉल करें तो वो रात मैं ही शरद को कॉल कर देता है और बोलता है कि यार पापा अभी वैसे हमारे ऊपर बहुत ज्यादा गर्म हो रखे हैं हमने अभी कुछ टाइम पहले वायलेंस किया था ऊपर से बिहार का ये ट्रक भी पकड़ा गया है तुम कुछ करो यार हमें समझ नहीं आया कि आखिर किसे कॉल करें तुम देखो तुम्हारे कोई जुगाड़ है क्या बिहार के अंदर शरद कहता है कि हां हम कुछ कर सकते हैं बिहार में है हमारे जानने वाले तुम टेंशन मत लो मुन्ना कहता है कि प्लीज यार इस मैटर को सॉल्व कराओ नेक्स्ट डे पता चलता है कि शरद यहां पे मुन्ना और कालीन भैया दोनों के सामने बैठा था और कहता है कि बिहार के अंदर जिन्होंने ट्रक पकड़ा है वो त्यागी के लोग हैं और त्यागी हमारे खास हैं यानी कि हमारे दोस्त हैं ट्रक हम उनसे छुड़ा सकते हैं बहुत बड़े आदमी हैं वो लोग जहां पे कालीन भैया खुद की स्ट्रेटेजी बनाना शुरू करते हैं कि 1 मिनट बिहार के अंदर अगर गंस सप्लाई हो रही है और त्यागियो ने गंस को पकड़ा है इसका मतलब कि वहां पे जरूरत तो है क्यों ना हम अगर उनसे व्यापार की बात करें तो शरद बात मान जाता है कि ठीक है आपके जैसा ठीक लगे क्योंकि शरद के भी ऊपर एक दद्दा त्यागी है जिनका बिहार के अंदर बहुत दबदबा है इसी के साथ में वो बिहार के बहुत बड़े व्यापारी हैं जैसे कि कालीन भैया यहां के बाहुबली है वैसे ही दद्दा त्यागी बिहार की बाहुबली है तो बात को आगे बढ़ाया जाए मुन्ना अगले दिन मीटिंग फिक्स करने के लिए निकल जाता है जिसके बाद में अब यहां पे दद्दा त्यागी को रिवील किया जाता है दद्दा त्यागी इस समय अपने गैरेज के अंदर बैठे थे जहां पे कई सारे लोग आए थे यहां पे चोरी की गाड़ियों का काम चल रहा था कि इन लोगों ने कितने-कितने गाड़ियां चोरी करी है इसके बदले में दद्दा त्याग उन्हें पैसे देते हैं दद्दा त्यागी यहां पे एक छोटे से बोने आदमी दिखाए गए हैं जो कि बहुत ही पुराने खिलाड़ी हैं इसी के साथ में भरत त्यागी भी था जिसके पास कॉल आता है कि मुन्ना और शरद यहां पे डीलिंग करने के लिए आने वाले हैं यहां पे एक बिजनेसमैन आया था जो कि दद्दा त्यागी को बताता है कि उसे एक जगह चाहिए सेम जगह दद्दा त्यागी को भी चाहिए थी जहां पे ये आदमी बोलता है कि आप चाहे हमें जमीन दे या नहीं दे हम तो भी इस जमीन को ले ही लेंगे क्योंकि हमें तो यहां पे बड़ी-बड़ी कंपनीज स्टार्ट करनी है

सेकंड हैंड कार का बिजनेस आप भी करते हो और हम भी करते हैं दद्दा त्यागी उसके बाद में इस बिजनेसमैन को अपने ऑफिस में बुलाता है वो ऑफिस छोटा सा था कि अगर कोई भी इंसान उसके अंदर एंटर करेगा तो उसे झुक के अंदर आना पड़ेगा जहां पे त्यागी जी बोलते हैं कि अगर तुम्हें बिजनेस करना है तो झुकना तो पड़ेगा ही ये आदमी अंदर आता है बैठता है बात-बात करता है और पता चलता है कि त्यागी ने तो यहां पे पहले से ही इस आदमी के लिए पूरी की पूरी मैच सेट करके रखी थी जिन आदमियों की जमीन को ये बिजनेसमैन लेने के लिए आया था वो सारे आदमी बाहर खड़े थे और उसके बाद में इसी आदमी को बहुत ही बुरी तरीके से मार के वहीं खत्म कर दिया जाता है यानी कि दद्दा त्यागी के आगे अगर कोई भी बोलेगा तो वो आदमी जिंदा तो बचेगा ही नहीं

इसी के साथ में शरद अब मुन्ना को लेके बिहार पहुंच चुका था जहां पे मुन्ना बड़ा एक्साइटेड था कि आखिर कौन है भाई ये दद्दा त्यागी लेकिन जब मुन्ना पीछे मुड़ के देखता है तो उसे पता चलता है कि ये तो दद्दा नहीं ये तो अधा है शरत कहता है कि भाई थोड़ा संभाल के यहां पे इनका बहुत रुतबा है इसी के साथ में यहां पे भरत त्यागी आके बैठ जाता है जो कि डायरेक्ट आके हाथ मिलाता है कि आज से गन की सप्लाई इन लोगों को शुरू कर दी जाए जहां पे मुन्ना डायरेक्ट बिजनेस की बात करता है कि अगर गंस की सप्लाई हम करेंगे तो शुरुआत हमें एडवांस से करनी है पैसा तैयार रखिए अब यहां पे इस कहानी का मेन ट्विस्ट रिवील होता है क्योंकि रात को दद्दा त्यागी के घर की पूरी की पूरी फैमिली बैठी थी यहां पे भरत त्यागी एक नहीं बल्कि दो-दो भरत त्यागी है दोनों ही जुड़वा भाई थे एक सीनियर भरत त्यागी और एक जूनियर भरत त्यागी सीनियर भरत त्यागी की शादी हो रही थी और उसके बच्चे भी थे इसी के साथ में जूनियर भरत त्यागी की अभी तक शादी नहीं हुई थी ये एक बहुत ही हंसती खेलती फैमिली थी जो कि बहुत खुश थे और बिहार के अंदर इनका अच्छा खासा नाम और काम दोनों ही चला करते थे

उसके बाद हम कालीन भैया को देखते हैं जहां पे मौर्य आके कालीन भैया को एक इंफॉर्मेशन देते हैं कि मुन्ना ने एक गड़बड़ कर दी है वो सीएम साहब की बेटी के साथ सब कुछ कर लिया मौर्या तो यह बात कह के चला जाता है यह बात सुनकर कालीन भैया गर्म हो जाते हैं मुन्ना तो यहां पे बड़ा खुश खुश होके आया था कि चलो मैं डील करके आया इसी के साथ में रेली भी बहुत बढ़िया चल रही है जहां पे कालीन भैया मुन्ना को पास में लाते हैं और फिर उसे गाली देते हैं कि तुम ये क्या करके आ गए तुम्हें शर्म भी है वो सीएम साहब की बेटी है तुम्हें कुछ समझ में भी आता है तुम्हें जितना मना कर रहे हैं कि दूर रहो उतना ही तुम आगे बढ़ते जा रहे हो बाबूजी कहते हैं कि इतना भी कुछ बुरा नहीं हुआ है त्रिपाठियों का बेटा है कुछ कर लिया तो क्या हो गया मैं तो कहता हूं कि जिसके पास में पावर है उसी के साथ हमेशा रहना चाहिए कल को तुम जब इस इलेक्शन से हट जाओगे तो तुम्हारे ऊपर से सीएम का हाथ भी उठ जाएगा अगर तुम्हें ये रिश्ता नाता हमेशा के लिए निभाना है तो इसे रिश्तेदारी में बदल दो बाबूजी का कहना साफ-साफ था सीएम साहब की बेटी की शादी मुन्ना से करा दो जहां पे कालीन भैया को लग रहा था कि जात-पात का मैटर बीच में आ जाएगा कालीन भैया ठहरे ब्राह्मण और सीएम साहब ठहरे यादव दोनों की आपस में बिल्कुल नहीं बननी हैं बाबूजी कहते हैं बिल्कुल सही इलेक्शन का वक्त है अगर तुम ही लोग इस चीज को आगे बाधाओगे तो ये चीज लोगों के बीच में भी जाएगी सीएम साहब का भी फायदा और तुम्हारा भी फायदा कालीन भैया की बात समझ में आ गई थी लेकिन मुन्ना बहुत ज्यादा भड़क जाता है कि इस चीज का डिसीजन तो सिर्फ और सिर्फ हम लेंगे आखिर ये हमारे फ्यूचर की बात है हमें नहीं करनी किसी से भी शादी

 उसके बाद हम बिना त्रिपाठी को देखते हैं जो कि वह अपने घर पहुंच चुकी थी और उसके घर में सेलिब्रेशन चल रहा था उसकी गोद भराई की हर कोई उसे बस यही बता रहा था कि आखिर लड़का पैदा करने के लिए उसे क्या-क्या उपाय करनी चाहिए जहां पे बीना मन ही मन कहती है कि होगा तो लड़का ही अगर लड़का नहीं हुआ तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी जिसके बाद में हम गोलू को देखते हैं और गोलू के पास में बीना का कॉल आया था क्योंकि उन्हें आपस मैं मीटिंग करनी थी गुड्डू भी गोलू से पूछता है कि बाबर के बारे में कुछ पता चला क्योंकि कई दिन हो गए थे बाबर का अभी तक कोई कॉल वगैरह कुछ भी नहीं आया वक्त था अब आखिरी रैली का यानी कि वोटिंग से कुछ दिनों पहले की रैली जिसके अंदर खुद कालीन भैया भी पहुंच गए थे और इसी के साथ में वो मुन्ना को कहते हैं कि तुम अपना दिमाग थोड़ा सा शांत रखना आज बहुत सारी मीडिया यहां पे रहेगी साथ ही में वो मकबूल को भी ये पूछते कि बाबर का चैप्टर क्लोज कर दि हो ना तुम तो मकबूल कहता है कि हां भैया कर दिया है क्लोज यानी कि मकबूल के अकॉर्डिंग देखें तो उसने बाबर को जान से मार दिया है

उसके बाद फिर से हम बिना त्रिपाठी को देखते हैं बीना ने गोलू और गुड्डू दोनों को ही मिलने के लिए बुलाया है और इसी के साथ में वो घर की काफी सारी इंफॉर्मेशन भी देती है साथ ही में ये भी बताती है कि इस वक्त मिर्जापुर बिल्कुल खाली है रेलियो के अंदर सपोर्ट करने के लिए कालीन भैया यहां पे पहुंचे हुए हुए लेकिन इसके बदले बीना को कुछ ना कुछ तो चाहिए था जिसके बदले उसने गुड्डू को ये सारी इंफॉर्मेशन दी थी वो गुड्डू को कहती है कि अगर तुम्हें विश्वास नहीं है मिर्जापुर खाली है तो जाकर तुम टीवी पे देख लो सारे के सारे लोग यहां पे पहुंचे हुए हैं लेकिन तुम्हें हमारी डील याद रखनी होगी गुड्डू कहता है कि ठीक है फिर जो होगा बिल्कुल सही होगा सीन जिसके बाद में वही दिखाया जाता है कि सीएम साहब के साथ में सारे के सारे लोग एक साथ में हैं यानी कि जेपी यादव भी है उसकी सेक्रेटरी भी है कालीन भैया मुन्ना मकबूल माधुरी सारे लोग यहां पे रैलियों के अंदर लगे हुए थे और मिर्जापुर बिल्कुल खाली था सीन जिसके बाद में जब गुड्डू के ऊपर शिफ्ट होता है तो पता चलता है कि गुड्डू एकदम रेडी था मिर्जापुर जाने के लिए साथ ही में गोलू भी अपनी फुल तैयारी के साथथी गन रेडी करके यानी कि ये लोग मिर्जापुर जाएंगे और कुछ बड़ा धमाका होने वाला है और इसी के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 5 खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 6 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि कालीन भैया के घर में एक विभीषण पैदा हो गया है जो कि वीणा त्रिपाठी थी क्योंकि उसने गोलू और गुड्डू की हेल्प करी थी ताकि वो मिर्जापुर जाके अपना कुछ तो बदला पूरा कर सके बीना ने गोलू और गुड्डू दोनों को ही मिलने के लिए बुलाया था और इसी के साथ में वो घर की काफी सारी इंफॉर्मेशन भी देती है साथ ही में ये भी बताती है कि इस वक्त मिर्जापुर बिल्कुल खाली है रेलियो को सपोर्ट करने के लिए कालीन भैया वहां पहुंचे हुए हैं लेकिन उसने गुड्डू को ये सारी इंफॉर्मेशन दी थी वो गुड्डू को कहती है कि अगर तुम्हें विश्वास नहीं है मिर्जापुर खाली है तो जाकर तुम टीवी पे देख लो लेकिन तुम्हें हमारी डील याद रखनी होगी गुड्डू कहता है कि ठीक है और गुड्डू को मालूम चल जाता है कि सीएम साहब के साथ में सारे के सारे लोग एक साथ में हैं यानी कि जेपी यादव भी है उसकी सेक्रेटरी भी है कालीन भैया मुन्ना मकबूल माधुरी सारे लोग यहां पे रैलियों मैं लगे हुए थे और मिर्जापुर बिल्कुल खाली था जिसके बाद गुड्डू एकदम रेडी था मिर्जापुर पर चढ़ाई करने के लिए साथ ही में गोलू भी अपनी गन लोड कर लेती है यानी कि ये लोग मिर्जापुर जाने वाले थे

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 6 अंकुश

इस एपिसोड की शुरुआत में कालीन भैया की फैक्ट्री से होती है वहां के लेबर रात होने पे सभी अपने गंस लोड करके बस रेस्ट कर ही रहे थे और तभी यहां पे एक आदमी भागता हुआ आता है और वह कहता है कि यहां पे गंस चलना शुरू हो गई है मारने वाले लोगों में ज्यादा लोग नहीं थे बल्कि सिर्फ और सिर्फ दो लोग थे यानी कि गुड्डू और गोलू कंटीन्यूअसली गोलियां चलाते जा रहे थे और इस समय फैक्ट्री के अंदर जितने भी लोग रात की ड्यूटी कर रहे थे उन सबको मार डाला फैक्ट्री के अंदर बारूद भर के पड़ा था गुड्डू ने अपना बदला बदला लिया उस बारूद के अंदर आग लगा दी देखते ही देखते सारी फैक्ट्री जल के राक हो गई और यहां पे गुड्डू ने अपने बदले लेने की पहली शुरुआत कर दी थी जहां पे कालीन भैया की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी उसकी ये फैक्ट्री थी उसे ही जला दिया उस रात कालीन भैया मुन्ना मकबूल कोई भी नहीं थे इसी के कारण यह काम गुड्डू आराम से कर पाया था अगले दिन मुन्ना जब आता है तो उसे अच्छी तरीके से पता था कि यह काम गुड्डू के अलावा और कोई भी नहीं कर सकता है तब यहां पे कालीन भैया कहते हैं कि गुड्डू अकेला इतना बड़ा काम नहीं कर सकता कोई तो है जो कि जानकार है और ऊपर से काफी ज्यादा नजदीकी है उसी ने ही मदद करी होगी किसी को इस वक्त समझ नहीं आता है कि आखिर मदद किसने की थी लेकिन तभी मकबूल के पास में सीएम साहब का कॉल आता है मुन्ना परेशान था क्योंकि इन लोगों को सीएम को फंड के पैसे ट्रांसफर करने थे और कालीन भैया को भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर बात क्या करें लेकिन कालीन भैया तभी अपने दिमाग के साथ घोड़े को दौड़ता आता है सीएम साहब से कहता है कि अगर हमारी फैक्ट्री जल गई है तो भी फायदा इसमें आपका ही है आपके पार्टी का नाम लगाइए और बताइए कि आपने छानबीन के अंदर एक बंदूक बनाने वाली फैक्ट्री को उड़वा दिया है और उसके अंदर पुलिस का भी एक नाम दे दीजिए मौर्या आएगा सामने उसको सरकार का तमका भी मिल जाएगा और आपके पार्टी की छवि भी सुधर जाएगी कि आप यूपी के अंदर बंदूकों को बंद करवा रहे हैं मुन्ना और मकबूल देखते रह जाते हैं कि कालीन भैया ने कैसे इतने बड़े लॉस को भी एक बहुत बड़े अपॉर्चुनिटी में चेंज कर दी

गुड्डू इस काम से बहुत ही खुश था इसी के साथ में सीन बिहार शिफ्ट होता है जहां पे पता चलता है कि त्यागी के लोग यहां पे बिहार के अंदर जब दारू बंद थी तो इसके बावजूद जो वो गाड़ियां चुराया करते थे तो उन गाड़ियों के थ्रू वो दारू सप्लाई किया करते थे जो छोटे जूनियर त्यागी थे कभी भी वो कोई डिसीजन नहीं लिया करते थे हालांकि जो इनके मामा थे वो छोटे त्यागी को कहते भी हैं अगर आप कहे तो हम गाड़ियां निकलवा दें तो ये छोटा त्यागी बोलता है कि नहीं नहीं एक बार आप भैया से पूछिए भैया के रूल्स है उसके बाद छोटे त्यागी गोलू से मिलते हैं गोलू उसे सब कुछ बता देती है कि आखिर उसे किस चीज का व्यापार करना है अगर अभी हां करेंगे तो डील तय हो जाएगी मगर छोटे त्यागी कहता है अगर डील तय हो जाए तो एक बार बड़ों से बात करनी जरूरी है तो गोलू कहती है ठीक है फिर उन्हीं से मिलवा दीजिए यहां पे छोटा त्यागी खुद के भी रिलेशन के बारे में बात करने लगता है कि कैसे उसकी फैमिली बहुत अच्छी है वो छोटा है साथ ही में उसे एक लड़की की जरूरत भी है और वो गोलू के ऊपर लाइन मारने लगता है लेकिन गोलू उसको बिल्कुल भी भाव नहीं देती

उसके बाद हम रॉबिन को देखते हैं जो कि लाइब्रेरी के अंदर एक लेडीज को पैसे दे देता है और कहता है कि आपके पिताजी की तबीयत खराब थी ना जरा उनका इलाज करा लीजिएगा उसके बाद वह डिंपी के पास पहुंच जाता है डिंपी यहां पे अपनी पढ़ाई कर ही रही थी और रोबिन को पता चलता है कि डिंपी ने कोई तो एंट्री गलत करी है और उसके बाद में वो डिंपी के पास आके बैठ जाता है और उसको एंट्री वगैरह सही करवाता है तो डिंपी मना करती है कि नहीं नहीं हमें आपसे कुछ नहीं पढ़ना आप दूर रहिए हमसे साथ ही डिंपी को ये भी पता चलता है कि रॉबिन बहुत ही ज्यादा टोपी बाज आदमी है हर किसी को उल्टे सीधे इंफॉर्मेशन देता रहता है हर बार गलत चीजें बताता है तो हो सकता है कि वो आदमी ही गलत हो लेकिन तब जाके रॉबिन अपना असली नाम बता देता है कि मेरा असली नाम राधेश्याम है कई सालों तक उसने बहुत ज्यादा स्ट्रगल किया और उसके बाद जाके वो बस पैसे के ऊपर फोकस करते हुए अपनी लाइफ को आगे बढ़ा रहा है कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था कि राधेश्याम यानी कि रॉबिन डिपी को पसंद करने लगा है इसी के कारण वो डिंपी को पढ़ाने आता था और साथ में अपनी सच्चाई के बारे में भी उसे बताया

जिसके बाद हम कालीन भैया को देखते हैं जो कि मुन्ना से बात करने के लिए आए थे मुन्ना घर के अंदर ही बैठे थे जो कि कंटीन्यूअसली गेम खेल रहे थे कालीन भैया के कहने के बाद में भी वो गेम नहीं रखता और कालीन भैया के डांटने पे वो कहता है कि क्या बात करें हम आपसे असली वाली तो बर्बाद हो गई इसका मतलब इनकी फैक्ट्री तो जल गई तो फिर नकली वाली चला के टाइम पास कर रहे हैं कालीन भैया यहां पे असल में मुन्ना को शादी के लिए समझाने के लिए आए थे तो मुन्ना कहते हैं कि हर किसी लड़की के साथ हम शादी नहीं कर सकते हम उसे प्यार नहीं करते लेकिन कालीन भैया कहते हैं कि इस वक्त काफी ज्यादा जरूरी है ये चीजें और वैसे भी वो सीएम की बेटी है आगे जाके हम सबको बहुत फायदा होगा और वो लड़की अच्छी भी तो है ना लेकिन मुन्ना को माधुरी सिर्फ टाइम पास के लिए पसंद आई थी ना कि शादी करने के लिए पसंद आई थी वो बहुत ज्यादा भड़का हुआ था

उसके बाद फिर हम वीणा त्रिपाठी को देखते हैं बीना इस समय गोलू से बात ही कर रही थी जहां पे गोलू और बीना के बीच में यह बात हुई थी कि फैक्ट्री जलने के बारे में इनको पता चल गया है यानी कि इनका फर्स्ट प्लान सक्सेसफुल हुआ और इसी के साथ में गोलू बीना को यह भी बताती है कि काफी दिन हो गए बाबर गायब है बाबर मिल नहीं रहा है तो बीना कहती है कि तुम टेंशन मत लो हम पता करवाते हैं इसी समय कालीन भैया कमरे के अंदर आ जाते हैं तो बीना बात बदल देती है कालीन भैया

पूछते हैं कि कैसा रहा तुम्हारा लखनऊ का ट्रिप बीना बताती है कि बहुत ही अच्छा रहा लखनऊ का ट्रिप हम बहुत खुश होके आए हैं और बच्चे का भी अच्छे से ख्याल रख रहे हैं जहां पे कालीन भैया बीना को ये भी बताते हैं कि इनकी फैक्ट्री जल गई है किसी ने तो आग लगा दी है और कोई तो अंदर का आदमी है तो बीना कहती है कि अरे राम ऐसा किसने किया होगा कोई अंदर का आदमी नहीं होगा आपका बस ये वहम होगा आप ज्यादा टेंशन मत लीजिएगा कालीन भैया कहते हैं कि तुम इन चीजों के बारे में मत सोचो तुम तो बस बच्चे का ध्यान रखो

उसके बाद फिर हम डिंपी को देखते हैं जहां पे पता चलता है कि डिंपी की मां उससे मिलने के लिए लखनऊ के हॉस्टल में पहुंच गई थी उसके लिए लड्डू लेके आई थी ये लोग अच्छे से बातचीत करने लगते हैं और तभी डिंपी की मां पुरानी बातों को लेक बैठ जाती है कि हम अभी भी सोचते हैं कि एक दिन बबलू निकल के कमरे से बाहर आ जाएगा हमको तो विश्वास ही नहीं होता है कि बबलू मर गया आखिर उस दिन हुआ क्या-क्या था उसी समय डिंपी समझ जाती है कि उसकी मां ये सारी चीजें क्यों पूछ रही है डिंपी को ये बात पता चल जाती है कि उसकी मां को उसके बाप ने भेजा है तब डिंपी मना करती है कि आप हमारे साथ ऐसा मत करिए हम एक लड़की हैं हम एक बहन हैं और हमको गवाह मत बनाइए वसुदा बहुत ज्यादा रोती है अपनी बेटी के सामने कि क्या तुम नहीं चाहती कि तुम्हारे भाई को इंसाफ मिले तो डिंपी कहती है कि आप इंसाफ लेने के लिए जा किसके पास रहे हैं वो कालीन भैया का परिवार है मुन्ना त्रिपाठी बहुत ज्यादा स्ट्रांग पार्टी है उन लोगों का कभी कुछ नहीं होगा बल्कि हम उल्टा फंस जाएंगे आप इन चीजों से दूर रहिए और हमें भी दूर रखिए वसुधा बाहर आती है रोते-रोते जहां पे पंडित जी को पता चल गया था कि डिंपी ने उनकी बात नहीं मानी है अब पंडित जी के पास बस एक आखिरी आई विटनेस था जिससे उन्हें मिल के आना था

फिर हम कालीन भैया को देखते हैं जो कि लखनऊ आए थे वो भी सीएम साहब से मिलने के लिए पहले तो ये ऐसे ही बातचीत करते हैं फैक्ट्री के बारे में जो कि जल गई है और इसी के साथ में अब कालीन भैया प्रस्ताव रख देते हैं कि हमें माधुरी चाहिए यानी कि हम माधुरी का हाथ मांगने के लिए आए हैं और वैसे भी इन दोनों के बीच में बहुत कुछ हो चुका है सीएम पहले तो गुस्सा होते हैं और मुन्ना को बड़ी खराब नजर से देखते हैं कि साला तुम्हारी औकात क्या है कि तुम हमारी बेटी से शादी करोगे लेकिन जब कालीन भैया बताते हैं कि बेटी के साथ कुछ तो गड़बड़ हुआ है तो सीएम साहब कहते हैं कि ठीक है हम एक बार माधुरी से जाके बात करते हैं सीएम साहब अंदर आते हैं और माधुरी से बात करते हैं कि क्या तुम सच में मुन्ना को चाहती हो तो माधुरी कहती है कि क्या मुन्ना खुद रिश्ता लेकर आए हैं तो सीएम साहब कहते हैं कि हां बाप बेटे साथ ही आए हैं इसका मतलब विचार विमर्श तो हुआ होगा माधुरी साथ में यह भी कहती है कि तो फिर हमारी ये विधवा वाली इमेज का क्या होगा तो सीएम साहब कहते हैं कि तुम उसकी चिंता मत लो तुम अपना घर बसाओ अभी तुम्हारी उम्र बहुत छोटी है बाहर आके सीएम कालीन भैया को बधाई देता है और कहता है कि हमें आपका रिश्ता मंजूर है यहां पे कालीन भैया सीएम साहब को कहते हैं कि आप तो हम पे उपकार कर रहे हैं सीएम साहब कहते हैं कि उपकार तो आप हम पे कर रहे हैं जो हमारी विधवा बेटी से शादी कर रहे हैं इसी के साथ में कालीन भैया एक छोटी सी बात और कह देते हैं कि शादी हमें बिल्कुल शालीन चाहिए छोटे लोग हैं कोर्ट मैरिज करेंगे और खुशी-खुशी रहेंगे सीएम साहब बात मान जाते हैं सीएम अपनी बेटी के बारे में नहीं सोच रहा था बल्कि अपनी सेक्रेटरी को कहता है कि शादी के अंदर फुल मीडिया का कवरेज होना चाहिए

जिसके बाद में जेपी यादव को जरीना कहती है कि आखिर आप सीएम कब बनेंगे तो जेपी यादव कहता है कि सीएम तो हम जरूर बनेंगे यानी कि जेपी यादव अपने भाई से बिल्कुल भी खुश नहीं था इन दोनों के बीच में मतभेद चलती ही रहती थी और उसके दिमाग में हमेशा उल्टे सीधे ख्याल आते रहते थे जेपी यादव जरीन के साथ हुए सेक्स का वीडियो बनाकर रखना है ताकि जड़ीना कभी उसके ऊपर कभी भारी न पड़े लेकिन ये सारी चीजें तो जेपी यादव के दिमाग में आती ही नहीं है

इसी के साथ पंडित जी अपने आखिरी आई विटनेस के पास आए थे ये वही चाचा थे जिनको मुन्ना ने गाली देके डांस करवाया था तो ये चचा बोलते हैं कि आप क्या समझते हैं कि उसने जो गाली दिया था हम वही हैं हम अगर जिंदा रहे हैं तो बड़े शान से रहे हैं और अगर हम मरेंगे ना तो कब्र के अंदर इस गाली को लेके नहीं मरेंगे हम वहां के आई विटनेस हैं और हम खुद जानते हैं कि मुन्ना ने गोली चलाई थी और आप जहां कहेंगे हम इस बात को कहने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें एक बात बताइए आप आज अकेले आए हैं आपके साथ में वह जो एक आदमी और थे जो ये सारी चीजें पूछ रहे थे वो कौन है उसी वक्त घर की घंटी बजती है पंडित जी तो पहले डर जाते हैं कि आखिर कौन आया है

 उसके बाद हम मकबूल के घर पे किचन की खिड़की को तोड़ा जाता है और एक आदमी घर के अंदर आता है यह आदमी राजा था जो कि बाबर को ढूंढते हुए मकबूल के घर तक पहुंच गया था पता चलता है कि मकबूल ने बाबर को मारा नहीं था बल्कि उसे पकड़ के घर के अंदर बिठा दिया था चोरी छुपे अब मकबूल का आखिर बाबर भांजा था तो व अपने भांजे को कैसे मार सकता था जान ज्यादा प्यारी थी इसी के कारण वो बाबर को बिना मारे ही यहां पे छुपा देता है बाबर अपने नानी के पास आता है उन्हें प्रणाम करता है और कहता है कि नानी अब हम यहां से जा रहे हैं अलविदा

उसके बाद फिर से हम पंडित जी को देखते हैं पता चलता है कि वो जो आई विटनेस था जिससे मिलने के लिए एक और आदमी आया था वो खुद मौर्या जी हैं तो पंडित जी कहते हैं कि मौर्या जी आपने ये बातें पहले क्यों नहीं बताई तो मौर्या कहता है कि हमें खुद को बदला लेना है कालीन भैया से उसने हमारी सारी की सारी टीम को हमारी आंखों के सामने मार डाला लेकिन हमें इतनी हिम्मत नहीं है हम बस चोरी छुपे ये काम कर रहे हैं पंडित जी कहते हैं कि हम भी यही करना चाहते हैं हम हमारे बेटे का बदला लेना चाहते हैं जस्टिस कराना चाहते हैं आप हमारी मदद करिए हम दोनों मिलके आगे बढ़ेंगे लेकिन मौर्या कहता है कि आप जितना इसको इजी समझ रहे हैं ना ये उतना इजी चीजें नहीं हैं कालीन भैया एक बहुत बड़ा हाथी है जिसे बांध पाना बिल्कुल नामुमकिन है और अगर हम दोनों ही ऐसा काम करने लगे तो फंस जाएंगे ऊपर से इलेक्शन भी आ रहे हैं हमें आगे जाके पहले अपने सीनियर से परमिशन लेनी होगी पंडित जी भी कहीं ना कहीं इस बात से राजी हो जाते हैं

इसके बाद हम शबनम को देखते हैं जोकि गुड्डू से मिलने के लिए आती है और शबनम गुड्डू से कहती है कि हम अगर आपको वापस से कहे कि हम दोनों क्या लॉन्ग ड्राइव पे जा सकते हैं तो क्या आप चलेंगे गुड्डू कहता है कि हां ठीक है चले जाएंगे शबनम कहीं ना कहीं गुड्डू के क्लोज आने की कोशिश कर रही थी और तभी गुड्डू उसे दूर कर देता है कि शबनम ये क्या कर रही हो तुम अभी हम एक दूसरे को जानते ही कितना है और हम तुम्हारी सलामती के लिए कहते हैं कि तुम हमसे दूर रहो हमारा साथ में कोई फ्यूचर नहीं है बल्कि तुम्हारे हिस्से में सिर्फ और सिर्फ दुख ही आएंगे बेचारी शबनम एक बार फिर से अकेली रह जाती है क्योंकि कहीं ना कहीं वो गुड्डू को पसंद करने लगी थी यहां पे यही बात लाला को पता चल जाती है और वो शबनम को समझाते हैं कि तुम गुड्डू के साथ नहीं रह सकती शबनम लाला के ऊपर चिल्लाती है तो फिर आखिर आपने उन्हें घर के अंदर रख ही क्यों रखा है जहां पे लाला को भी थोड़ी बहुत तो ये बात चूब जाती है कि आखिर अब और कितने दिन गुड्डू यहां पे रुकेगा रात होने पर यही बात गोलू भी गुड्डू को समझाती है कि आपको शबनम से थोड़ी दूरी बनाए रखनी चाहिए तो गुड्डू गोलू को झाड़ देता है कि देखो ये हमारा पर्सनल मैटर है और शबनम कोई बच्ची नहीं है

अगले दिन लाला खुद गुड्डू को बुलाता है और कहता है कि आखिर आपका ये सब कुछ क्या चल रहा है घर के अंदर आपने पूरी दुकान बना के रख दी है घर के अंदर इतने ज्यादा गोलियां और बारूद रखा हुआ है इसी के साथ में अब तो पुलिस वाले भी आने जाने लगे हैं आखिर आपका चल क्या रहा है गुड्डू भड़क जाता है और कहता है कि देखिए जितनी जरूरत आपको हमारी है उतनी जरूरत हमें आपकी है हम आपका फायदा पहले ही करा चुके हैं तो लाला कहता है कि फायदा आपने सिर्फ एक बार कराया था उसके बाद में तो ये काम धंधा बंद हो गया है तो गुड्डू कहता है कि हम नया काम शुरू करेंगे ना उसकी चिंता आप काहे ले रहे हैं लाला कहता है कि आखिर ये चीजें कब तक चलती रहेगी हमें आपसे कुछ और भी बात करनी है आप शबनम से दूर रहिए गुड्डू भयंकर भड़क जाता है कि देखिए एक पिताजी हमारे पहले ही है जो कि मिर्जापुर के अंदर थे और उन्हें हम छोड़ कर आए हैं आप हमारे दूसरे पिताजी ना बनिए रही बात शबनम की तो वो बच्ची नहीं है खुद के डिसीजन खुद से ले सकती है इन दोनों के बीच में अच्छी खासी बहस हो जाती है

उसके बाद गोलू अपने साथ में गुड्डू को एक खेत के बाहर लेकर आई थी और ये खेत अफीम की थी इन खेतों को अलॉटमेंट सरकार करती है गोलू बताने लगती है कि सबसे पहले कालीन भैया को लाला माल सप्लाई किया करता था जैसे ही लाला ने अपने हाथ पीछे खींचे तो कालीन भैया का अफीम का बिजनेस बिल्कुल बंद पड़ गया और अभी जब गुड्डू लाला के साथ में काम कर रहा है और लाला ने अगर गुड्डू से हाथ पीछे खींच लिए तो इसका मतलब है कि इन लोगों को भी अफीम नहीं मिलेगी तो कैसा हो कि अगर ये एक कमरे का सेटअप तैयार करें और उसके बाद में खुद ही अपनी अफीम बनाए तो इन्हें कभी किसी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी लेकिन इसके लिए इन्हें सरकार से बात करनी पड़ेगी गुड्डू को पता था कि सरकारी

आदमी कौन होने वाला है वो जेपी यादव को कॉल लगाता है और उसके बाद में कहता है कि हमें अफीम के थोड़े खेत चाहिए जेपी यादव कहता है कि पगला गए हो क्या बात क्या कर रहे हो तब गुड्डू कहता है कि आप हमारी बात सुनिए जैसे कि अब आपके भैया हैं जो कि आपको बिल्कुल मुंह नहीं लगाते हैं और ऊपर से कालीन भैया ने भी उनसे जाके हाथ मिला लिया है तो वो दोनों अभी बन रखे हैं बाहुबली लेकिन एक दिन उनका सिंहासन जरूर गिरेगा उस दिन वहां के बाहुबली आप बन जाएंगे लेकिन आपको किसी कालीन भैया की जरूरत पड़ेगी और वो आपके लिए हम बनेंगे हम आपको फंड्स भी देते रहेंगे इसी के साथ में अगर आप हमारे नाम पे अफीम का खेत अलॉटमेंट करते हैं तो आपको प्रॉफिट भी मिलता रहेगा साथ में आपको किसी चीज की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके पीछे खड़े रहेंगे अब आप ही सोचिए कि अगर आपको किसी की जरूरत है या नहीं है जेपी यादव बिल्कुल स्ट्रेट फॉरवर्ड बातें समझ गया था और गुड्डू को कहता है कि ठीक है हम सोच के बताएंगे जिसके बाद में सीन यहां मौर्या के ऊपर शिफ्ट होता है जो कि पंडित जी के साथ में इनके सीनियर के पास पहुंचे थे और साफ-साफ प्रस्ताव रखते हैं कि हम आगे प्रोसीड करने वाले हैं आप बस हमें परमिशन दीजिए तो जहां पे ये सीनियर ऑफिसर बताते हैं कि मौर्या तुम जो बात कह रहे हो वो बिल्कुल ठीक है हम अच्छी तरीके से जानते हैं कि कालीन भैया और मुन्ना बहुत बड़े क्रिमिनल है लेकिन हम उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकते अगर आप उसके अंदर फसें तो ज्यादा से ज्यादा आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा आपको हटा दिया जाएगा और हम नहीं चाहते कि आप अच्छे ऑफिसर हैं उन्हें हटा दिया जाए तो हमारी मानिए तो अभी के लिए इस चीज को छोड़ दीजिए और कोई बड़ी सी बात लेकर आइए जिसके कारण उन्हें पकड़ना थोड़ा आसान हो अगर इन छोटे-छोटे केसों के लिए आप अगर उन्हें पकड़ेंगे तो फालतू में हम सब फंस जाएंगे मौर्या और पंडित जी दोनों को समझ में आ गया था कि आगे से इनकी हेल्प नहीं हो सकती है और ये अपने लेवल पे लिमिट क्रॉस करके मुन्ना को पकड़ेंगे तो खुद ही फंस जाएंगे इसी के कारण मौर्या अभी के लिए अपने पैर पीछे कर लेता है और पंडित जी को भी समझा देता है कि हम ये काम बाद में श शुरू करेंगे और वहां से निकल जाते हैं

उसके बाद फिर हम माधुरी को देखते हैं सीएम साहब माधुरी के लिए एक रेड कलर की बहुत ही प्यारी सी साड़ी लेकर आए थे क्योंकि अब उसे अपना नया घर बसाना था और शादी करनी थी नेक्स्ट सीन कोर्ट का था जहां पे मुन्ना और माधुरी की शादी हो जाती है सभी बहुत खुश थे लेकिन मुन्ना के चेहरे पे तो 12:00 बजे हुए थे उसे अपनी शादी अच्छी खासी चाहिए थी मतलब थोड़ी ग्रैंड लेवल की दारू वगैरह चलनी चाहिए थी गोलियां चलनी चाहिए थी नाच गाना होना चाहिए था लेकिन यहां पे एक दीवारों के बीच में इनकी शादी करा दी गई माधुरी खुश थी सबके पैर छूती है जहां पे बीना कहती है कि बड़ी खुशी हुई कि आखिरकार इस घर के अंदर एक और औरत आ गई हम दोनों मिल बांट के घर के सुख और दुख बांटेंगे शरद मुन्ना के लिए गिफ्ट लेकर आया था जिसके ऊपर मिर्जापुर लिखा हुआ था और साथ ही में एक कालीन बना हुआ था ये हैंडमेड एक क्राफ्ट था जिसे देख के मुन्ना तो बड़ा खुश हो जाता है कि थैंक यू सो मच क्योंकि इस वक्त शरद के सिवाय उसका कोई दोस्त भी नहीं था मुन्ना यहां पे खुश नहीं था इसी के कारण वो कालीन भैया को भी कहता है कि हम बिल्कुल भी खुश नहीं है इस शादी से आपने तो हमारी शादी तक बर्बाद कर दी है घर आने के बाद में माधुरी तो खुश थी कि चलो उसकी नई लाइफ स्टार्ट होने वाली है वो कुछ देर वेट करती है इतनी ही देर में यहां पे मुन्ना भी आ जाता है और मुन्ना आते ही यहां पे लेट जाता है जहां पे माधुरी उसके पास आने की कोशिश करती है लेकिन मुन्ना उसे साफ-साफ बता देता है कि माधुरी देखो एक बात हम तुम्हें आज ही क्लियर कर देते हैं हमारी और तुम्हारे बीच में पति-पत्नी जैसा कोई रिश्ता नहीं होगा माधुरी को कुछ समझ नहीं आता कि आखिर मुन्ना ऐसा क्यों कह रहा है माधुरी कहती है कि ये तो आपकी रजामंदी से हुआ था ना तो मुन्ना कहता है कि बिल्कुल झूठ है ऐसा हमें पापा ने करने के लिए कहा था इसी के कारण हमने शादी करी थी माधुरी कहती है कि आप बच्चे हैं क्या आप 28 साल के हैं और उसके बाद में शादी आपने अपने पापा के कहने से करी हम आपको अच्छे नहीं लगते थे क्या मुन्ना कहता है कि अच्छे तो आप हमें बहुत लगते थे लेकिन शादी हो जाए इतना भी अच्छे नहीं लगते ते थे हम आपका सारा फर्ज निभाएंगे लेकिन आपका और हमारे दिल का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं मैच होगा माधुरी काफी ज्यादा हर्ट थी क्योंकि मुन्ना ने ये डिसीजन खुद की खुशी से नहीं बल्कि खुद के बाप के कहने से लिया था

उसके बाद मुन्ना माधुरी के पास आकर सेक्स करने की कोशिश करता है लेकिन माधुरी उसे बहुत दूर धक्का दे देती है और कहती है कि आज के बाद हमारे पास भी मत आइएगा जिस दिन तन मन से आइएगा उसी दिन यह सब होगा नहीं तो उससे पहले तो फिर वायलेंस ही होगा यहां पे मुन्ना कहता है कि हम हमारे लिए नहीं हम तुम्हारे लिए आ रहे थे ताकि तुम खुश रहो माधुरी कहती है कि हो गया हमारी खुशी जितनी हमें मिलनी चाहिए थी अब आप हमसे दूर ही रहिए

हर तरह शादी के चर्चे हो रहे थे सीएम साहब ने अपनी विधवा बेटी की शादी बहुत ही शालीन तरीके से निपटा दी थी इस चीज को लेकर सभी लोग बहुत खुश थे ऊपर से जात-पात का भी कोई मैटर आया नहीं था देखते ही देखते इतने वोट मिलते इस पार्टी को कि यह पार्टी जीत जाती है और जब यहां पे मीटिंग होती है तो मीटिंग के अंदर अनाउंसमेंट कर दिया जाता है कि हमारी पार्टी भारी मतों के साथ में जीती है यानी कि अब तक का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सभी बहुत खुश थे जेपी यादव भी आता है अपने भाई को कलर लगाता है माला पहनाआता है लेकिन सीएम साहब तो यहां पे अपने भाई को देखने की बजाय कालीन भैया के थैंकफूल थे कि कालीन भैया के कारण आज इतने भारी वोटों से ये लोग जीते हैं

दूसरी तरफ यहां पे कालीन भैया की फैक्ट्री का काम भी खत्म हो गया था और एक बार फिर से बंदूक बनने का प्रोसेस स्टार्ट हो गया था उसके बाद हम बिहार में जूनियर त्यागी अपने फादर को कहता है कि वो पार्टी आ गई है जिससे कि हम चाहते थे ना आपको मिलवाने के लिए अगर आप कहे तो हम ही डिसीजन ले ले लेकिन त्यागी को कुछ तो गड़बड़ लगती है इसी के कारण वो कहता है कि नहीं नहीं उसको बिठाऊ हम लोग आके ऑफिस में बात करते हैं गोलू और गुड्डू भी निकल चुके थे जिन्हें पता था कि ये त्यागी तो हाफ है और साथ ही में इन्होंने ऑफिस मैं छोटा दरवाजा बना रखा है लेकिन इस बार गुड्डू बड़े ही प्यार से और बड़े ही दिमाग से आंसर देता है कि त्यागी जी ऐसा तो कहीं नहीं लिखा है कि अगर व्यापार करना है तो झुक के ही अंदर आना पड़ेगा जहां पे त्यागी कहता है कि अगर आपको हमसे व्यापार करना है तो झुकना ही पड़ेगा जहां पे गुड्डू इस चीज के लिए साफ मना कर देता है और कहता है कि अभी तो व्यापार शुरू ही नहीं हुआ है अगर शुरुआत में आप हमें झुका देंगे तो आगे जाके कैसे काम चलेगा कहीं ना कहीं त्यागी को गुड्डू की ये बातें बड़ी पसंद आ रही थी इसी के कारण वो बाहर निकल के आता है और अंदर बैठ के ये सब बातें करते हैं सारे लोग एक साथ में थे गोलू को कहीं ना कहीं लग रहा था कि ये जो छोटा त्यागी है शायद ये डिसीजन ले पाएगा लेकिन यहां आने के बाद पता चलता है कि यहां तो डबल रोल है त्यागी के भी ऊपर उसके बड़े भाई यानी कि सीनियर त्यागी है गुड्डू यहां पे बता देता है कि बिहार के अंदर आपका ही सारा काम चलेगा 50-50 पर का प्रॉफिट रहेगा आधा आपका मुनाफा आधा हमारा मुनाफा मिलके कमाएंगे और भरपूर सप्लाई भी मिलेगी आपको

जिसके बाद में गुड्डू बताता है कि काम यहां पे अफीम का करना है जैसे ही दद्दा त्यागी इस बात को सुनते हैं कि अफीम का बिजनेस है वो हैंड टू हैंड मना कर देते हैं और सारे के सारे लोग एक दूसरे की शक्ल देखने लगते हैं जूनियर त्यागी के कारण गोलू ये डील यहां पे लेके आई थी यानी कि जूनियर त्यागी ने भी अपने बाप को नहीं कहा था कि यहां पे डीलिंग अफीम की होने वाली है गुड्डू यहां पे दद्दा त्यागी को समझाने की कोशिश भी करता है कि आप तो वैसे भी सारे इल्लीगल काम करते हैं गन सप्लाई करते हैं गाड़ी चोरी करवाते हैं इसी के साथ में बंदूक का व्यापार भी करते हैं तो फिर ये अफीम क्या चीज है इससे कौन सा यज्ञ भंग हो जाएगा फिर उसके बाद दद्दा त्यागी यहां पे खुद की स्टोरी बताते हैं कि जब वो अपनी मां के पेट में थे तो उनके मां और बाप दोनों मिलके बहुत अफीम और गांजा फूंका करते थे इतना अफीम और गांजा फूंका उन्होंने कि बेचारे दद्दा त्यागी पेट के अंदर ही आधे हो गए यही कारण था कि आज तक उनकी लंबाई नहीं बढ़ी और इसी के कारण वो अफीम से इतना ज्यादा नफरत करते हैं जूनियर त्यागी यह बोलने की कोशिश करता है अफीम का बिजनेस अब क्यों नहीं करना है अब तो आपके बच्चे बड़े हो गए वह कहता है कि दद्दा बहुत अच्छा प्रॉफिट है

हम एक बार काम शुरू तो करके देखें लेकिन दद्दा त्यागी साफ मना कर देते कि अफीम के काम के अंदर यह हाथ नहीं डालेंगे बेचारा छोटे त्यागी की तो बहुत बुरी इंसल्ट हो जाती है गोलू के सामने और वो बस खड़ा ही रह जाता है इसी के साथ हम हो रहे एक बहुत बड़ी मीटिंग को देखते हैं जहां पे सबको अपना-अपना काम दिया जाना था स्टेट वाइज कि उन्हें इस स्टेट का कौन सा डिपार्टमेंट संभालना है जेपी यादव बैठा था कि उसको कोई बहुत ही बड़ा डिपार्टमेंट मिलेगा लेकिन इस बार सीएम साहब ने जेपी यादव को एक छोटा सा हेल्थ डिपार्टमेंट दे दिया था और इसी के साथ में जो कालीन भैया थे उन्हें बिजनेस डिपार्टमेंट यानी कि उद्योग विभाग दे दिया गया था जो कि बहुत ही बड़ा डिपार्टमेंट था जेपी यादव भड़क जाता है और कहता है कि भैया आप ऐसे कैसे किसी को भी मंत्रालय के अंदर काम के लिए लगा सकते हैं जहां पे सीएम साहब कहते हैं कि ये हमारा काम है और हमने बिल्कुल इंडिपेंडेंटली इस डिसीजन को लिया है लेकिन सारे लोगों से राय लेना जरूरी थी आखिर सीएम को मना कौन कर सकता था वो कोई भी डिसीजन ले वो सब लोगों के सामने पूछता है कि हमने कालीन भैया को इंडिपेंडेंटली इस सभा के अंदर आमंत्रित किया है और उन्हें बिजनेस डिपार्टमेंट संभालने के लिए बोला है क्या किसी को कोई आपत्ति है हमें अभी के अभी जवाब दे दीजिए सारे लोग बिल्कुल चुप थे और उसी समय कालीन भैया को पार्टी के अंदर सिलेक्ट कर दिया जाता है

जेपी यादव इस चीज से बहुत भड़का हुआ था और अपने भैया को जाके बताता है कि भैया ये आपने अच्छा नहीं किया है तो यहां पे सीएम साहब बताते हैं कि हम तुम्हारे हिसाब से नहीं चलेंगे हम हमारे हिसाब से चलेंगे अगर आज अखंडनंद त्रिपाठी नहीं होते तो हम शायद जीतते भी नहीं आगे वो हमारे साथ रहेंगे तो आगे भी हम ऐसे ही जीतते रहेंगे तुम बस अपना काम करो तुम्हें भी तो अच्छी-अच्छी चीजें दी ही है ना और एक और काम करो कुछ खेत इनके नाम कर दो क्योंकि अब ये काम वगैरह करते हैं तो अफीम का काम भी करते रहेंगे तुम्हें जो कहा गया है तुम बस वही करो जेपी यादव भयंकर गुस्से मैं था और इसी के साथ जेपी यादव अपने दिमाग से गुणा भाग करना शुरू कर देता है और यहीं पर मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 6 खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 7 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि गुड्डू पंडित और गोलू दोनों दादा त्यागी से मिलने के लिए जाते हैं और दादा त्यागी अफीम के व्यापार को करने से मना कर देता है दूसरी ओर जेपी यादव बैठा था कि उसको कोई बहुत ही बड़ा डिपार्टमेंट मिलेगा लेकिन इस बार सीएम साहब ने जेपी यादव को एक छोटा सा हेल्थ डिपार्टमेंट दे दिया था और इसी के साथ कालीन भैया को बिजनेस डिपार्टमेंट यानी कि उद्योग विभाग दे दिया गया था जो कि बहुत ही बड़ा डिपार्टमेंट था

जेपी यादव इस चीज से बहुत भड़का हुआ था और अपने भैया को जाकर बोलना है कि भैया ये आपने अच्छा नहीं किया है तो सीएम साहब बताते हैं कि हम तुम्हारे हिसाब से नहीं चलेंगे तुम हमारे हिसाब से चलोगे अगर आज अखंडनंद त्रिपाठी नहीं होते तो हम शायद जीतते भी नहीं आगे वो हमारे साथ रहेंगे तो आगे भी हम ऐसे ही जीतते रहेंगे तुम बस अपना काम करो और एक और काम करो कुछ अफीम के खेत इनके नाम कर दो तुम्हें जो कहा गया है तुम वही करो अपना दिमाग कम चलाओ फिर उसके बाद जेपी यादव के दिमाग में कोई ना कोई आईडिया पैदा हो चुका था कि आखिर उसे अपने भैया के साथ में क्या करना है

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 7 ओड बिलाव

इस एपिसोड की शुरुआत बिहार वाले गुड्डू को कहता है कि क्या हुआ तुम तो धंधा करने के लिए गए थे हुआ क्या आखिर वो गुड्डू से उस डील के बारे में बात कर रहा है जिस डील के अंदर बिहार वालों ने उसे मना कर दिया है धंधा करने के लिए लेकिन तभी यहां पे गोलू आती है और कहती है कि आप अपना माल तैयार रखिए गुड्डू ने कुछ शब्द के साथ में मिर्जापुर के सीजन टू के अंदर जो बेस्ट वन ऑफ कन्वर्सेशन थी वही कन्वर्सेशन यहां पे स्टार्ट हो जाती है यहां पे दोनों जूनियर और सीनियर त्यागी पहुंच गए थे लेकिन जूनियर त्यागी कभी भी अपने बड़े भाई के सामने ने बैठ के ड्रिंक वगैरह नहीं किया करता था बड़ा भाई कहता है कि अरे भाइयों के अंदर थोड़ी लाज शर्म होनी चाहिए आखिर हम साथ बैठे हैं तो वो कैसे उठेगा बैठेगा इसी के कारण शरद और मुन्ना के सामने छोटा त्यागी यहां से चला जाता है बैठता है तो सिर्फ बड़ा त्यागी जिसने पहले से यहां पे माहौल बना के रखा था लड़की को बुला के रखा था डांस दारू तो आखिर बैठना और बातचीत करना तो बनता ही था लेकिन मुन्ना को यहां पे बड़ी टांग खींचने की इच्छा कर रही थी इसी के कारण वो बड़े त्यागी से दद्दा के बारे में बहुत कुछ कह देता है इसी चक्कर मैं बड़े त्यागी गुस्से से अंदर आ जाता है और शरद को कहता है कि कैसा आदमी लेकर आए हो तुम शरत कहता है यार भैया गलत कहां कह रहा है ये कह तो बिल्कुल ठीक रहा है इतनी ही देर के अंदर त्यागी भी यहां पे बिना चूके मुन्ना को एक अच्छा खासा डायलॉग दे देता है इस डायलॉग के पीछे तो मुन्ना भी बड़ा खुश हो जाता है और कहता है कि ये वाला तुमने बड़ा अच्छा डायलॉग बोला इसके बाद सारे गुस्सा होने की बजाय हंसने लग जाते हैं जिसके बाद में सीन यहां कालीन भैया के ऊपर शिफ्ट हो जाता है इस वक्त माधुरी इनके सामने बैठी थी जो कि एक बिल्कुल नॉर्मल लड़की की तरह एक घर के अंदर जैसे बहू को रहना चाहिए वैसे ही थी कालीन भैया उसे समझाते हैं कि नया घर है चीजों में थोड़ा एडजस्टमेंट करने के लिए टाइम लगेगा बाकी तुम्हारी मां तो है ही बात वगैरह करने के लिए कुछ भी हो तो तुम हमारे पास किसी भी वक्त आ सकती हो माधुरी कहती है कि हमें बहुत अच्छा लगा कि आपने परिवार के अंदर घुलने मिलने के लिए आगे होके हमसे बात करी हमें सेफ फील कराया हम बहुत खुश हैं इस घर के अंदर आके जहां पे कालीन भैया कहते हैं कि तुम बाकी बहुओं के जैसे ट्रेडिशनल फॉलो मत करो ये पल्लू वल्लू अपने सर पे मत लो कभी भी कोई जरूरत हो तो हमारी पास आ जाना हम हमेशा तुम्हारे पापा के जैसे ही रहेंगे अब आखिर ये सीएम साहब की बेटी थी तो कालीन भैया इतनी बातें तो कर ही सकते थे अपनी बहू के साथ में जहां पे माधुरी चली जाती है लेकिन बीना को इन बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं आ रहा था इसी के कारण वो टहलने के लिए बाहर निकल जाती है जहां बाहर जाने प पता चलता है कि कि बाबूजी इस वक्त टीवी देख रहे हैं टीवी के अंदर वही शेर शेरनियों वाला गेम चल रहा था और इसी के साथ में अब बाबूजी ने अपने पैरों प तेल लगाने का नया काम माधुरी को दे दिया था बीना के मन में हल्का सा डाउट आता है कि जैसे उसके साथ हुआ था यानी कि बाऊज ने उसे इंटीमेट होने के लिए कहा था वैसे कहीं अगली शिकार बेचारी ये माधुरी ना हो जाए इसी के कारण वो माधुरी को काम खत्म करने के बाद बोलती है कि तुम आज के बाद बाऊज के पैरों में तेल मत लगाना तो माधुरी कहती है कि क्यों क्या हुआ वह तो बाबूजी लगते हैं लेकिन बीना तो अंदर से जानती थी ना कि बाबूजी कितने बड़े मादरचोद आदमी है तो वो माधुरी को कहती है कि अगली बार ये काम राजा को दे देना या किसी और को दे देना तुम मत किया करो वैसे भी इस घर की प्रथा है कि सारे ससुर अपने बहुओं का बहुत ख्याल रखते हैं माधुरी को थोड़ा डाउट होता है

दूसरी ओर छोटा त्यागी डील करने के लिए पहुंच गया था और डील करने के लिए यहां पे गुड्डू और गोलू दोनों ही पहुंचे थे गुड्डू यहां पे कंटीन्यूअसली त्यागी को फुल टू मस्का लगाने की कोशिश कर रही थी कि हम तो तुम्हें पहले से ही जानते थे कि तुम में कोई बात तो जरूर है तुम्हारे घर वालों ने जो भी बोला हो लेकिन तुम में डिसीजन लेने की पावर है तुम नया धंधा स्टार्ट करना चाहते हो वो इस त्यागी को इतना ऊपर लेवल पे चढ़ा देती है कि बेचारा त्यागी अपना डिसीजन भूल जाता है यानी कि जहां वो मना करने आया था या फिर कहीं ना कहीं उसके मन में डर था कि वो ये अफीम का बिजनेस नहीं करेगा लेकिन गोलू के इतना मस्का लगाने के कारण और खुद का इंप्रेशन ठीक रखने के कारण वो गोलू और गुड्डू के साथ में तय कर लेता है कि वो अफीम का धंधा करेगा बिहार के अंदर देखते ही देखते ये धंधा स्टार्ट हो जाता है छोटे त्यागी अपने मामा के साथ में मिला हुआ था गाड़ियों के अंदर जहां दारू रखी जाती थी अब उस जगह गाड़ियों के हर छोटी-छोटी सी जगह पे अफीम को रख के पूरे बिहार के अंदर बेचा जाना था साथ ही में हम कालीन भैया और मुन्ना को देखते हैं इन्हें भी अब वही अफीम के खेत चाहिए था दूसरी तरफ पता चलता है कि जेपी यादव को कॉल गुड्डू ने किया था लेकिन जेपी यादव यहां गुड्डू को बाहुबली या फिर अपने साथ रखने की बजाय यहां पे रति शंकर के बेटे यानी कि शरद को बुला लेते हैं और कहते हैं कि तुम्हारे पिताजी के साथ हमारे बहुत पुराने संबंध थे बल्कि हम तो कहेंगे बिल्कुल पर्सनल संबंध थे हम चाहते हैं कि तुम हमें जॉइन करो और हमारा साथ दो जहां पे शरद बड़े ही स्मार्टली कहता है कि पिताजी का तो एक और सपना था उन्हें मिर्जापुर चाहिए क्या आप हमें मिर्जापुर देने का वादा कर सकते हैं तो हमें भी आपके साथ काम करने में कोई हर्ज नहीं है जेपी यादव समझ गया था कि शरद बहुत ही स्मार्ट लड़का है इसी के कारण वो शरद को वादा कर देता है कि तुम्हारे पिताजी का सपना आगे जाके हम दोनों मिलके पूरा करेंगे जेपी यादव जड़ीना को कहते हैं कि शरद के पास में जाओ लेकिन शरद यहां पे मना कर देता है कि इस तरीके के शौक हमें नहीं है उसके बाद गुड्डू लाला को पैसे देने के लिए आता है तो लाला गुड्डू से पूछता है कि आखिर तुम सप्लाई किसको कर रहे हो क्योंकि मिर्जापुर के अंदर तो सप्लाई बंद हो गई है तो गुड्डू कहता है कि देखिए हमने जब आपसे कभी नहीं पूछा कि आखिर आप अफीम कहां से लाते हैं तो आप हमसे कैसे पूछ सकते हैं कि हम अफीम किसको बेच रहे हैं आप अपने काम पे ध्यान दीजिए हम अपने काम पे ध्यान देते हैं और अगली बार हमें पूछने की आप हिम्मत भी मत करिएगा

इसी के साथ में मुन्ना अब लखनऊ के अंदर अपना पूरा दबदबा बनाने के लिए पहले ही एक गुंडे को लपेट चुका था जिसके बाद में अब वो यहां पे गुंडों की एक बड़ी सी टोली के पास में पहुंच गया था एक नाई की दुकान के अंदर भर-भर के यहां पे गुंडे बैठे थे जो कि मार कुटाई चोरी चकारी सब किया करते थे गुड्डू पंडित को यहां पे पहले से ही लोग जानने लग गए थे गोलू यहां पे आती है छोटे-मोटे सामानों को देखती है और उसके बाद में इन लोगों का कन्वर्सेशन स्टार्ट हो जाता है गुड्डू का कहना था कि आज के बाद आप लोग मार कुटाई चोरी चकारी कुछ नहीं करेंगे जहां पे इनका हेड बताता है कि अगर हम मार कुटाई चोरी चकारी नहीं करेंगे तो खाएंगे पिएंगे कैसे यही तो हमारा धंधा है और तुम हमें मना कैसे कर सकते हो हम तुम्हें यहां पे मरवा देंगे ये सारे के सारे लोग बड़े बेचैन बैठे हैं जहां पे गुड्डू पंडित कहता है कि हम तुम्हें मना नहीं कर रहे हैं कि तुम चोरी चकारी मत करो बल्कि हम तो कह रहे हैं कि तुम हमारे लिए करो आज के बाद जितना भी वायलेंस होगा ये सब कुछ तुम हमारे कहने पे करो तुम सब लोगों के लिए गोली बंदूक का इंतजाम हम करेंगे पैसों का प्रॉफिट भी तुम रखो इसी के साथ में महीने का भत्ता अलग से देंगे लेकिन तुम काम करोगे तो सिर्फ और सिर्फ हमारे अंडर करोगे फिर उन लोगों का हेड कहता है कि देखो गुड्डू पंडित इसमें रिस्क बहुत है तुम अपना बहुत कुछ खो सकते हो गुड्डू पंडित कहता है कि इन सब चीजों से हमें कोई मतलब नहीं है हम यहां पे अकेले बचे हैं बाहुबली अब हमें बनना है तो आगे का काम भी हम ही संभालेंगे गोलू यहां से कुछ क्रीम्स वगैरा उठा के ले जाती है तो यहां का एक आदमी बोलता है कि अरे दीदी आप पैसे तो देके नहीं जाइए नहीं तो ये भैया हमारे में से काट लेंगे गुड्डू इसे पास बुलाता है और पैसे भी देता है जाने से पहले गुड्डू ये भी बोल के जाता है कि देखिए हम हैं इसलिए ये सब कर रहे हैं हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास किसी को खोने का डर ही नहीं बचा है अब जब कोई है ही नहीं तो फिर आखिर डरना किससे है क्योंकि गुड्डू का तो पहले ही सब कुछ जा चुका है उसका भाई मर गया उसकी बीवी मर गई तो आखिर उसे डर किस बात का है

जिसके बाद में सीन यहां कालीन भैया की फैमिली के ऊपर शिफ्ट हो जाता है आज घर के अंदर चाइनीज मंगाया गया था और सब बड़े ही खुश होके यहां पे खा रहे थे मुन्ना और माधुरी के बीच में कुछ अच्छी खासी बन नहीं रही थी मुन्ना यहां पे आते ही कालीन भैया से बात करने लगता है और कहता है कि हमें आपसे बात करनी है बहुत जरूरी तो कालीन भैया उसे डांट देते हैं कि क्या तरीका है तुम्हारा बार-बार में एक ही चीज को रिपीट करने का तुम्हें मिर्जापुर की गद्दी नहीं मिलेगी पहले मैच्योर हो जाओ बड़े बन जाओ चीजों को संभालो अपनी जिम्मेदारी संभालो पहले तुम तुम्हारा खुद का घर संभालो इसका मतलब था कि माधुरी उसके साथ बैठती नहीं है तो काम धंधा क्या संभालेगा

इन चीजों को लेके मुन्ना और ज्यादा भड़क जाता है कि आखिर आप करना क्या चाहते हैं हर समय हमारी जिंदगी को आप ही कंट्रोल कर रहे हैं आप जैसा कहते हैं हमको वैसा करना ना पड़ता है आखिर हम कब यहां के मालिक बनेंगे कालीन भैया कहते है कि ये सब कुछ तुम्हारा ही है लेकिन उससे पहले तुम्हें थोड़ा शांति से काम लेना पड़ेगा मुन्ना गुस्सा होके यहां से चला जाता है और कहता है कि हम खाना नहीं खाएंगे कालीन भैया कहता है कि खाना खाके जाओ ऐसे इस तरीके से तुम यहां से नहीं जा सकते तो मुन्ना कहता है कि खाने का तो डिसीजन हमारा है ना कि हमें खाना है या नहीं खाना है या उसके अंदर भी आप घुस जाएंगे बीना कहती है कि आप शांत रहिए हम जाके उसे समझा के आते हैं

 जिसके बाद में सीन यहां दद्दा त्यागी के घर के ऊपर शिफ्ट होता है यहां पे बड़े त्यागी की वाइफ किचन के अंदर खाना बना रही थी और इसी समय छोटा त्यागी आ जाता है जो कि अपने बड़े भाई के कपड़े पहन के आया था और ये दोनों बिल्कुल सेम सेम दिखते थे इसी के कारण वो अपनी भाभी से मजाक करने लगता है जैसे कि वो उनका हस्बैंड है बेचारी ये भी पहचान नहीं पाती क्योंकि दोनों भाई एकदम सेम सेम लगते हैं कहीं ना कहीं ये छोटा त्यागी कुछ ऐसी प्लानिंग के अंदर था कि भविष्य के अंदर ये कहीं ना कहीं अपने बड़े भाई की भी जगह ले सके

फिर उसके बाद मुन्ना कोठे पे पहुंच जाता है क्योंकि वो घर पे माधुरी के साथ में नहीं रह रहा था इसी के साथ में सीन यहां दद्दा के ऊपर शिफ्ट होता है जो कि बड़े त्यागी को बुलाते हैं और कहते हैं कि हमने आज एक बहुत अजीब चीज देखी कोई छोटे दो-चार लड़के थे और उसी वक्त उनके हाथ में एक पुड़िया भी थी पैसे वैसे दे रहे थे ले रहे थे हमने पूछने की कोशिश करी तो डर के मारे वहां से भाग गए लेकिन पुड़िया हमारे हाथ में आ गई

उसके बाद मुन्ना घर आता है और कहता है हम पूरी रात बहार थे तो माधुरी कहती है कोई बात नहीं आप अगर बाहर जाके आए हैं हमें उससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन किसी दिन आप दिल लगा के मत आ जाइएगा बस हमें इसी चीज से फर्क पड़ता है मुन्ना कहीं ना कहीं अंदर से इस चीज को फील कर रहा था कि माधुरी को भी इस चीज से प्रॉब्लम है कि मुन्ना ने आखिर उससे मन से शादी नहीं करी है लेकिन माधुरी यहां पे अपनी वाइफ होने की सारी रिस्पांसिबिलिटी निभा रही थी वो उठती है बाहर जाती है पानी लेने के लिए मुन्ना के लिए क्योंकि उसे प्यास लग रही थी साथ ही में उसे ये भी कहती है कि ये हमारे कमरे की बात है हम इसे कमरे के अंदर ही रखेंगे जरूरी नहीं है कि इन बातों को बाहर निकाला जाए लेकिन मुन्ना ने तो पहले ही गड़बड़ कर दी थी ये सारी बातें वो बीना को बता चुका था

जैसे ही माधुरी कमरे से बाहर जाके अपने वापस से कमरे में जाने वाली थी पानी लेके तो बीना उसे रोक लेती है और उसे भड़काने की कोशिश करती है कि मुन्ना आ गया क्या मुन्ना कहां गया था पता है क्या तुम्हें यानी कि कहीं ना कहीं वो इन दोनों मियां बीवी के अंदर झगड़ा लगाना चाहती थी तो माधुरी कहती है कि हां हमें अच्छी तरीके से पता है वो अपने बहुत जरूरी काम से बाहर गए थे माधुरी को सब कुछ पता था लेकिन फिर भी वो बीना के सामने ये नहीं बताना चाहती कि इन दोनों के बीच में कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग है

इसी के साथ में सीन यहां बड़े त्यागी के ऊपर शिफ्ट हो जाता है जो कि चौराहे के ऊपर जाके खड़ा हो जाता है वहां उसने देख लिया था कि एक आदमी ने अभी-अभी अफीम बेची और उसके पास में काफी सारे पैसे हैं इसी के कारण वो उस आदमी के पास जाके खड़ा हो जाता है और पूछता है कि हां भैया आज तो बहुत सारे पैसे आए हैं बताइए कहां से आए हैं पैसे तो ये आदमी बड़े त्यागी को भगा देता है कि चलो जाओ यहां से तुम्हारा क्या लेना देना हम कहीं से भी पैसा लाएं लेकिन ये बड़ा त्यागी तब जाके यहां पे अपना टशन दिखाता है कि ये किसी से कम नहीं है उस आदमी का हाथ पकड़ता है और सीधा गन्ने की मशीन केअंदर डाल देता है कि अब बता साले हम तेरे से बड़े प्यार से पूछ रहे थे ना कि आखिर ये पैसा कहां से आया है अफीम तूने किससे खरीदी है ये आदमी दर्द में था लेकिन फिर भी नहीं बोलता तब ये त्यागी कहता है कि हम तुमसे कुछ और बार पूछेंगे और उसके बाद में तुम्हारा हाथ बिल्कुल बराबर हो जाएगा अब यहां पे इतना गजब सीन दिखाया गया है कि जैसे ही त्यागी ने इस आदमी का हाथ गन्ने की मशीन में डाला तो उसी समय लाइट्स चली जाती है और उसका हाथ बीच में रह जाता है गन्ने की मशीन वाले को ये प्रॉब्लम नहीं थी कि यहां पे वायलेंस हो रहा है बल्कि उसे ये प्रॉब्लम थी कि शिट लाइट चली गई सारा का सारा मजा खराब हो गया हाथ कटते हुए वो देख ही नहीं पाएगा आखिरकार ये आदमी इतने ज्यादा चिल्लाने के बाद में त्यागी को बता देता है कि उसके पास में माल कहां से आया जब दद्दा त्यागी यहां पे बैठ के अपना कोई काम कर रहे थे और छोटा त्यागी भी यहीं पे बैठा था तो बड़े त्यागी का कॉल दादा त्यागी के पास में आता है और बताता है कि हमने पता लगा लिया है कि आखिर ये माल कौन बेच रहा है जैसे ही ये बात छोटा त्यागी सुनता है तो डर जाता है बुरी तरीके से कि अगर उसका नाम सामने आया तो वो तो आज मर ही जाएगा लेकिन दद्दा त्यागी को पता चलता है कि ये अफीफ कोई बंगाली बेच रहा है तब जाके छोटे त्यागी को थोड़ा सही लगता है कि उसका नाम तो बीच में नहीं आया बड़ा त्यागी यहां पे जाने ही वाला था उस बंगाली से निपटने के लिए तो छोटा त्यागी बोलता है कि नहीं नहीं भैया आप काहे जा रहे हैं हम जाते हैं ना हम जाके संभालते हैं बात को क्योंकि छोटे त्यागी को अच्छी तरीके से पता था कि अगर कोई बंगाली भी पकड़ा गया तो नाम उसी का ही बाहर आएगा तो वो जाके बात संभाल लेगा

जिसके बाद में गुड्डू को देखते हैं डॉक्टर के पूरे परिवार को गुड्डू ने बुलाया था इसी के कारण डॉक्टर उसकी वाइफ और उसकी बच्ची यहां पे आती है डॉक्टर गुड्डू को एक्सरसाइज करा देता है शबनम उसकी हेल्प करती है और उसके बाद में गुड्डू खुद यहां पे डॉक्टर की वाइफ के लिए एक साड़ी लाया था और उसकी बच्ची के लिए एक टॉय लाया था डॉक्टर गुड्डू को ऑलमोस्ट बिल्कुल अपनी फैमिली के जैसे मानने लगा था इसी के कारण वो कहता है कि बच्ची का बर्थडे है और आप लोग जरूर आइएगा हम साफ-साफ देख सकते हैं कि शबनम कहीं ना कहीं गुड्डू से बहुत ज्यादा एक्सपेक्टेशन लगा के बैठ चुकी थी वो गुड्डू को बहुत ज्यादा पसंद करने लगी थी

इसी के साथ में हम गोलू को देखते हैं जो कि यहां पे उस नाई की शॉप से उठाए हुए क्रीम्स को अपने फेस पे लगा रही थी तभी यहां पे गुड्डू आता है और बातचीत करता है कि हां भाई तुम्हारी तैयारी हो गई है जाने की तो गोलू कहती है कि हां हमारी तैयारी हो गई है जाने की हम जाके उससे बात करेंगे क्योंकि कहीं ना कहीं बिहार के अंदर माल पकड़ा गया है और छोटा त्यागी बहुत ज्यादा डर रहा है उसे तो हम संभाल लेंगे गुड्डू को कहीं ना कहीं बहुत अजीब लगता है कि आखिर ये गोल्लू कर क्या रही है वो लड़कों से बात करने के लिए जा रही है चेहरों पे क्रीम लगा रही है जो कि आज तक उसने नहीं किया इसी कारण गुड्डू जाते जाते गोलू को टोंट मार के जाता है कि हां भाई अब तो तुम बड़ी हो गई हो लड़कों से अपने आप बात कर सकती हो डील वगैरह कर सकती हो इसी के कारण तो तुम चेहरा चमका रही हो जिंदगी में तो आज तक नहीं किया लेकिन अभी बड़ा चमका रही हो गोलू को यह बातें अजीब तो लगती है लेकिनअब वो क्या कर सकती है गुड्डू भी कहीं ना कहीं शबनम के साथ था तो उसके पास में भी फ्रीडम है कि वो अपने मन का कर सकती है

जिसके बाद सीन अगले दिन पे शिफ्ट हो जाता है यहां पे शबनम और गुड्डू दोनों ही डॉक्टर की बच्ची की बर्थडे पार्टी के लिए निकलने वाले थे लेकिन उससे पहले शबनम यहां अपने पति की कब्र पे आई थी जहां पे वो सबसे पहले अंगूठी खोलती है और उसके पति की दी हुई चीज को भी एक डब्बे में डाल देती है और कहती है कि इन चीजों को वहां जाके रख दीजिए जहां पे गुड्डू का कहना था कि अगर ऐसी चीजों को उतार के कब्र पर रख दिया जाता है तो इसका मतलब क्या हम उन्हें भूल जाते हैं शबनम कहती है कि आपका मतलब क्या है इसका मतलब तो हम हर समय उन्हें याद करते रहे हम इंसान नहीं है हम बस उन्हें याद कर कर के मर जाएं यही आप चाहते हैं गुड्डू हद से ज्यादा इमोशनल था कि सामानों को अगर दूर करने से कैसे इंसानों को भूला जाता तो ना जाने आज तक कितने लोग भूले जा चुके होते लेकिन खैर जो भी है इन्हें अपनी जिंदगी तो आगे बढ़ानी ही थी गुड्डू मना भी करता है शबनम को कि तुम हमारे पीछे मत रहो हमारा कोई पता टिकाना नहीं है शबनम कहती है कि हम हर चीज के लिए तैयार हैं तुम्हारे साथ में जो कुछ भी होगा हम तुम्हारे साथ-साथ ही रहेंगे जिसके बाद में गुड्डू बाहर निकलता है और शबनम के पति की कब्र के ऊपर उसका सारा सामान रख के वापस लौट जाता है

उसके बाद फिर हम रोबिन को देकते है रोबिन यहां पे पैसे गिन ही रहा था और गोलू यहां पर पाउच जाती है इस बार फिर से रॉबिन गलती से अपनी मां का कोई और ही नाम लेता है कि आखिर उसकी मां कर क्या रही थी फिर गोलू पास आती है और कहती है कि अरे अभी तो तुमने लास्ट टाइम बताया था कि तुम्हारी मां मर गई है तुमने फिर से बात चेंज कर दी तो रॉबिन डर जाता है कि अरे शिट ये मैंने उसको क्या बोल दिया फिर कहता है कि नहीं नहीं मेरी मां नहीं मरी थी मैं तो कुछ और बोल रहा था तुम्हें में कोई गलतफहमी हुई होगी यानी कि इस बार भी रॉबिन गोलू को कोई भी बात सही सही नहीं बताता है और इतनी ही देर के अंदर यहां पे छोटा त्यागी पहुंच जाता है छोटा त्यागी और गोलू जब आपस में अंदर बात कर ही रहे थे तो रॉबिन को यहां पे डाउट होता है कि इनके बीच में तो कुछ स्टार्ट हो रखा है इसी के कारण वो कहता है कि हम जरा बाहर घूम के आते हैं आप दोनों बात करिए त्यागी यहां पे फुल मूड से आया था कि वो गोलू को मना कर देगा कि वो धंधा नहीं करेगा लेकिन वापस से गोलू उससे काफी ज्यादा इमोशनल बातें करने लगती है कि हमें पता था कि आप बात संभाल लेंगे आप बहुत ज्यादा होशियार है आप सब कुछ कर सकते हैं त्यागी जो भी चीजें सोच के आया था वो तो कुछ बोल ही नहीं पाता इवन गोलू की बातों के अंदर इतना ज्यादा घूम जाता है कि वो उसे कहता है कि ठीक है ठीक है कोई दिक्कत नहीं है हम धंधा बिल्कुल चालू रखेंगे हम बंद ही नहीं करेंगे आपको सच में लगता है कि हम सारी चीजें कर सकते हैं गोलू उसके ऊपर हाथ रखती है और कहती है कि बिल्कुल हमें पूरा विश्वास है कि आप कर सकते हैं जब वापस लौटता है तो उसका मामा उसे कहता है कि हां तुम मना करके आ गए ना तो ये कहता है कि वही तो चीज नहीं हो पाई हमसे और इसी समय दद्दा त्यागी का कॉल भी आ जाता है तो वो अपने दद्दा को आंसर देता है कि हां दद्दा हमने बंगाली को पकड़ लिया है उसकी बहुत बुरी तरीके से हड्डी तोड़ दी है और इतनी बुरी तरीके ऐसे तोड़ी है कि अगली बार वो सोचेगा कि उसे धंधा करना है की नहीं

उसका मामा पीछे खड़ा सुन ही रहा था कि अभी-अभी तो उसने बोला है कि धंधा करेगा और अपने बाप को बोल रहा है कि धंधा नहीं करेगा आखिर चोरी छुपे कितने दिन तक इसका काम चलेगा फोन रखने के बाद में वो अपने मामा को कहता है चाहे कुछ भी हो दद्दा को ये बात पता नहीं चलनी चाहिए नहीं तो तुम और हम दोनों ही मर जाएंगे बेचारे लड़की के चक्कर के अंदर त्यागी खुद की ऐसी तैसी करवा चुका था इसी के साथ में सीन यहां रोबिन के ऊपर शिफ्ट होता है रॉबिन के साथ में इस वक्त डिंपी भी थी और ये दोनों ही डॉक्टर की बेटी की बर्थडे पार्टी के लिए निकल ही रहे थे डिंपी के पास में केक था और रोबिन यहां डिंपी को कहने लगता है कि तुम लखनऊ मत जाना आगे की पढ़ाई भी यहीं पे करना तो डिंपी कहती है लखनऊ में आखिर क्या है हम तो मिर्जापुर चले जाएंगे वो डिंपी से हर वक्त कोई ना कोई अपनी पर्सनल बातें शेयर करता ही जा रहा था वो डिंपी को बहुत पसंद करने लग गया था

जिसके बाद में सीन यहां डॉक्टर के घर पे शिफ्ट हो जाता है डॉक्टर की वाइफ उसकी बेटी सब तैयारी कर रहे थे बर्थडे की और इसी वक्त यहां पे उस गुंडे की एंट्री होती है जिससे कि गुड्डू नाइ की शॉप के अंदर मिलके आया था वो डॉक्टर को कहता है कि हमें पंडित जी ने भेजा है आप घंटे का कितना लेते हैं तो डॉक्टर कहता है कि गुड्डू पंडित वो तो हमारे बिल्कुल फैमिली जैसे हैं आप कहेंगे तो आपका काम हम आराम से कर देंगे तो ये गुंडा कहता है कि बस यही चीज तो कंफर्म करनी थी

सेम टाइम पे सीन शिफ्ट हो जाता है जेपी यादव कहीं ना कहीं अपने भैया का सारा काम करता जा रहा था वो कहता है कि हमने कालीन भैया के नाम पे खेत अलॉटment कर दिए हैं इसी के साथ में आपने जो जो काम बताए थे सब कुछ कर दिया यहां पे मुख्यमंत्री कहता है कि जेपी यादव तुम तो हमारे भाई हो हम गुस्से के अंदर बहुत कुछ चीजें कह जाते हैं लेकिन तुम हमें माफ कर दिया करो हमारे पास काम भी तो बहुत ज्यादा रहता है ना अब आखिर तुम्हारा दिल भी तो कितना बड़ा है जेपी यादव कहता है कि अरे कोई बात नहीं भैया आप तो हमारे बड़े भैया हैं आप कह देते हैं हम बुरा नहीं मानते ये लोग भी खुशी-खुशी यहां से निकलने ही वाले थे तो जेपी याधव कहता है कि भैया आप आगे वाली गाड़ी में बैठिए हमें थोड़ा काम है हम थोड़ी देर के अंदर निकलते हैं गाड़ियां एक के बाद एक निकलने लगती है

फिर उसके बाद हम गुड्डू शबनम के साथ यहां पहुंच गया था और डिंपी को भी कॉल करता है कि तुम लोग कितनी देर के अंदर आ रहे हो दरवाजा खुला था गुड्डू जैसे ही अंदर देखता है तो दरवाजे के ऊपर भयंकर खून था शबनम पीछे रुक जाती है गुड्डू अपनी गन निकालता है और अंदर जाता है सबको ढूंढने की कोशिश करता है और तब जाके उसे पता चलता है कि उसका सबसे खास आदमी यानी कि बेचारा डॉक्टर जिसकी कोई गलती नहीं थी वो यहां पे मारा गया है उसकी वाइफ भी मर गई है और बस बच्ची थी जो कि बाहर निकल के आती है गुड्डू उस डॉक्टर के हाथ में वही ताबीज देखता है जो कि उस गुंडे ने पहन रखा था गुड्डू को समझ में आ गया था कि आखिर डॉक्टर का काम किसने किया है

वहीं दूसरी और हम देखते है की माननीय मुख्यमंत्री जी जिस गाड़ी के अंदर बैठे थे एक बहुत बड़ा ट्रक आके उस गाड़ी को बहुत बुरी तरीके से उड़ा देता है साफ लग रहा था कि ये सारा काम जेपी यादव ने ही कराया है और वो इधर-उधर भागता है और उसके बाद में गाड़ी के पास आके जोर से चिल्लाने लगता है कि भैया ये क्या हो गया आपके साथ में ये कैसे हो गया और उसके बाद में गाड़ी को खोलने की कोशिश करता है हालांकि उसने एक्सीडेंट कराया है क्योंकि अब उसे नेक्स्ट सीएम बनना था और इसी के साथ मिर्ज़ापुर सीजन 2 एपिसोड 7 खत्म हो जाता है

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 8 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि गुड्डू और शबनम डॉक्टर के बेटी के बर्थडे मनाने के लिए उसके घर पाउच जाते है गुड्डू जैसे ही अंदर देखता है तो दरवाजे के ऊपर खून था शबनम पीछे रुक जाती है गुड्डू अपनी गन निकालता है और अंदर जाता है सबको ढूंढने की कोशिश करता है और तब जाके उसे पता चलता है कि उसका सबसे खास आदमी यानी कि डॉक्टर जिसकी कोई गलती नहीं थी वो यहां पे मारा गया है उसकी वाइफ भी मर गई है और बस बच्ची थी जो कि बाहर निकल के आती है गुड्डू उस डॉक्टर के हाथ में वही ताबीज देखता है जो कि उस गुंडे ने पहन रखा था गुड्डू को समझ में आ गया था कि आखिर डॉक्टर को किसने मारा है दूसरी और हम देखते है की मुख्यमंत्री जी जिस गाड़ी के अंदर बैठे थे एक ट्रक आके उस गाड़ी को उड़ा देता है जेपी यादव भागता है और उसके बाद में गाड़ी के पास आके जोर से चिल्लाने लगता है कि भैया ये क्या हो गया आपके साथ में ये कैसे हो गया और उसके बाद में गाड़ी को खोलने की कोशिश करता है

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 8 चौचक

इस एपिसोड की शुरुआत गुड्डू और गोलू से होती है जो कि झगड़ा कर रहे थे गुड्डू उस घर से उस डॉक्टर कि बच्ची को अपने साथ ले आया था गोलू कहती है कि आखिर तुम इसे अपने साथ क्यों लेकर आ गए जहां पे गुड्डू कहता है कि आखिर हम उस वक्त क्या करते हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था गोलू कहती है इस बच्चे को पालेगा कौन और अपने साथ कौन रखेगा गुड्डू कहता है हम रखेंगे हम बड़ी करेंगे इस बच्ची को जबकि गुड्डू को अपने खुद के बारे में पता ठिकाना नहीं था लेकिन फिर भी वो इस बच्ची को अकेला छोड़ना नहीं चाहता था


फिर उसके बाद हम एक हॉस्पिटल में जेपी यादव बैठा था इसी के साथ में मुन्ना पहुंचता है माधुरी को लेके माधुरी आती है और जेपी यादव को पूछती है चाचा जी आखिर पापा कहां है जेपी यादव कहते हैं बेटा हमें माफ कर दो लेकिन तुम्हारे पापा इस दुनिया में नहीं रहे माधुरी वहीं बहुत बुरी तरीके से टूट जाती है कि एकदम से उसके साथ में ये कैसे हो गया पीछे-पीछे कालीन भैया भी आते हैं जो कि जेपी यादव के पास में बैठ जाते हैं और शांति से पूछते हैं कि आखिर हुआ क्या था तो जेपी यादव कहते हैं कि तुम्हे अपने समधी के जाने का दुख है या फिर सीएम साहब के जाने का दुख है जहां पे कालीन भैया कहते हैं कि हमें हमारे संधी के जाने का दुख नहीं है बल्कि सीएम साहब की कुर्सी खाली हो गई इस बात का दुख है कितना भारी नुकसान होगा हम सबको इतनी ही देर में यहां से माधुरी बाहर निकलती है जो कि बहुत ज्यादा रो रही थी और कालीन भैया मुन्ना को कहते हैं जाओ इसे अपने साथ घर ले जाओ जिसके बाद हम देखते हैं कि माधुरी इस वक्त रो तो रही थी लेकिन मुन्ना यहां पे बिल्कुल भी बेकार बिहेव नहीं कर रहा था बल्कि बहुत ही अच्छी तरीके से माधुरी के पास बैठा था उसके सर पे हाथ फेर रहा था और उसे बताता है कि जिस सिचुएशन के अंदर या फिर जैसा माधुरी अभी फील कर रही है वैसा का वैसा मुन्ना ने भी फील किया था उसने भी अपनों को खोया है क्योंकि मुन्ना ने अपने आंखों के सामने अपने बेस्ट फ्रेंड्स को मरते हुए देखा है माधुरी भी मुन्ना के गले लग जाती है मुन्ना कहता है कि हम एक अच्छे हस्बैंड तो नहीं है और ना ही हम बन पाएंगे लेकिन हम कोशिश जरूर करेंगे पूरे खानदान के अंदर सिर्फ और सिर्फ एक तुम ही ऐसी हो जो कि हमें समझने की कोशिश करती हो

एक हमारे परिवार वाले जो कि हमें कभी समझे नहीं और एक तुम हो जो कि हमेशा हमें समझने की कोशिश करती हो तो हम भी आखिर तुम्हें समझने की थोड़ी कोशिश तो कर ही सकते हैं माधुरी को इस वक्त पे शायद इन्हीं शब्दों की जरूरत थी और इसी वक्त मुन्ना माधुरी का पूरा साथ देता है

उसके बाद हम मौर्य जी को देखते हैं जो कि अपने साथ में एक आदमी को घर पर लेकर आए थे मौर्या जी के पास में न्यूज़ आ चुकी थी कि इस वक्त सीएम साहब की मौत हो गई है और कोई ट्रक ड्राइवर उन्हें मार के भागा है मौर्या जी कहते हैं कि अरे बहुत ही बुरा हुआ लेकिन इस वक्त वो जिस आदमी को मार रहे थे ये वही आदमी था जिसने सीएम साहब को अपने ट्रक से उड़ाया था बाय चांस वो मौर्या के हाथ में आ गया और मौर्या उसे बहुत बुरी तरीके से मार रहा है कि हमें अच्छी तरीके से पता है कि मारा तो तुमने है लेकिन बस फटाफट से नाम उगल दो कि तुमने किसके कहने पे ऐसा किया है ऊपर से मौर्या जी की बीवी भी बैठी थी जो कि मौर्या जी को सुनाती है कि आखिर आप घर के अंदर पहले तो  इल्लीगल कैश ले आए ऊपर से आप आदमी को ले आए यहीं पे मारा कुटाई कर रहे हैं 

उधर दूसरी ओर मुन्ना और माधुरी की ट्यूनिंग बैठना शुरू हो गई थी अब कहीं ना कहीं मुन्ना माधुरी को समझने लगा था जानने लगा था उसे अपने दिल में जगह दे चुका था 

साथ में डॉक्टर की बच्ची को डिंपी के यहां लेकर आता है और अपनी मां को भी बुलाता है वसुदा जी यहां पे पहुंच तो जाती है और गुड्डू से मिलके बड़ी खुश भी होती है जहां पे गुड्डू का कहना था कि हमने आपको किसी खास काम से बुलाया है डिंपी को हमने बाहर भेजा था क्योंकि उनके सामने हम आपसे बात नहीं कर सकते ये बच्ची देख रही हैं ना आप हमें बस एक वादा करिए इस बच्ची को आप ले जाइए और संभालिए बस मत पूछिए किसकी है कौन है हमें भरोसा है कि आप इसे पाल लेंगे तीन-तीन बच्चों को आप लोगों ने पाला है फिर ये बच्ची क्या है 

उसकी मां कहती है हां पाल लेंगे लेकिन हमारी एक शर्त है तुम बस सरेंडर कर दो गुड्डू अपनी मां का हाथ छुड़ा देता है और कहता है कि मां ये बात बिल्कुल गलत है तुम इस शर्त के ऊपर इस बच्ची को लेके जाओगी ये चीज बिल्कुल ठीक नहीं है हम अगर सरेंडर कर भी देंगे तो उससे होगा क्या हमें कभी अपना इंसाफ मिलेगा और ना ही हम जो पहले गुड्डू थे वो वापस आपके पास में लौट पाएंगे तो हम जहां हैं हमें वैसे ही रहने दीजिए 

उसके बाद फिर हम डिंपी को देखते हैं जो कि  इस समय रोबिन के के साथ बैठी थी वो डिंपी बताती कि हमारे घर वाले तो हमें कुछ समझते ही नहीं है हमसे बात भी करने आए हैं मिलने भी आए हैं लेकिन हमें ही घर से बाहर निकाल दिया आखिर हमारे साथ ऐसा कब तक चलता रहेगा जहां पे रॉबिन कहता है कि फैमिली ऐसी नहीं होती है फैमिली बल्कि बनाई भी जा सकती है डिंपी को थोड़ा बहुत समझ में तो आ रहा था कि रॉबिन आखिर कहना क्या चाहता है रॉबिन इनडायरेक्टली डिंपी को कह रहा था फिर डिंपी रहती है कहीं बाहर भी तो लेके जाइए रॉबिन कहता है बिल्कुल हम तुम्हें बाहर लेके जाएंगे और साथ में हम तुम्हें अपनी मां से भी मिलवाएंगे रात होने पे ये दोनों लौट ही रहे थे घूम फिर के जहां पे रोबिन अपनी बातें बता ही रहा था और इतनी देर के अंदर दूसरी तरफ गुड्डू डॉक्टर की बेटी लिपी को सुलाने की कोशिश कर रहा था लेकिन बच्ची सो ही नहीं पाती तब शबनम उसे गोदी में लेती है और कहती है कि इसे हम सुला देंगे 

दूसरी तरफ जब डिंपी की आंख खुलती है तो पता चलता है कि वो आधे घंटे से सो ही रही थी और रॉबिन ने उसे डिस्टर्ब भी नहीं किया जैसे ही डिंपी अपनी नींद तोड़ के उठती है तो रोबिन उसे प्रपोज कर देता है कि हम आपसे बहुत प्यार करते हैं तो डिंपी कहती है कि तुम ऐसे कैसे बोल सकते हो ये भी कोई बोलने का तरीका होता है क्या तो रोबिन बताता है कि आपने ही तो कहा था कि आपको स्ट्रेट फॉरवर्ड बात पसंद है अब जब हमने कह दिया कि हम आपसे प्यार करते हैं तो फिर इसमें क्या प्रॉब्लम है डिंपी भी कहीं ना कहीं मुस्कुरा देती है वो भी रॉबिन को पसंद करती थी और कह देती है कि बस एक बार पापा से बात कर लेना उसके बाद हम सोचेंगे नहीं तो कोई और ढूंढ लेना 

फिर उसके बाद हम वसुदा जी  को देखते हैं जो कि पंडित जी के पास में आई थी और पूछती है कि आखिर आपका काम कहां तक पहुंचा कोई मिला या नहीं मिला इसी समय पंडित जी मौर्या को कॉल लगाते हैं और पूछते हैं कि आखिर उस आदमी ने कुछ बोला या नहीं बोला अब मौर्या को पता चल गया था कि ये आदमी गूंगा बहरा अनपढ़ है कुछ बोलेगा तो है नहीं लेकिन फिर भी मौर्या उस आदमी को टॉर्चर करता है सिर्फ और सिर्फ इस बात के लिए कि अगर तुझे फोटो दिखाई जाएगी कि तुझे किस आदमी ने भेजा था काम करने के लिए तो त तुझे अपना मुंह हिलाना है कोर्ट के अंदर वहां पे तू सिर्फ और सिर्फ अकेला आई विटनेस होगा और तुझे वहां पे गड़बड़ नहीं करनी है लेकिन साफ लग रहा था कि ये आदमी मौर्या की शायद हेल्प नहीं करेगा इतनी ही देर में पंडित जी का कॉल आता है जो कि मौर्या को मिलने के लिए बुलाते हैं 

फिर उसके बाद हम जेपी यादव को देखते हैं जो कि अभी-अभी एंजॉय करके बैठा ही था इसी समय इनके पुराने वाले असिस्टेंट शपथ दिलवाने के पेपर्स के ऊपर कुछ साइन कराने के लिए आते हैं जहां पे जेपी यादव पर्सनल असिस्टेंट को कहते हैं कि आपको कभी भैया ने मजे नहीं कराए क्या आप हमारे साथ रहिए आप बहुत मजे करेंगे जबकि इस पीए को बिल्कुल भी नहीं पसंद था जिस तरीके से जेपी यादव बिहेव कर रहा है वो बस फटाफट से जेपी यादव से साइन करवाता है और यहां से निकलने की सोचता है इतनी ही देर में यहां पे जरीना आती है और जरीना जेपी यादव को कहती है कि अब तो आप हमारा कुछ देखिए ना जहां पे जेपी यादव उसे बड़े ही गंदे तरीके से कहता है कि हमने तुम्हारा सब कुछ तो देख लिया है अब क्या देखेंगे साफ बात थी कि वो जरीना का कोई भी काम करने के लिए तैयार नहीं था जरीना को इस पॉलिटिक्स के अंदर उसे कोई जॉब मिलने बाली नहीं थी अब जब जेपी यादव सीएम बन चुका था तो उसे कालीन भैया से तो बदला लेना था 

दूसरी तरफ पता चलता है कि जब मौर्या और पंडित जी दोनों ही अपने सीनियर ऑफिसर से मिलने के लिए आए थे और सीनियर ऑफिसर मौर्या को बताते हैं कि हमें फुल छूट मिल गई है इन क्रिमिनल्स को पकड़ने की हमें आगे से सपोर्ट है और तुम लोगों को हमारा सपोर्ट है पकड़ो जाके जिसे भी पकड़ना है कालीन भैया और मुन्ना को चित्त कर दो इनके खिलाफ अच्छे खासे एविडेंस है सीनियर ऑफिसर पंडित जी को ये भी कहता है कि मुन्ना से कम नहीं है आपके सुपुत्र 

आपके सुपुत्र भी इतने ही बड़े क्रिमिनल है लेकिन पंडित जी के मन में तो इस चीज की शांति थी कि अगर उनका बेटा जेल में बैठ गया तो एटलीस्ट मरेगा तो नहीं जिंदा तो रहेगा जिसके बाद में सीन वापस से जेपी यादव के ऊपर शिफ्ट होता है जो कि सीएम बनने की खुशी में पागल हो रखा था और जरीना को कहता है कि आज हमें एंजॉय करने के लिए और ज्यादा लड़कियां चाहिए जरीना कहती है कि आखिर हमारे साथ क्या प्रॉब्लम है तो जेपी यादव कहता है कि नहीं हमें और ज्यादा एंजॉय करना है यहां दूसरी तरफ मौर्या और पंडित जी दोनों मिलके अपने आखिरी आई विटनेस के पास में जाते हैं जो कि उस शादी के अंदर था यानी कि वही चाचा जिसे कि मुन्ना ने बहुत भर-भर के गालियां दी थी उस चाचा की सिक्योरिटी के लिए उन्हें एक बंदूक भी दी जाती है ताकि उसे कोर्ट के अंदर पेश किया जा सके यहां जेपी यादव का एंजॉयमेंट शुरू होता है जहां पे जेपी यादव जरीना को देखते हैं कि बताओ आखिर लड़कियां कहां पर है उनके सामने वाइट साड़ी पहन के तीन लड़कियां खड़ी थी तो जेपी यादव जरीना को कहते हैं कि ये क्या किया तुमने 

तो जरीना कहती है कि हम ऐसे ही थोड़ी ना लड़कियों को अंदर ला सकते थे विधवा उद्यान का नाम लेकर इन लड़कियों को अंदर लाए हैं ताकि बाहर सबको पता चलता रहे कि सीएम साहब विधवाओं के साथ में अच्छा कर रहे हैं उनके भले के लिए काम कर रहे हैं और अंदर तो आप एंजॉय कर रहे होंगे जहां पे जेपी यादव ने खुद के पैर पे कुलाड़ी मार ली लड़कियों के साथ में एंजॉय करने के साथ-साथ उसने जरीना को फोन दे दिया कि तुम बस हमारे वीडियो बनाओ जरीना ने हर एक चीज की वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर दी थी 

दूसरी ओर गुड्डू पंडित के नाम के नारे लगा रहे थे गुड्डू पंडित ने उन्हें पैसा पावर और गंस दी थी जहां पे गुड्डू पंडित कहता है कि देखो हर चीज फ्री के अंदर नहीं मिलती आज हम अगर तुम्हें इतना कुछ दे रहे हैं तो इसके बदले तुम्हें काम करना पड़ेगा और उस वक्त तुम्हारे पास पीछे हटने का मौका नहीं होगा आज अगर तुम इतने पावर में हो इतना पैसा मिल रहा है उसके बदले तुम्हें भी काम करना ही पड़ेगा जहां पे सारे लोग तैयार थे कि गुड्डू भैया जब भी जो काम कहेंगे हम करने के लिए तैयार हैं 

उसके बाद फिर हम देखते हैं कि वीणा चेकअप कराने के लिए जाती है और वीणा के मोबाइल पर फोन आता है कालीन भैया बीना का फोन उठा लेते हैं बीना जब बाहर आती है चेकअप करा के तो उसे पता चलता है कि उसके पास किसी चाची का कॉल आया था और जैसे ही कालीन भैया बाहर जाते हैं तो पता चलता है कि वो चाची और कोई नहीं बल्कि गोलू थी तब बीना मना कर देती है कि तुम अगली बार से कॉल मत करना थोड़ा रिस्क बढ़ गया है अगली बार कुछ भी कॉल होगा तो तुम्हें हम कॉल करेंगे गोलू यहां पे बता देती है कि कैसे उसने लखनऊ के अंदर सारी तैयारियां कर ली है अब बस मिर्जापुर से हिंट आने की देर है कि जैसे मिर्जापुर के अंदर चीजें ठीक होगी वैसे ही ये सारे के सारे यानी कि गोलू गुड्डू ये सब मिलकर मिर्जापुर के ऊपर अटैक कर देंगे और बीना ने खुद ने ये सारी चीजें सेट करवाई थी गोलू गुड्डू से पूछती है कि आखिर लिप्पी कहां पर है गुड्डू बताता है कि उसे शबनम संभाल रही है इस चीज को लेकर गोलू भड़क जाती है कि आखिर शबनम है कौन जो इस बच्ची को संभाल रही है शबनम जब बच्ची के साथ में ड्राइंग कर ही रही थी तभी गोलू शबनम के पास आ जाती है और पूछने लगती है कि आखिर तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है इस बच्ची के सहारे तुम गुड्डू तक पहुंचना चाहती हो ना यही तो तुम्हारा आखिरी काम है 

शबनम कहती है कि तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है तुम क्या गुड्डू को पसंद करती हो उस समय गोलू एकदम साइलेंट हो जाती है उसके पास इस चीज का जवाब ही नहीं था कि आखिर वो ऐसा कर क्यों रही है शबनम कहती है तुम्हें इस चीज से प्रॉब्लम है कि हम उनसे प्यार करते हैं या तुम चाहती हो कि उनके आसपास कोई ना आए लेकिन गोलू के पास इनमें से किसी भी चीज का जवाब नहीं था इस चक्कर के अंदर वो लिप्पी के ऊपर भी जोर से चिल्ला देती है और उसके बाद में उसी बच्ची से आके माफी भी मांगती है 

दूसरी ओर माधुरी से मिलने के लिए उन्हीं के पर्सनल असिस्टेंट आए थे जो कि बताते हैं कि हम पिछले 7 दिन से कुछ भी नहीं बोले क्योंकि हमें लगा था कि वो आपके चाचा जीी है लेकिन अब बात सर के ऊपर से निकलती जा रही है जब से सीएम साहब मरे हैं तब से ऐसा लग ही नहीं रहा है कि जेपी यादव को बिल्कुल भी फर्क पड़ता है बल्कि वो तो सेलिब्रेशन कर रहे हैं उस दिन जब सीएम साहब की डेथ हुई थी तब पहली बार ऐसा हुआ था कि वो किसी और गाड़ी के अंदर बैठे थे नहीं तो आज तक हमेशा वो सीएम साहब के साथ ही गाड़ी के अंदर बैठते हैं हमें आपको ये सब बातें बतानी जरूरी लगी इसी के कारण हम आपके पास आ गए हैं अब आगे आपको जो भी सही लगे वो आप करिएगा यहां पे सब लोग खाना खाने के लिए बैठे हुए थे जहां पे अब माधुरी भी आके बैठ जाती है कालीन भैया पूछते कि अब तुम ठीक तो हो ना माधुरी बताती है कि हां बिल्कुल ठीक है कालीन भैया खुद माधुरी के सामने जेपी यादव की बुराई करने लगते हैं कि हमें अच्छी तरीके से पता है कि तुम्हारे चाचा कैसे हैं बल्कि तुम तो उसी फैमिली के अंदर उठी बैठी हो जहां पे माधुरी खुद कहती है कि हमारे सिर्फ एक पापा थे जो कि मर गए हैं अब तो हमारे आप ही पापा जी हैं तो आप जो भी कहेंगे हम सब कुछ सुनेंगे कालीन भैया कहते हैं कि एक नंबर का गिरगिट है तुम्हारे चाचा जी सब कुछ हड़प के बैठे हैं ऐसा लग रहा था कि वो तो बस वेट कर रहे थे सीएम साहब के जाने का माधुरी बोलती है कि बिल्कुल लेकिन गद्दी कभी खाली नहीं रहेगी पापा गए तो चाचा जी आए चाचा जी जाएंगे तभी तो गद्दी खाली होगी माधुरी भी यहां पे बड़ी स्मार्टली सारी चीजें बता देती है और साथ ही में कालीन भैया को यह भी कहती है कि हमारे पीए आए हुए हैं लखनऊ के अंदर जो भी चीजें चल रही है उन्हें एक-एक चीज की खबर है आप चाहे तो उनसे जाके बात कर सकते हैं 

फिर उसके बाद जेपी यादव आम जनता के दरबार में जाते हैं तभी यहां पे एक लड़की आती है जिसके साथ में शोषण हुआ था जेपी यादव की बुरी तरीके से फटी हुई थी आखिर ये लड़की जिसके साथ में वो कल एंजॉय कर रहा था वो लड़की यहां पे फिजिकल अबब्यूज की कंप्लेन क्यों लिखाने आई है और आखिरकार ये लड़की अपना मुंह खोल देती है और कहती है कि हम तो एक विधवा हैं इतने सालों से हम यहां पे आया करते थे हमारी बहुत मदद होती थी लेकिन इस बार इस आदमी ने हमारे

साथ बहुत बुरा किया हमारे साथ में फिजिकल हुए हमारे साथ में बहुत बुरा हो रहा है जेपी यादव बिल्कुल पागल हो जाता है और कहता है तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं है आखिर तुम इतना बड़ा इल्जाम कैसे लगा सकती हो देखते ही देखते तीन और लड़कियां खड़ी हो जाती है कि हां जेपी यादव ने हमारे साथ में भी यही किया जेपी यादव खुद को सही करने के लिए जरीना के ऊपर उंगली उठा देता है कि इस लड़की से पूछिए कि आखिर इतने सालों से हमारे साथ में है 

कल तो हम योगा शिविर के अंदर थे हम आखिर कैसे से किसी के साथ क्या करेंगे जहां पे जरीना अब यहां पे अपना पत्ता फेंकती है और सबके सामने कहती है कि सीएम साहब झूठ बोल रहे हैं ये कल किसी योगा शिविर के अंदर नहीं थे इन लड़कियों के साथ क्या हमारे खुद के साथ में शोषण हो रहा है हम इतने सालों से इनसे तंग हैं और पता नहीं ये क्या-क्या हरकतें करते हैं हमारे पास एक-एक चीज का सबूत है फोटोज वीडियोस है अगर आप लोग देखेंगे तो आप तो देख भी नहीं पाएंगे यानी कि यहां पे एक बहुत बड़ा गेम रचा गया और सीएम साहब की बहुत बड़ी इंसल्ट कर दी गई नेक्स्ट टाइम इंटरव्यू आता है जहां पे माधुरी इंटरव्यू देती है और माधुरी के साथ में कालीन भैया अभी बैठे थे सीएम की छवि को खराब करने के लिए जेपी यादव की तरफ से ये लोग पूरी जनता से माफी मांगते हैं और सीएम साहब की कुर्सी सिर्फ एक आदमी से मिलके नहीं बनती है बल्कि पूरी की पूरी जनता से मिलके बनती है सीएम साहब की इस गलती के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है जैसे इस्तीफे का नाम आता है तो मौर्य जी और पंडित जी के होश उड़ जाते हैं क्योंकि जेपी यादव ही था जिसने कहा था कि हम आपको फ्री हैंड दे रहे हैं आप क्रिमिनल्स को पकड़िए यह बात गुड्डू पंडित को भी पता चलती है कि जेपी यादव हट गया है जेपी यादव का अगर हाथ हटा तो ये लोग किसी भी तरीके का क्राइम कर ही नहीं सकते यानी कि मिर्जापुर जाने में काफी सारी प्रॉब्लम्स आ सकती है और यहीं पर मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 8 खत्म हो जाता है 

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 9 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था कि जेपी यादव आम जनता के दरबार में जाते हैं तभी यहां पे एक लड़की आती है जिसके साथ में शोषण हुआ था जेपी यादव की बुरी तरीके से फटी हुई थी आखिर ये लड़की जिसके साथ में वो कल एंजॉय कर रहा था वो लड़की यहां पे फिजिकल अबब्यूज की कंप्लेन क्यों लिखाने आई है और उसके बाद वह लड़की सब कुछ बताना शुरू करती है हम तो एक विधवा हैं इतने सालों से हम यहां पे आया करते थे हमारी बहुत मदद होती थी लेकिन इस बार इस आदमी ने हमारे साथ बहुत बुरा किया हमारे साथ में फिजिकल हुए  जेपी यादव कहता है

कल तो हम योगा शिविर के अंदर थे हम कैसे किसी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करेंगे उसके बाद जरीना अपना पत्ता फेंकती है और सबके सामने कहती है कि सीएम साहब झूठ बोल रहे हैं ये कल किसी योगा शिविर के अंदर नहीं थे इन लड़कियों के साथ क्या हमारे खुद के साथ में शोषण हुआ है  हमारे पास फोटोज वीडियोस है और आप लोग उसे सबूत को देख नहीं पाएंगे 

इस तरह से उत्तर प्रदेश की सरकार को गिरा दिया गया  था एक बहुत ही सोची समझी साजिश के  तहत जेपी यादव का पत्ता काट दिया गया था और इस प्लानिंग की मास्टरमाइंड माधुरी थी इसके बाद सीएम साहब की इस गलती के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है और इस इस्तीफे की खबर मौर्य जी और पंडित जी के होश उड़ा देती है क्योंकि जेपी यादव ने ही क्रिमिनल्स को पकड़ने के लिए फ्री हैंड का आर्डर दिया था और यह बात गुड्डू पंडित को भी पता चलती है कि जेपी यादव हट गया है जेपी यादव का अगर हाथ हटा तो ये लोग किसी भी तरीके का क्राइम कर ही नहीं सकते यानी कि मिर्जापुर जाने में काफी सारी प्रॉब्लम्स आ सकती थी

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 9 BUTTERSCOTCH

इस एपिसोड की शुरुआत अस्पताल से होती है जहां पर वीणा ने एक लड़के को जन्म दिया है सारे लोग घर पहुंच गए थे  बाबूजी सबसे ज्यादा खुश थे क्योंकि उन्हें यही बताया गया था कि यह उनका बेटा है कालीन भैया मकबूल और मुन्ना भी पहुंच गए थे सब एक-एक करके बच्चे को हाथ में लेते हैं लेकिन सब ये जान नहीं पा रहे थे कि आखिर बच्चे की शक्ल गई किस पे है बायोलॉजिकल फादर तो उसका राजा था और कालीन भैया से उसकी शक्ल नहीं मिल रही थी कालीन भैया मुन्ना को भी कहते हैं कि ये देखो तुम्हारे नए कंपटीशन आ गए हैं अब तो तुम्हें संभल के रहना पड़ेगा जिसके बाद में मुन्ना बिना गलत इंटेंशन के  बच्चे को गोद में लेने के लिए कहता है लेकिन बीना इस चक्कर में बहुत बुरी तरीके से डर जाती है और मुन्ना से बच्चे को वापस ले लेती है कि नहीं नहीं आपको भी एक्सपीरियंस नहीं है 

उसके बाद मुन्ना उसे चाचा के यहां जाता है चाचा अपने घर का दरवाजा बंद कर देते हैं और मुन्ना कहता है कि बोलो तुम्हें जो भी कहना है और इस बार चचा चुप बिल्कुल नहीं रहते क्योंकि उन्हें पता था कि उन्हें मरना तो है ही तो इससे अच्छा गाली बक के मरता हूं इसी के कारण जो गाली मुन्ना ने चाचा को दी थी वही गाली चाचा मुन्ना को उसके बाप को उसके दादा को उसके नाना को भी देता है और उस चक्कर में मुन्ना बहुत भड़क जाता है और कहता है कि हमारे नाना को कुछ मत बोलना हमारे नाना बहुत बढ़िया आदमी थे हमारी मां भी बहुत बढ़िया थी और उसके बाद मुन्ना आखिरी आय विटनेस यानी कि  चाचा को भी मार डालता है इसी के साथ में एक बहुत बड़ी चीज रिवील होती है कि जेपी यादव की सरकार गिराने के लिए जरीना को खुद कालीन भैया ने कहा था कहीं ना कहीं जरीना भी चाहती थी कि जेपी यादव ने उसका बहुत फायदा उठाया है और अब तक भी उसे खुद का कोई प्रॉफिट नहीं हो रहा है इसी के कारण उसने कालीन भैया से हाथ मिला लिया और इस उसे इस बात के लिए पार्टी के अंदर उसे खुद की एक पोजीशन चाहिए थी 

यहां मौर्या जी को पता चल गया था कि आखिरी आए विटनेस यानी कि चाचा मर गए हैं तो अब उनके पास जो एक आखिरी  मौका वो यही आदमी था जो कि गूंगा बहरा था अगर एक बार वो शरद की पिक्चर के ऊपर सर हिला देता है कि इसी ने ही सीएम साहब को मरवाया है तो शायद आगे के भी रास्ते अपने आप खुल जाएंगे मौर्या उसे समझाने डराने के लिए आता है हर मुमकिन कोशिश करता है कि यह आदमी बस बात मान जाए और कोर्ट के अंदर बिल्कुल सही सही तरीके से इशारे करें लेकिन इस आदमी को पता था कि वैसे भी अब इसका जीवन जेलों के अंदर कटने वाला है वह इस बात को जानता था अगर गलती से वो शरत का नाम भी ले  लगा तो शरद उसे ऐसे भी जिंदा नहीं छोड़ेगा 

जिसके बाद सीन या बीना के ऊपर शिफ्ट होता है वो बच्चे के साथ में खेल रही थी कालीन भैया भी यहीं थे उनके जाने के बाद यहां राजा आता है और बीना राजा को बहुत सीरियस बात समझाती है कि देखो मुन्ना भैया जो है वो बिल्कुल पागल हो रखे हैं वो खुद की गद्दी पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और छोटा भैया यानी कि था तो वो राजा का ही बेटा लेकिन वो उसे छोटा भैया कहती थी कि छोटे भैया की तुम्हें ही पूरी तरीके से देखरेख करनी है राजा समझ गया था कि आखिर उसे करना क्या है जहां पे वो बीना को बोल देता है कि अगर हमें जान लेनी पड़े चाहे जान देनी पड़े लेकिन हम छोटे भैया को कुछ भी नहीं होने देंगे 

जिसके बाद में सीन पार्टी ऑफिस के अंदर शिफ्ट होता है यहां पे आज के दिन में किसी  नए नाम को सेलेक्ट करना था सीएम साहब के जाने के साथ में कालीन भैया और सारे के सारे पार्टी वाले लोग बैठे थे माधुरी सबसे पहले सिंपैथी गेन करना शुरू करती है सारे लोगों के सामने जेपी यादव से रिलेटेड कालीन भैया तो बड़े मनही मन खुश हो रहे थे कि चलो फाइनली ना चाहते हुए भी वो सीएम बन गए क्योंकि उनका तो कोई एम ही नहीं था सीएम बनने का फिर भी अब बहू ऐसी आई है कि उन्हें सीएम बना देगी तो वो बहुत खुश थे जहां पे माधुरी कहती है पापा जी आशीर्वाद दीजिए हम कुछ नाम लेने वाले हैं आप बस सहमती दिखाइएगा मना मत करिएगा कालीन भैया कहते हैं हां हां बेटा जरूर करो क्योंकि कालीन भैया तो सोच रहे थे कि माधुरी उनका नाम लेगी और तभी माधुरी यहां पे खुद का पत्ता फेकती है और खुद का नाम यहां पे बता देती है कि वो सीएम बनने के लिए खुद यानी कि सीएम साहब की बेटी माधुरी  सिलेक्ट होना चाहती है 

जिसके बाद कालीन भैया की पूरी तरीके से होश उड़ जाते हैं कि ये तो उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि माधुरी इतनी चालाक निकलेगी जिसके बाद में सारे पार्टी के मेंबर माधुरी को लेके एकदम शोर थे कि माधुरी हमेशा से इसी माहौल में रही है और वो इस राज्य को अच्छी तरीके से चला लेगी इसी के कारण माधुरी के लिए सारे पार्टी के मेंबर सपोर्ट करते हैं 

दूसरी तरफ छोटे त्यागी और गोलू के बीच बहुत कुछ हो जाता है गोलू अपना अकेलापन दूर करती है और छोटे त्यागी अपनी थकान उसके बाद गोलू  त्यागी को कहती है कि इस कमरे की बातें इस कमरे के अंदर ही रहेगी जब दूसरी बार बुलाएंगे तब दूसरी बार आ जाइएगा रात होने पे गोलू जब लाला की हवेली के अंदर पहुंच जाती है तो लाला कमरे के बाहर ही बैठे थे और गोलू को बिठा के कहते हैं कि हमें पता है कि गुड्डू और तुम में से तुम ज्यादा समझदार हो शबनम के इतने भी नजदीक मत जाओ कि उसका दिल टूट जाए तुम्हें भी पता है कि आगे  जाकर सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही होगा गुड्डू बात नहीं मान रहा है और शबनम को भी हम नहीं समझा सकते हैं तुम समझदार हो और तुम प्लीज इस बात को समझो और गुड्डू को जाके समझाओ इस समय गोलू गुस्से  मैं थी और कहीं ना कहीं वो लाला से भी बदतमीजी से बात करती है कि हम क्या समझाएं उनको दोनों आपस  मैं  समझते रहेंगे हम  इसमें कुछ नहीं कर सकते लेकिन उसे भी पता था कि अगर गुड्डू अपने रास्ते से भटक गया तो शायद ये अपना रिवेंज कभी ले नहीं शक्ति है इसी के कारण वो गुड्डू के पास आती है और उसे समझाती है कि आखिर आप लड़की के कारण क्यों कमजोर पड़ रहे हैं आप ऐसा नहीं कर सकते हैं आपको मजबूत रहना है आपको हमारा बदला याद रखना है तो गुड्डू भी कहता है कि गोलू हम इंसान हैं वो हमारी कमजोरी नहीं है 

परिवार तो हमारा पहले भी था तो क्या उन्होंने हमें कमजोर किया नहीं बल्कि वो तो हमारी ताकत थे अब ये भी हमारी नई फैमिली बनने वाली है तो क्या ये हमारी ताकत नहीं बन सकती और रही बात बदले की तो जिस दिन भी हमें मौका मिलेगा हम एक मूमेंट के लिए भी अपना बदला नहीं भूलेंगे बल्कि हमें जो चूज करना होगा हम वही चूज करेंगे यहां दूसरी तरफ मुन्ना ने सारे कबूतरों की मीटिंग बुलाई थी जहां पे गन से रिलेटेड कुछ बातचीत चल रही थी कहीं ना कहीं अब ये लोग भी मुन्ना को बहुत कैजुअल लेने लगे थे क्योंकि मुन्ना ने एक बार फिर से ईमानदारी की बात कर ली थी जहां पे ये लोग बार-बार बोल रहे थे कि क्या आप ईमानदारी के बारे में बात कर रहे हैं हम ईमानदार हैं तभी तो आप लोगों के सामने खड़े हैं यहां पे खुद मुन्ना का भी मुंह बंद हो जाता है और सामने वाला एक कबूतर यह भी कहता है कि ईमानदारी की बात आप ना ही करिए तो ही ठीक है लेकिन मुन्ना कहता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है हमने गद्दार को सजा भी दी है मकबूल का भांजा जो था उसे मार दिया गया है तभी एक कबूतर पीछे से खांसने लगता है यानी कि यहां पे कुछ ना कुछ तो गड़बड़ थी जब यहां पे सारे कबूतर चले जाते हैं 

 उसके बाद हम मौर्य जी को देखते हैं जो कहते हैं हमें कोई पावर चाहिए हम गुड्डू पंडित को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते अगर हमने उसे पकड़ के जेल में डाल दिया तो कुछ दिनों के बाद में वो बेल लेके निकल जाएगा और फिर से यही सारा काम शुरू हो जाएगा हम चाहते हैं उसका डायरेक्ट एनकाउंटर करना अगर एक बार गुड्डू पंडित मारा गया उसके बाद में हम मुन्ना को भी पकड़ लेंगे और कालीन भैया को भी पकड़ लेंगे एक ही बार में यूपी साफ कर देंगे ऑफिसर कहता है कि देख लीजिए मौर्या जी आपको जैसा ठीक लगे आप वैसा करिए लेकिन बस थोड़ा संभल के करिएगा इसी के साथ 

उसके बाद फिर हम वीणा त्रिपाठी को देखते हैं उसकी काम करने वाली काम कर रही थी लेकिन बहुत ज्यादा गुस्से के अंदर थी बीना के पूछने पे पता चलता है कि इस काम वाली का फायदा उठाया है बाबूजी ने पहले तो मुन्ना भैया उसे फिजिकली  एब्यूज करते थे और अब तो  बाबूजी ने भी उसके साथ बहुत बुरा किया साले  त्रिपाठियों के खानदान में सारे के सारे मर्द म****** हैं 

फिर उसके बाद हम बाबर को देखते हैं जो कि खुद की नानी के पास में यानी कि मकबूल की मां के पास में चुपचाप चोरी छुपे मिलने के लिए आया करता था आज ईद का दिन था और वो उन्हें बिरयानी खिलाने के लिए आया था लेकिन वो दिन सच में इतना ज्यादा बुरा था क्योंकि बाबर को मारने के लिए पहले से ही यहां पे मुन्ना पहुंच गया था वो पहले बाबर को कहता है कि देखो तुमने गद्दारी तो बहुत बड़ी करी है और अब तुम्हें उसकी सजा तो जरूर मिलेगी वो कहता है बाबर अपनी नानी को खिलाओ रुक क्यों रहे हो वैसे भी ये तुम्हारी आखिरी ईद है जिसके बाद तो इनके बीच में फाइट शुरू हो जाती है यहां पे मुन्ना  भैया हाथ को छुड़ाने के चक्कर में मकबूल की मां को ही गोलियां ठोक देता है बेचारी वो बेमतलब  मैं मारी गई बाबर यह देखकर बहुत ज्यादा गुस्से में था और वो भी वहां पे फायरिंग करना स्टार्ट करता है लेकिन मुन्ना से वो नहीं बच पाता है 

मुन्ना बाबर की डायरी  में लिखता है कि गद्दारी अच्छी चीज नहीं है जो कि तुमने अच्छी तरीके से नहीं निभाई है और इसी चीज का तुम्हें अंजाम मिला है मकबूल घर आके वो डायरी पढ़ता है उसे वहां पे खुद की मां मरी हुई मिलती है बाबर मरा हुआ मिलता है और उसे यह भी पता था कि यह काम खुद मुन्ना ने किया है जहां पे अब मकबूल अपनी मां और बाबर का फ्यूनरल कर रहा था  वहां पर कालीन भैया और  बाबूजी भी पहुंच गए थे जैसे उन्हें पता चला मकबूल यहां पे हद से ज्यादा गुस्से में था  बाबूजी और कालीन भैया दोनों खुद के बेटे की गलती को छुपाने के लिए ये इल्जाम खुद के ऊपर ले लेते हैं कि इन दोनों ने मिलके मुन्ना को भेजा था क्योंकि मकबूल ने गद्दारी करी बाबर को नहीं मार के तो मकबूल कहता है कि ठीक है हमने गद्दारी करी तो आखिर इसके अंदर हमारी मां का क्या दोष था तब  बाबूजी फिर से बात को संभालते हैं और कहते हैं कि आज देखिए हमारी हालत ऐसी क्यों है तुम्हारी मां को बचाने के चक्कर में आज हम कुर्सी पर बैठे हैं जब हमने तुम्हारी मां को जिंदगी दी है तो आज त्रिपाठियों की दी हुई जिंदगी तुम्हारी मां से वापस ले ली गई है कालीन भैया उसके पास बैठ जाता है 

हालांकि मकबूल उससे डरता तो बिल्कुल नहीं था लेकिन फिर भी वो कालीन भैया बोलते हैं कि हम समझ सकते हैं मकबूल कहता है कि आप नहीं समझ सकते वो हमारी मां थी हमारे सर से साया उठ गया यहां से जब कालीन भैया और बाबूजी जा रहे थे तो आपस मैं  बात करते हैं कि मुन्ना ने ये बहुत ज्यादा गलत किया है उसे एक बार सोचना समझना जरूर चाहिए था अगर वो बाबर मरता तब तक ठीक था लेकिन मकबूल की मां को मार के उसने बहुत बड़ा पंगा ले लिया है लेकिन कालीन भैया को पता था कि आखिर मकबूल को रोकने के क्या तरीके हैं रात भर मकबूल अपनी मां और बाबर के कब्र के पास ही बैठा था और अगली सुबह होते ही मकबूल अपना बदला लेने के लिए  त्रिपाठियों की कोठी तक पहुंच जाता है गाड़ी से बाहर निकलता है और उसके हाथ में गन थी और इसी सस्पेंस के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 9 खत्म हो जाता है 

फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपको कई सारे मूवी क्या रिव्यू करके बताया है और उसमें से हमने आपके लिए एक और वेब सीरीज को चुना है जिसमें आप यह जान पाएंगे की दिल्ली में आधी रात को एक चलती बस में एक लड़की के साथ 6 लोग मिलकर उसका रेप कर देते हैं और उसे नंगी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़ देते हैं उसके बाद इस कहानी में क्या-क्या हुआ वह आपको हमारे उसे वीडियो में पता चलेगा तो वेब सीरीज का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में मिल जाएगा आप जरूर वॉच करें तो फ्रेंड्स मिलते हैं मिर्जापुर सीजन 2 के एपिसोड 10 में तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2020 में आई हुई ACTION CRIME और DRAMA WEB SERIES Mirzapur Season 2 के बारे में

भाई साहब एक समय था जब दो भाई इंडियन सिनेमा और वेब सीरीज में प्रतियोगिता चल रही थी और वहीं पर सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए यह वेब सीरीज सीधा मैं हूं नंबर वन की कुर्सी पर अपना दावा ठोक देता है

अब होगा बदले की लड़ाई जहां छोटे भाई बबलू गुड्डू की पत्नी स्वीटी और उसके पेट में मौजूद जूनियर गुड्डू भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं दूसरी तरफ त्रिपाठी खानदान के चिराग मुन्ना भैया सुरक्षित है और मिर्जापुर की कुर्सी पर बैठने के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए गुड्डू पंडित को आधा अधूरा मार पाए हैं अब मुन्ना भैया मिर्जापुर को अपनी उंगलियों पर नाचने की ट्यूशन लेने वाले हैं तो जुड़े रहें हमारे साथ मिर्जापुर वेब सीरीज की स्टोरी में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार और इस जंग में कौन-कौन से मोहरे आने वाले

पिछले एपिसोड में हमने देखा था मुन्ना भैया मकबूल के घर में जाकर मकबूल की मां और बाबर दोनों को मार देता है और मकबूल की डायरी में लिखकर आता है गद्दारी की सजा यही होती है कालीन भैया और बाबूजी आपस में बात कर रहे थे की मुन्ना ने ये बहुत ज्यादा गलत किया है उसे एक बार सोचना समझना चाहिए था अगर वो बाबर मरता तब तक ठीक था लेकिन मकबूल की मां को मार के उसने बहुत बड़ा पंगा ले लिया है अगली सुबह होते ही मकबूल अपना बदला लेने के लिए त्रिपाठियों की कोठी तक पहुंच जाता है और उसके हाथ में गन थी 

आज मिर्जापुर सीजन 2 का end होने वाला है अगर आपने इस बेहतरीन वेब सीरीज को अभी तक शुरू से नहीं देखा है तो मैंने लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में दे दिया है आप जरूर वॉच करें उसके बाद आप इस वेब सीरीज के दीवाने हो जाएंगे यह आखिरी एपिसोड लंबा होने वाला है तो कृपया अपनी सीट की पेटी को बंद लीजिए क्योंकि किंग ऑफ मिर्जापुर वहीं बनेगा जो जिंदा रहेगा 

मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 10 KING OF MIRZAPUR

इस एपिसोड की शुरुआत बिहार के बलिया से होती है जहां पे हम सबसे बड़े सीनियर त्यागी को देखते हैं जहां पे उनके साले साहब उनके लिए मिठाई का डब्बा और इसी के साथ में एक कार्ड लेकर आए थे जहां पे साले साहब बताते हैं इन्होंने अभी-अभी एक इनॉग्रेशन किया है ड्राइविंग स्कूल का जहां पे इन्होंने आठ गाड़ियां डाली है तो आखिर नया सेटअप और नई गाड़ियां ये सब कुछ एकदम से चाचा जी के पास में कैसे आ गया सबसे बड़े त्यागी जब अपने साले साहब से ये क्वेश्चन पूछते हैं तो साले साहब इस बात को मजाक के अंदर उड़ा देते हैं 

पीछे ही छोटा त्यागी खड़ा था जो कि डर जाता है कि ये क्या किया मामा ने आज तो हम लोग पकड़े ही जाते यहां पे त्यागी अपने बड़े बेटे से बात करता है और कहता है कि जरा पता लगाओ कि आखिर इसके पास में इतना पैसा आया कहां से और अगर इसने पैसा उठाया भी है तो इसे पैसा दिया किसने कौन से चोर बाजार वाला इसे इतना पैसा दे रहा है बड़ा त्यागी भी समझ गया था कि उसे कौन सा काम करना है छोटा त्यागी यहां पे अपने मामा को उठा के साइड में लेके जाता है और कहता है कि आपने एक झूठ को छुपाने के लिए 100 झूठ क्यों बोले और सबसे पहले तो आपने बताया ही क्यों क्या आपके पेट में  बात टिक नहीं सकती थी क्या तो मामा बोलते हैं कि अगर मैं नहीं बताता तो यह बात मार्केट के अंदर हमारे बताने से पहले ही भैया जी तक पहुंच जाती तब वो हमारी और ज्यादा  बैंड बजाते तब छोटा त्यागी कहता है कि आपने बहुत बड़ी गड़बड़ कर दी है वो जरूर पता लगाएंगे कि पैसा कहां से आया है संभाल कर रहना 

 उसके बाद हम त्रिपाठी कोठी को देखते हैं बाबूजी सुबह की चाय की चुस्कियां ले ही रहे थे और तभी यहां पे मकबूल आ जाता है फायरिंग करते हुए  बाबूजी के पास में गन रखी थी लेकिन गन उठाने से पहले उनका हाथ जख्मी कर दिया गया था बीना ऊपर से देखती है और पहले तो छुप जाती है डर के मारे कि अब आखिर वो क्या करेगी लेकिन जब उसे पता चलता है कि मकबूल खुद ही  बाबूजी को मारने के लिए आया है तो बीना नीचे उतरती है और मकबूल को मना करती है और कहती है कि मकबूल तुम इन्हें नहीं मारोगे ये हमारे बाबूजी है तो  बाबूजी बड़े खुश हो जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बहू या फिर कह सकते हैं कि उनकी बीवी उनके लिए खड़ी हो गई है बीना ने मेरी जान बचा ली तब बीना मकबूल को कहती है कि मकबूल तुम बैठ जाओ इन्हें तुम नहीं बल्कि हम मारेंगे इन्होंने हमारी जिंदगी खराब कर दी थी 

पता नहीं क्या से क्या बना दिया हमें  बाबूजी तो अपने दोनों हाथ अपने सर पे रख के बैठ जाते हैं कि आज तो इनका गेम बजाने वाला है वीणा आगे बढ़ती है जिसके बाद में  बाबूजी कहते हैं कि मकबूल अगर हमें मरना है तो हम तुम्हारे हाथ से ही मरेंगे हम किसी औरत जात के हाथ से कभी नहीं मरेंगे लेकिन ये बात सुनते ही तो मकबूल जाके सोफे पे बैठ जाता है ताकि वो बाबूजी से असली वाला बदला ले सके कि जैसा जैसा वो कह रहे हैं  वीणा आगे बढ़ती है उसके हाथ में गन भी थी बाबूजी अपनी गन उठाने के लिए जमीन पे गिर जाते हैं तो बीना उनकी कुर्सी भी गिरा देती है तभी पीछे से अंदर वो काम करने वाली  आती है और वो बीना को एक बहुत बड़ा चाकू लाके देती है और कहती है कि इससे काटिए धीरे-धीरे करके दम निकलेगा यानी कि ये लड़की भी इतना ज्यादा दुखी थी इस बाबूजी से आज सब  बाबूजी के खून के प्यासे हो गए वीणा आगे बढ़ती ही जा रही थी और आखिरकार वह अपना बदला ले ही लेती है वो सबके सामने बताती है कि कैसे बाबूजी ने उसका गलत इस्तेमाल किया उसे अपने साथ सोने के लिए बुलाते थे जबकि ये सब चीजें वो डिजर्व नहीं करती थी और फाइनली यहां पे सबसे बड़े त्रिपाठी का पत्ता काट दिया जाता है 

उसके बाद हम रॉबिन को देखते हैं रोबिन के पास त्यागी मिलने के लिए आया था और रॉबिन समझता है कि ये जूनियर त्यागी है इसी के कारण पैसे वैसे लेने आया होगा क्योंकि हमेशा छोटा त्यागी ही यहां पे पैसे लेने के लिए आया करता था लेकिन इस वक्त अपने छोटे भाई का पता लगाने के लिए बड़ा भाई आया था रॉबिन अंदर जाता है पैसे का बैग लाता है और कहता है कि अरे भैया आप कह दिए होते तो हम आपको पैसे पहुंचा देते और साथ ही में वो गोलू का भी नाम ले लेता है कि आपकी बात कैसी चल रही है और मैडम से सब कुछ बढ़िया चल रहा है काम वगैरह सब बढ़िया चल रहा है 

इतने में ही बड़ा त्यागी सब कुछ समझ जाता है कि छोटा गोलू के साथ ही मिलके अफीम का बिजनेस कर रहा है और अब तक ये बात किसी को पता तक नहीं चली जिसके बाद में गोलू और छोटी त्यागी के ऊपर ही शिफ्ट होता है इस बार भी ये दोनों साथ में ही सोए थे जहां पे छोटे त्यागी को तो गोलू बहुत पसंद आने लग गई थी वो उसे प्यार करने लगा था साथ ही में वो गोलू को बताता भी है कि तुम्हें लाला से थोड़ा बच के रहना पड़ेगा वो यहां पे अपना पेट भरने के लिए कुछ भी कर सकता है इनडायरेक्टली गोलू को वह समझता है कि लाला उससे डील करने के लिए आया था 

इतनी ही देर के अंदर गोलू के मोबाइल पर गुड्डू का फोन आता है वो उससे पूछता है कि बाबर को मना किया गया था कि अभी कुछ महीनों तक वो अपने घर ना जाए लेकिन इस बार भी ईद पे वो अपने घर चला गया और वहां पे पहले से ही मुन्ना बैठा था निपटा दिया उसने बाबर को तब यहां पे गोलू भी गुड्डू को इफॉर्म करती है कि लाला से थोड़ा बच के रहना अभी-अभी उसने हमें साइड कट मारने की कोशिश करी है त्यागी से डील सेट करने के लिए आए थे वो कि आज से हमारा कट हटा के ये दोनों एक लाइन में बिजनेस करेंगे गुड्डू भड़क जाता है और कहता है कि ठीक है हम अभी जाके लाला से बात करते हैं गुड्डू जाता है लाला के पास में और पूछने लगता है कि आखिर आपको चाहिए क्या हम आपको धंधा लाके दे रहे हैं तो आखिर आपको प्रॉब्लम किस चीज की है जहां पे धंधे से लेते लेते बात यहां पे सीधे रिलेशनशिप तक पहुंच ही जाती है घूम फिर के बात लाला इस बात पे पहुंच जाता है कि उसे गुड्डू पे बिल्कुल भी भरोसा नहीं है कहीं ना कहीं उसकी बेटी अगर गुड्डू के साथ में रहेगी तो वो बहुत ज्यादा दुखी रहेगी जहां पे गुड्डू का कहना था ऐसे तो आप अपनी बेटी को कहीं बाहर ही नहीं निकालेंगे हमेशा घर के अंदर बिठा के रखेंगे 

तो क्या आखिर शबनम भी यही चाहती है कि उसे हमारे साथ नहीं रहना जाके पहले पूछिए एक बार उससे कि आखिर वो चाहती क्या है और हमारे अंदर किसी भी तरीके की कमी नहीं है हम सब कुछ कर सकते हैं हमें कालीन भैया से बदला लेना है वो तो हम लेके रहेंगे इसी बात से तो लाला डरता है गुड्डू के सर पे कालीन भैया से बदला लेने का खून सवार है तो व कभी भी अपना परिवार नहीं बना सकता क्योंकि अगर वो कालीन भैया के पास में झगड़ा करने गया तो पक्का किसी ना किसी का खून तो होना ही है इस चक्कर के अंदर लाला अपनी बेटी को क्यों फंसाए 

उसके बाद फिर से हम त्रिपाठी कोठी को देखते हैं  जहां बहुत दूर किसी खुले मैदान मैं बाबूजी का अंतिम संस्कार किया जा रहा था इस वक्त तक यहां पे कालीन भैया और  वीणा पहुंच चुके थे देखते ही देखते अब मुन्ना और इसी के साथ में उसकी वाइफ यानी कि सीएम बनी हुई माधुरी भी यहां पे पहुंच गई थी यहां एक तरफ तो चिता को जलाया जा रहा था वहीं दूसरी तरफ मुन्ना भड़क जाता है कि मकबूल ने बिल्कुल भी अच्छा नहीं किया लेकिन कालीन भैया कहते हैं कि ये सब कुछ मकबूल ने नहीं बल्कि तुमने किया है आज तुम्हारे चक्कर  मैं हमने अपने पिताजी का अच्छी तरीके अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए 

पूरे पूर्वांचल के अंदर त्रिपाठियों को इतना ज्यादा माना जाता है लेकिन इस तरीके से इनकी मौत की गई है कि किसी को बताने लायक नहीं रहे अगर तुम उस दिन मकबूल की मां को नहीं मारते तो इतना कुछ होता भी नहीं इतना कुछ सुनने के बाद में तो मुन्ना कहां चुप रह पाता जिसके बाद वो भी कंटीन्यूअसली बोलना शुरू करता है कि सारी गलती हमारी नहीं है बल्कि मकबूल ने कौन सा अच्छा किया वो ईमानदारी कर भी नहीं रहा था और अब तो हमें हमारा मिर्जापुर चाहिए ही चाहिए जहां पे कालीन भैया कहते हैं कि अभी तो  बाबूजी की आग ठंडी तक भी नहीं हुई है और तुम मिर्जापुर के ऊपर लड़ने के लिए आ गए निकल जाओ यहां से अभी के अभी और वैसे भी तो अब तुम्हारी बीवी भी तो सीएम बन चुकी है तुम्हें आखिर मिर्जापुर की जरूरत ही क्या है जहां पे माधुरी मुन्ना को समझाने लगती है कि अभी आप यहां से चलिए अभी हमें यहां पे नहीं खड़ा होना चाहिए लेकिन मुन्ना भड़क जाता है और खुद के बाप को कहता है कि मिर्जापुर सिर्फ आपका नहीं है मुन्ना यहां पे माधुरी को भी कहता है कि जिस चक्कर मैं कई साल हम मिर्जापुर के इंतजार में बैठे थे आज तुम्हारे पति बनने के कारण हम उस सपने को भूल नहीं सकते हैं आज तुम पावर के अंदर हो कल तुम पावर के अंदर नहीं रहोगी फिर क्या होगा हम क्या हमेशा तुम्हारे नाम से जाने जाएंगे हमें मिर्जापुर चाहिए और वो तो हम लेके ही रहेंगे 

इसी चक्कर में मुन्ना की झड़प हो जाती है इसी के कारण सीएम यानी कि माधुरी तो यहां से चली जाती है और बीना भी इस समय कालीन  भैया को शांत करती  है कि अभी चुप हो जाइए अभी मत लरिये सब अपना-अपना दिमाग शांत करिए लेकिन बीना को मुन्ना का इंटेंशन साफ लग रहा था कि अगर वो मिर्जापुर का राजा बनना चाहता है तो उसे अपने आसपास कोई कंपीटीटर नहीं चाहिए था बीना के दिमाग में सिर्फ एक ही चीज थी कि उसे बस अपने बच्चे को बचाना है ताकि आगे जाकर वो इस गद्दी पर बैठ जाए हालांकि इस वक्त बीना को इतनी इनसिक्योरिटी होनी ही नहीं चाहिए क्योंकि उसका बच्चा अभी-अभी पैदा हुआ है अगर मुन्ना 20 साल तक मिर्जापुर की गद्दी पर बैठ भी जाता है तो इससे फर्क क्या पड़ना था लेकिन वो इसी समय बीना राजा को कॉल करती है और कहती है कि जाके छोटे भैया को फटाफट से संभालो ठीक तो है ना राजा आता है और कहता है कि हां छोटे भैया तो आराम से सो रहे हैं तब बीना राजा को बताती है  कि मुन्ना बहुत गुस्से  मैं घर पे आ रहे हैं और वो यहां के राजा बनना चाहते हैं वो कुछ भी गड़बड़ कर सकते हैं राजा तुम पूरी तरीके से तैयार हो और छोटे भैया का ध्यान रखना राजा फोन काटने के बाद में छोटे से बच्चे के पास में आ जाता है यानी खुद ही के बेटे के पास में और कहता है कि तुम्हारे लिए हम कुछ भी कर सकते हैं मार भी सकते हैं और मर भी सकते हैं 

उधर दूसरी ओर दादा त्यागी त्यागी को यह बात पता चल गई थी कि उसका बेटा यानी कि जूनियर त्यागी ने ही अफीम का धंधा  किया है जिससे कि उसे इतनी नफरत थी वो सब कुछ उसने शुरू किया है और आखिर ऐसा उसने क्यों किया इस बारे में कुछ नहीं पता जहां पे उनकी वाइफ बैठ के उन्हें समझाती रहती है कि आप थोड़ा शांत रहिए आप थोड़ा अच्छे से बात करिए वो बड़ा लड़का है कुछ भी गड़बड़ हो सकती है जहां पे त्यागी जी अपने वाइफ को बड़ी गंदी तरीके से जवाब देते हैं और कुछ उल्टा सधा बोल देते हैं कि बड़ा लड़का तो बिल्कुल हमारे जैसा है लेकिन छोटे लड़के के बारे में हमें कुछ नहीं पता कि आखिर वो किसका है अब इतना गंदा इल्जाम लगने के बाद में तो ये आंटी भी चुप नहीं रहती और अपने हस्बैंड को बोल देती है कि आपकी बुद्धि तो आपके घुटने में है लेकिन आपके पास तो घुटने ही नहीं है यानी कि उनकी हाइट के ऊपर एक बहुत बड़ा कमेंट करती है और कहती है क्या बुरा लगा ना आपको तो हमें भी इतना उल्टा सीधा मत बोला करिए आप बस शांत रहिए वो बच्चा है कुछ गड़बड़ कर दी है उसे माफ कर दीजिए वो अगली बार से ऐसा कुछ नहीं करेगा 

दूसरी ओर  पंडित जी और उनकी वाइफ बड़े खुश थे क्योंकि आज लाला को और गुड्डू को अरेस्ट करने वाले थे यानी कि गुड्डू अब लौट आएगा इसी के साथ में गुड्डू और शबनम साथ बैठ के बात कर रहे थे कि आखिर ये कब तक एक दूसरे का साथ निभा पाएंगे क्या गुड्डू ये सब कुछ छोड़ के शबनम को चूज कर पाएगा यानी कि कालीन भैया से अपना बदला भूल के क्या वो अपनी नई फैमिली बसाना चाहता है 

उसके बाद फिर हम कालीन भैया को देखते हैं जहां एक तरफ वीणा भागने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो बीना को अपने पास बिठा लेते हैं और कहते हैं कि थोड़ी देर हमारे पास ही बैठो बीना को कहते हैं कि आज हमें बहुत बुरा लग रहा है  बाबूजी भी हमें छोड़ के चले गए और अब हम सोच रहे हैं क्या मिर्जापुर मुन्ना को दे दें अगर इतना झगड़ा होता इस गद्दी के पीछे तो फिर आखिर मुन्ना ही इस चीज को ले ले तो ज्यादा ठीक है हमें जितना राज करना था हमने कर लिया अब हमें ये सब नहीं करना अब हम बहुत ज्यादा थक गए हैं अब बस हम आराम करेंगे वीणा इस वक्त आखिर क्या कहती इसी के कारण वो कालीन भैया की हां में हां मिला देती है कि आप जो भी सोच रहे हैं बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं मुन्ना भैया संभाल लेंगे

दूसरी तरफ गुड्डू शबनम को कहता है कि अभी के लिए तो हमें कुछ नहीं पता कि आखिर हम किसे चूज करेंगे लेकिन हम अपना बदला बिल्कुल नहीं भूल सकते इसी वक्त गुड्डू के पास में  वीणा का कॉल आता है और वो कहती है कि वक्त आ गया है यहां पे आने का परिवार बहुत ज्यादा कमजोर है परिवार वापस से ताकतवर हो जाए उससे पहले तुम लोगों को आना पड़ेगा बस हमारे बीच में हुई डील को मत भूलना बीना की डील ये थी कि मिर्जापुर के अंदर घुसने में बीना गुड्डू की मदद करेगी लेकिन इसके बदले में जब बीना का बेटा बड़ा हो जाएगा तो मिर्जापुर की गद्दी गुड्डू को बीना के बेटे को देनी ही पड़ेगी और गुड्डू इसके लिए हां कर देता है 

और आज वो वक्त आ ही गया था जब गुड्डू को अपना बदला लेना था इसी के साथ में मिर्जापुर भी चाहिए था तो इसी के कारण वो शबनम को नहीं चूज कर पाता क्योंकि एक बार वो इस मैटर से फ्री हो जाए उसके बाद वो अपनी फैमिली बसाने के बारे में सोचेगा अब तक गोलू को भी कॉल कर कर दिया गया था कि जितना जल्दी हो सके लोगों को लेकर आ जाओ गोलू पहुंचती है उन लोगों के पास में जिन लोगों को गुड्डू ने गंस वगैरह सब कुछ दी थी यहां गुड्डू मिर्जापुर के लिए निकलने ही वाला था और इतनी ही देर के अंदर पुलिस वालों ने यहां पे छापा मार दिया यानी कि मौर्या और पंडित दोनों ही मिलके लाला के घर पे पहुंच गए थे वो भी अरेस्ट वारंट लेकर वारंट का चार्ज था घर के अंदर अफीम की खेती होना और बहुत सारे इल्लीगल वेपंस होना लाला समझाने की कोशिश भी करता है मौर्या को कि बैठ के हम बात कर सकते हैं लेकिन मौर्या के सर पे खून सवार था इसी के कारण वो कहता है कि सब के सब निकलो और गलती से तभी यहां पे गुड्डू बाहर निकलता है गुड्डू के बाहर निकलते ही उसे हथकड़ी पहना दी जाती है लेकिन गुड्डू कहां किसी के हाथ में आने

वाला था उसने मौर्या को ही गन पॉइंट पे ले लिया था लेकिन मौर्या को भी पता था कि अगर गुड्डू की कोई नस नहीं दबाई जाए तब तक गुड्डू यहां पे कंट्रोल में नहीं आ सकता पंडित जी भी उसे समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन वो अपने ही पापा को बोलता है कि अभी आप दूर रहिए अभी हमें आज बहुत इंपॉर्टेंट काम के लिए निकलना है एक बार हमारा वो काम हो जाने दीजिए फिर हम खुद आ जाएंगे गुड्डू यहां पे पीछे जाने लगता है गाड़ी के अंदर बैठने ही वाला था लेकिन तभी यहां पे मौर्य  जाकर शबनम के सर पे बंदूक रख देता है गुड्डू को इसी के साथ में ब्लैकमेल भी करता है कि अगर तूने सरेंडर नहीं किया तो अभी के अभी हम इस लड़की को मार देंगे लाला भी कहता है कि इन सब के अंदर हमारी बेटी का क्या लेना देना तो मौर्या कहता है कि अब तो आपकी बेटी बीच में आ गई है अगर गुड्डू को पकड़ना है तो हमें किसी चीज का तो सहारा लेना ही पड़ेगा गुड्डू के पास कोई ऑप्शन नहीं था इसी के कारण उसे अरेस्ट होना पड़ता है जहां वो शबनम को गुड बाय करता है उससे माफी मांगता है कि हम तुम्हें कभी खुशी नहीं दे पाए जाते-जाते मौर्य पंडित जी को मना करते हैं कि आप इस गाड़ी में मत चलिए अच्छा नहीं लगेगा ना आप बाप बेटे एक साथ अंदर थाने के अंदर एंट्री करेंगे आप दूसरी गाड़ी से आइए हम गुड्डू को लेके थाने तक पहुंचते हैं 

जिसके बाद में सीन यहां मुन्ना के कमरे पे शिफ्ट होता है वो नहा धोके कमरे से बाहर निकला ही था और राजा गन उसपर शूट कर देता है राजा को बस यह बोला गया था कि उसे छोटे बच्चे का ध्यान रखना है ना कि जाके सीधा मुन्ना को ठोक देना है लेकिन मुन्ना तो मुन्ना था पता नहीं कैसे वो सबसे बचता जा रहा था और इस बार भी वो राजा को पकड़ के बहुत बुरी तरीके से मारता है और उसके बाद में पूछता है कि बता तुझे किसने भेजा हमें मारने के लिए राजा यहां पे बात पलट देता है और बताता है कि कालीन भैया ने उसे भेजा है मारने के लिए क्योंकि वो नहीं चाहते कि मिर्जापुर की गद्दी पर कोई भी बैठे इस बात से तो मुन्ना का बिल्कुल दिमाग खराब हो जाता है और वो सोच लेता है कि उसका बाप बहुत बुरा है और उसे कभी भी अपने बेटे के जैसा मानता ही नहीं है मुन्ना अब राजा को तो मार देता है 

उसके बाद फिर से हम पंडित जी को देखते हैं  पंडित जी के पीछे-पीछे गुड्डू की गाड़ी आ रही थी गुड्डू वाली गाड़ी को मौर्या एकदम से मोड़ देता है जब पंडित जी पूछते हैं कि वो गाड़ी कहां गई है तो पुलिस वाला बताता है कि वो बस पास वाले थाने के अंदर साइन करके निकल ही रहे हैं हम लोग चलते हैं लेकिन पंडित जी को डाउट हो जाता है और वो गन निकाल लेते हैं अब जैसा कि  मौर्य सोच के आया था कि उसे गुड्डू का एनकाउंटर करना है तो वो यही करता है वो गुड्डू को आगे भेजता है कि तुम आगे जाओ और बस भागते रहो हम डायरेक्ट तुम्हें मार देंगे और यहीं पर तुम्हारा किस्सा खत्म हो जाएगा गुड्डू कहता है कि मैं काहे भागो तुम हमारे सीने पे मारो गुड्डू पलट जाता है और कहता है कि अगर हमें मरना ही होगा तो हम ऐसे ही मरेंगे सीने पे गोली खाएंगे पीछे पंडित जी पहुंच चुके थे क्योंकि पंडित जी को तो डाउट था ही कि मौर्या कुछ तो गड़बड़ कर रहा है और वो मौर्या को चिल्ला चिल्ला के बोलते हैं कि मौर्या जी देखो हमारे बेटे को इतनी बड़ी सजा मत दो हम इसे कोर्ट तक ले जाएंगे वहां इसे सही सजा दे दी जाएगी तब मौर्या कहते हैं कि आज तक किसी को भी सजा नहीं दी गई है इसके बाद में हम मुन्ना को भी पकड़ेंगे और कालीन भैया को भी पकड़ें लेकिन शुरुआत तो हम इसी से करेंगे पंडित जी अपनी आंखों के सामने देख रहे थे कि मौर्या गुड्डू को शूट कर ही देगा और एक बाप  अपने बेटे की मौत सामने देखकर बाप भी क्रिमिनल बन जाता है क्योंकि उसने मौर्या को शूट कर दिया था गुड्डू को कहीं ना कहीं ये चीजें बहुत नेचुरल लग रही थी वो आता है और अपने बाप के पास में जाके बैठ जाता है पंडित जी को समझाता है कि देखिए अब आपको पता चला कि इस सिचुएशन के अंदर आके कोई भी इंसान अपने दिमाग की स्थिति भूल सकता है जब बात परिवार के ऊपर आती है तो कोई भी गन चला सकता है अब आप में और हम में कोई भी अंतर नहीं रहा तो पंडित जी कहते हैं कि हम इस चीज का हरजाना जरूर भुगतेंगे  अगर हमने गलत काम किया है तो हम खुद जाके ये स्वीकार करेंगे कि हमने मारा है लेकिन तुम्हारे पास आखिर क्या प्रॉब्लम है तब गुड्डू कहता है कि हमें अपना नहीं बल्कि बबलू का बदला स्वीटी का बदला लेना है  इन लोगों से बदला ले लिया जाएगा तब जाके हमें शांति मिलेगी और हम तो कह रहे हैं आप हमें अभी मत रोकिए 

दूसरी ओर जब छोटे त्यागी का झूठ पकड़ा गया था तो वो बड़े त्यागी के सामने बैठा था बड़े त्यागी छोटे त्यागी को कहते हैं कि हां भाई बताओ तुमने ऐसा क्यों किया तुम उस लड़की के साथ मिले हुए थे और हमारे पीठ पीछे अफीम बेच रहे थे तो छोटा त्यागी माफी मांगता है कि दद्दा हमें माफ कर दीजिए हमसे गलती हो गई है हम अगली बार नहीं करेंगे अगर हम आपको बताते तो आप कभी हां नहीं करते और ऊपर से प्रॉफिट भी बहुत ज्यादा था तब दद्दा त्यागी कहते हैं कि चलो कोई बात नहीं हमने तुम्हें माफ कर दिया लेकिन एक बार हमें कहते तो सही चलो ठीक है ये बात भी छोड़ो सब चीजें रफा-दफा करते हैं उस लड़की को बोलो कि आके हमें सॉरी बोल दे तो छोटा  त्यागी बोलता है दद्दा वो सॉरी क्यों बोलेगी तो दद्दा बोलते हैं कि हम सब चीजें माफ कर देंगे उस लड़की को बोलो आए यहां पे हमसे माफी मांगे और सब हिसाब किताब बराबर हो जाएगा त्यागी को पता था कि गोलू कभी भी सॉरी नहीं बोलेगी लेकिन कहीं ना कहीं त्यागी को ये भी पता था कि वो गोलू से प्यार करता है और हो सकता है गोलू उसकी बात मान के यहां पे आ भी जाए वो गोलू को कॉल करता है और कहता है कि प्लीज हमारी बात समझो अभी कि अभी यहां पे आ जाओ बहुत ज्यादा अर्जेंट मैटर है लेकिन गोलू तो इस वक्त मिर्जापुर के लिए निकली हुई थी और उसे पता था कि उसे गुड्डू के पास जाना है वो त्यागी को सीरियस में नहीं लेती और कहती है कि अभी हमें बहुत ही अर्जेंट काम करना है हम तुमसे बाद में बात करते हैं और वो फोन रख देती है इस बात को लेके दद्दा छोटे त्यागी की बहुत टांग खींचता है कि ये लो देख ली तुमने अपनी ऐसी तैसी लड़की के पीछे कि लड़की तुम्हें भाव तक नहीं देती और तुम उसके पीछे-पीछे घूम रहे हो 

बड़ा त्यागी भी छोटे त्यागी को सुनाता है कि तुम लड़की के पीछे अपने ही बाप और भाई से दगाबाजी करके अफीम का बिजनेस कर  लिया कहीं ना कहीं छोटे त्यागी को भी फील हो रहा था कि गोलू ने उसका काट दिया है और उसके दद्दा त्यागी बिल्कुल ठीक थे लेकिन दद्दा त्यागी यहां पे एक बहुत ही बुरी पनिशमेंट देते हैं वो कहते हैं कि कोई बात नहीं इस लड़की को भी छोड़ो पनिशमेंट तो तुम्हें दी जाएगी तुम्हें नहीं बल्कि तुम तो हमारा खून हो जाके तुम मामा जी को मार दो क्योंकि मामा तुम्हारे साथ में थे ना त्यागी देखता रह जाता है कि आखिर दद्दा कह क्या रहा है

पीछे मामा खड़ा था जो कि रोता रहता है कि आखिर आप ऐसे कैसे कर सकते हैं हमने इतने साल आपको दिए हैं इतना काम किया है आपका और आप हमारे साथ में यह कर रहे हैं आप हमें मारने वाले हैं लेकिन दद्दा यह बात बिल्कुल नहीं सुनता दद्दा अपने बड़े बेटे को कहता है कि अगर छोटा त्यागी ये काम नहीं कर सके तो तुम मामा को मारो और उसके बाद में जाके गोलू को मार दो जब ये बात छोटा त्यागी सुनता है तो उसे बहुत बुरी तरीके से डर भी लगता है और गुस्सा भी आता है इस चक्कर मैं गन उठा लेता है अपने ही भाई के ऊपर ये चीज जब दद्दा देखता है तो उसे लगता है कि बात हाथ से निकल गई दोनों भाई एक दूसरे के ऊपर लड़की के चक्कर के अंदर गन तान के खड़े हो गए ऊपर से अब मामा भी चुप नहीं रहता मामा भी गन उठा लेता है और दद्दा को गालियां देने लगता है कि आपके चक्कर में हमने इतने साल बर्बाद करे और आज आप हमें ये सिला दे रहे हैं कि हमें जान से मरवा देंगे देखते ही देखते यहां पे गन फायर स्टार्ट हो जाती है सब एक दूसरे को मारने लग जाते हैं इस चक्कर के अंदर मामा तो मरता ही मरता है लेकिन सबसे बड़ा सस्पेंस ये था कि एक त्यागी भी मर जाता है लेकिन अब आखिर ये बड़ा त्यागी मरा है या छोटा त्यागी इस बात का पता मिर्जापुर सीजन 3 के अंदर रिवील होगी कि आखिर कौन सा त्यागी बचा है 

उसके बाद में मुन्ना यहां पे  शरद को कॉल करता है कि पापा ने हमें मारने की कोशिश करी है लोग भेज रहे हैं वो हमें मारने के लिए अब बहुत हुआ हम भी पापा को आज जान से मार ही देंगे अब इससे ज्यादा हम बर्दाश्त नहीं कर सकते तुम बस आ जाओ जल्दी से अपनी फोर्स लेके शरद ये बात सुनता है और इस समय बिल्कुल शांत था कि शायद आज ये बाप बेटे एक दूसरे को मारने के चक्कर में मर जाएं और मिर्जापुर पूरा का पूरा शरद का हो सकता है लेकिन उसकी मां बोलती है कि थोड़ा ध्यान से रहना कुछ भी गलत चीज मत कर देना मुन्ना अपने गन लेके निकल जाता है लेकिन शरद यहां पे डबल गेम खेल जाता है शरद यहां पे डायरेक्ट कालीन भैया को कॉल लगाता है और कहता है कि मुन्ना पागल हो गए हैं आपको मारने के लिए निकले हैं आप अपनी फोर्स को तैयार रखिए बस बाकी हम वहां पे पहुंच ही रहे हैं कालीन भैया ने सुन तो लिया था कि शरद ने उसे क्या कहा है लेकिन इसके बाद में कालीन भैया खुद अपनी सारी की सारी फोर्स को भेज देते हैं कि हमें यहां पे अकेला रहना है कोई भी यहां पे नहीं रहेगा सारे के सारे गार्ड्स चले जाते हैं और कालीन भैया बिल्कुल अकेले बैठे थे ऊपर से उन्होंने तो गन भी छोड़ दी थी 

गुड्डू भी सही वक्त पे उन लोगों से आके मिल गया था जिन लोगों ने उससे वादा किया था कि वो एंड मौके पे काम आएंगे गोलू भी पहुंच चुकी थी ये सारे के सारे मिलके मिर्जापुर के लिए निकल गए थे अब यहां पे मुन्ना भी पहुंच जाता है और अपने पापा से बातचीत करने लगता है कि आखिर क्या हुआ है कैसे हुआ है एक वक्त ऐसा आता है कि जब कालीन भैया पीछे मुड़ने ही वाले थे और मुन्ना उसे शूट करने ही वाला था लेकिन तभी वो कुछ सोच के बस रुक जाता है वो अपने बाप को मार ही नहीं पाया तब वो कहता है कि आखिर आपने ऐसा क्यों किया हमारे साथ में हमें बस मिर्जापुर ही तो चाहिए था उसके चक्कर में क्या आप हमें मारने के लिए भेजने वाले थे लोग हम पे हमला कर रहे हैं आपका नाम लेके तो कालीन भैया कहते हैं कि बेवकूफ हो गए हो क्या तुम एक बाप कभी भी अपने बेटे को नहीं मार सकता चाहे कितना भी कुछ हो जाए बल्कि हम तो सोच रहे थे कि हम मिर्जापुर तुम्हें दे दें आज से ये गद्दी तुम संभालोगे बोलो कर पाओगे तो एकदम से मुन्ना के सामने सारी चीजें बदल जाती है कि ये क्या हो गया कालीन भैया तो खुद मुन्ना को मिर्जापुर देने के लिए तैयार है जहां पे कालीन भैया कहते हैं कि सारी बातों को छोड़ो आओ और आके गले लगो शरद पीछे रेडी था कि किस त्रिपाठी को जान से मारे लेकिन जब शरद देखता है कि इनका तो भरत मिलाप हो गया है तो शरद इन्हें शूट करने वाला था तभी एकदम से शरद की बजाय किसी और ने सूट कर दिया  और वह गोली कालीन भैया को लगता है और हमें पता चलता है कि यहां पर गुड्डू और गोलू दोनों पहुंच गए हैं देखते ही देखते यहां फायरिंग स्टार्ट हो जाती है अब कालीन भैया की तो कोई भी सिक्योरिटी नहीं थी ऊपर से शरद ने अपने सारे लोगों को रोक के रखा था तो जितने भी लोग फायर कर रहे थे वो सारे के सारे गुड्डू और गोलू के थे कालीन भैया और मुन्ना दोनों को काफी सारी गोलियां लग चुकी थी उसके बावजूद भी इनकी सांसें चल रही थी गुड्डू की तो बैसाखी टूट गई फिर भी वो आगे बढ़ता ही जाता है और गुड्डू मुन्ना तक पहुंच जाता है और मुन्ना कहता है कि हमें पता था एक ना एक दिन तो ऐसा आएगा ही आएगा मारो तुम्हें मारना है तो लेकिन गुड्डू बस उसे देख ही रहा था कि आज मुझे इसकी आंखों में देखना है कि मरते वक्त कैसा लगता है जब उसने बबलू को और स्वीटी को मारा जिनका कोई कसूर भी नहीं था फिर ऐसा क्यों किया लेकिन यहां पे मुन्ना मरते वक्त भी घमंड में था वो कहता है जल्दी करो हमें जल्दी मारो हमसे रुका नहीं जा रहा है और वो अपनी आंखें बंद कर लेता है लेकिन इस बार गुड्डू और गोलू दोनों ही कहते हैं कि बस हम तुम्हारे आंखें खुलने का ही वेट कर रहे थे जैसे तुम आंखें  खोलोगे और हम तुम्हें शूट करेंगे और जैसे ही मुन्ना अपनी 

आंखें खोलता है उसे शूट कर दिया जाता है यानी कि यहां पे मुन्ना का किस्सा खत्म हो चुका था उसके बाद गुड्डू जी भरकर रोता है क्योंकि अब जाके उसके भाई और उसकी वाइफ को शांति मिली होगी यानी कि उसने बदला पूरा कर लिया है अब बारी थी कालीन भैया को मारने की लेकिन शरद कुछ ना कुछ तो सोच रहा था इस वक्त कालीन भैया पूरी तरीके से मरे नहीं थे बल्कि उनके अंदर कुछ सांसें बाकी थी शरद तभी यहां पे अपने डिफेंस को भेजता है कुछ लोग आके फायरिंग स्टार्ट करते हैं  जिसके कारण गोलू और गुड्डू दोनों का ध्यान भटक जाता है जब वो वापस आके देखते

हैं तो इन्हें पता चलता है कि कालीन भैया गायब है और उन्हें पता चलता है कि शरद  कालीन भैया को अपने साथ ले गए हैं  इस समय कालीन भैया को अगर शरद मरता हुआ भी छोड़ के चला जाता तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन शरद ने कुछ तो सोचा होगा तब जाके वो कालीन भैया को अपने साथ लेके आया जिसके बाद में गुड्डू पहुंच जाता है त्रिपाठी कोठी के अंदर 

अभी यहां पर दो भाई में से एक भाई मारे गए हैं मुन्ना भैया मारे गए हैं कालीन भैया का अता-पता नहीं है बाबूजी मारे गए हैं वीणा बागी है मकबूल बागी है इसका मतलब अब मिर्जापुर हुआ गुड्डू का वो पैर रखने वाले छोटे चेयर को हटाता है और खुद चेयर के ऊपर बैठ जाता है 

उसके बाद इस एपिसोड के लास्ट में हम देखते हैं कि अपने बड़े भाई की कि अंगूठी को लेके गोल-गोल घुमाता है क्योंकि हमने पूरे सीजन के अंदर देखा था कि जो बड़ा त्यागी था वो आराम से अपनी अंगूठी को गोल-गोल घुमाया करता था लेकिन छोटे त्यागी को ये घुमाना आता ही नहीं था और उसके हाथ से अंगूठी नीचे गिर जाती है साथ ही में दद्दा भी ये विश्वास कर चुके थे कि छोटा त्यागी मरा है और बड़ा त्यागी जिंदा है इसी तगड़े सस्पेंस के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 10 खत्म हो जाता है 

अब हमें यह देखना है कि क्या हम लोग मिर्जापुर सीजन 3 में मुन्ना भैया को जिंदा देख पाएंगे या फिर क्या कालीन भैया जिंदा हो पाएंगे क्या गुड्डू अच्छी तरीके से मिर्जापुर को चला पाएगा छोटा त्यागी आगे जाकर गोलू के साथ बदला लेगा या नहीं या इनकी लव स्टोरी चलेगी इसी तगड़े सस्पेंस के साथ मिर्जापुर सीजन 2 एपिसोड 10 खत्म हो जाता है 

तो फ्रेंड्स पिछले वीडियो में मैंने आपको एक ऐसे वेब सीरीज के बारे में बताया था जो कि आजकल काफी फैला हुआ है जहां पर हर नौजवान लड़का एक लड़की अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए लड़कियों से बात करता है और इसी में उसके साथ स्कैन हो जाता है जिसमें भारत में कई ऐसे लोग हैं जो अपनी जान गवा चुके हैं अगर आप भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहते हैं अपने परिवार की जिंदगी और इज्जत को खराब नहीं करना चाहते हैं तो आप उसे वेब सीरीज को वॉच कर सकते हैं और आप यह जान पाएंगे  कि आपके साथ यह स्कैन कैसे हो सकता है जिससे कि आप सतर्क हो पाए उसे वीडियो का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा आप वॉच कर सकते हैं तो फ्रेंड्स कैसा लगा हमारा फिल्म रिव्यू वीडियो अगर हमारा वीडियो आपको पसंद आया हो तो हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब करें और कमेंट करें कि आप कौन सी मूवी का स्टोरी जानना चाहते हैं तो फ्रेंड्स मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में फिर किसी और धमाकेदार  मूवी की स्टोरी के साथ तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद 

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